राजनीतिक चुनावी सरगर्मियां हुई खत्म और सामाजिक चुनावी सरगमियां हुई तेज–विजय की कलम

विगत दो माह से लगातार पूरे प्रदेश में चुनावी माहौल था कोई भी ऐसा दिन नहीं था जब किसी भी पार्टी का नेता, सभा ,या रोड शो ना किया हो प्रतिदिन प्रदेश के किसी भी शहर में कांग्रेस या भाजपा दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय नेता, प्रदेश के नेता पहुंच रहे थे आम सभा करने के लिए रोड शो करने के लिए पूरा माहौल चुनावी था 7 मई के बाद अब प्रदेश में शांति है अब सबको इंतजार है 4 जून का जब 11 लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों की किस्मत का ताला खुलेगा कौन हारेगा कौन जीतेगा यह तो उस दिन पता चलेगा अभी तो सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा को 10 सिटे मिलेगी कांग्रेस को एक सिट मिलेगी कोई बोलता है भाजपा को आठ सिट, कांग्रेस को तीन सिट,मिलेगी यह तो उसी दिन पता चलेगा जनता ने क्या फैसला सुनाया है

( भूपेश को अपनाया है या मोदी को ताज 👑 पहनाया है)

यह तो आने वाला समय ही बताएगा पर इतना तो जरूर है रिजल्ट चौंकाने वाला होगा क्योंकि वोटिंग ज्यादा नहीं हुई है और मतदाता भी शांत थे और इस बार विधानसभा चुनाव से कांग्रेस ने सबक लेकर जो गणित खेला है उसमें लगता है जरूर कुछ ना कुछ बदलाव नजर आ रहा है मेहनत तो खूब की है इस बार कांग्रेस ने कोई दो मत नहीं पर इसका रिजल्ट कितना उनके मन मुताबिक आता है यह देखना बाकी है क्या कांग्रेस ने जो दाव खेला था महा लक्ष्मी धन 💰योजना का एक लाख साल में महिलाओं को देने का और फॉर्म भरवाने का अब देखना यह है कि इसमें महिलाओं ने कितना उसे सच माना 😯💭 और कितना ❤पसंद किया या लक्ष्मी की तरह कांग्रेस पर भी महिलाओं के वोट बरसते हैं कि सिर्फ यह चुनावी वादे ही की तरह रह जाते हैं

( क्या मोदी की गारंटी चलेगी विधानसभा की तरह ,या यहीं खत्म हो जाएगी )

यह भी देखना लाजमी होगा जो भी होगा 4 जून को होगा 4जून को पता चलेगा

(किया भाजपा 400 के पार जाती है या 300 में ही अटक जाती है)

इन सारे सवालों के जवाब 4 जून को ही मिलेंगे तब तक जनता भी अब आराम करेगी और अब घर का कुछ काम करेगी तीज त्योहारों में फिर से व्यस्त हो जाएगी शादी में शहनाई फिर से बजनी शुरू हो जाएगी यह तो ,थी राजनीतिक चुनावी सरगर्मियों की बात अब आते हैं सामाजिक चुनाव के सरगर्मियों की बात पूज्य सिंधी पंचायत कश्यप कॉलोनी में भी चुनाव की नौबत आ गई है जैसा कि सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि रविवार 12 मई को चुनाव होने की संभावना लगभग तय है हो सकता है कि ना ही हो थोड़ा समझाए ओर बात बन जाए पर जहां तक उम्मीद है चुनाव होगा क्या वर्तमान मुखी जो चुनाव में खड़े होंगे जैसा कि उन्होंने कहा भी है क्या वह चुनाव जीत जाएंगे या पूर्व मुखी या कोई नया प्रत्याशी उन्हें हराकर विजय का स्वाद 👅 चखेगा अध्यक्ष का पद उसे मिलेगा यह देखना लाजमी होगा पर दोनों पार्टियां अभी से ही जोर लगाना शुरू कर दीया है एक तरफ अपने 2 साल के कार्यकाल को लेकर वह जनता के बीच में जाने के लिए तैयार है दूसरी तरफ विपक्ष उनके दो साल के कार्यकाल को खोखला बता रही है और अपने पूर्व किए गए कार्यों की बदौलत वोट पाना चाहती है दोनों मैदान में उतर चुके हैं अपने-अपने पासे फेंक चुके हैं चुनाव कोई भी जीते पर , इतिहास तो जरूर बनेगा अगर वर्तमान अध्यक्ष चुनाव जीतता है तो यह पहली बार होगा कि एक व्यक्ति सर्व सहमिति से अध्यक्ष बना , फिर दोबारा अध्यक्ष बनने के लिए चुनाव लड़ा और अपने दम पर चुनाव जीता यह इतिहास बनेगा ,अगर वह हारता है तभी भी,इतिहास बनेगा कि,किस तरह सर्व सहमिति से पहली बार अध्यक्ष बना और दोबारा अध्यक्ष बनने के लीए चुनाव लड़ा हार गया इन दोनों बातों में ही बिलासपुर की राजनीतिक तय की जाएगी क्योंकि पंचायत तो बहुत छोटी है लेकिन नेता जो यहां रहता है वह बहुत बड़ा है 2025 में होने वाले केंद्रीय पंचायत के चुनाव की जो राजनीति है यहीं से आरंभ होती है ओर वर्तमान अध्यक्ष का निवास भी यही है और वह इस पंचायत के संरक्षक भी है इसलिए यह चुनाव मामूली नहीं है बहुत महत्वपूर्ण है दोनों पार्टियों के लिए दोनों अपना जोर लगा रही है अब क्या खेल हो जाएगा यह तो समय ही बताएगा यहां पर भी जनता शांत है कुछ नहीं बोल रही है अब वक्त ही बताया किसके सर पर अध्यक्ष पद का ताज 👑 पहनाया जाता है चुनाव कोई भी हो महत्वपूर्ण यह है कि जनता क्या चाहती है इसलिए जनता के दिल 💜❤ जीतने का मंत्र जीसने जान लिया उसने चुनाव जीत लिया ,जीसने जनता के दिल में जगह बना ली उसने चुनाव जीत लिया यही गुरु मंत्र है अब देखना है यह मंत्र कौन किस तरह पता है वह इसका इस्तेमाल केसे , करता है
👯 हमे भी 12 मई का ईतंजार है ओर बिलासपुर सिंधी समाज की दशा और दिशा यह चुनाव तय करेगा

भवदिय
विजय दुसेजा