विजय की ✒कलम,-(संपादकीय)
विगत दो लोकसभा चुनाव , 2014 और 2019 में जिस तरह भारतीय जनता पार्टी ने भारी बहुमत से अपने दम पर सरकार बनाई वह काबिले तारीफ था और इतिहास भी बनाया पर जैसे 2024 का चुनाव आया और जिस तरह नारा दिया गया था अबकी बार 400 पार और जैसा माहौल पुरे देश में क्रिएटिव किया गया था सोशल मीडिया के माध्यम से वह अन्य मीडिया संसाधनों के माध्यम से और जिस तरह चुनावी माहौल गर्म हो गया था सबको लग रहा था कि अबकी बार भाजपा सरकार 400 पार जाएगी, छोटे से लेकर बड़े तक सबके मुंह में यही नारा था और यही कहना था दो दिन पूर्व भी सभी चैनलों ने यही घोषणा कर दी थी 350 से लेकर 401 तक भाजपा बहुमत हासिल करेगी, गठबंधन के साथ जैसे ही कल सुबह 8:00 बजे से रुझान आने शुरू हुए और दोपहर तक स्थिति साफ हो गई कि भाजपा लड़ाई तो जीत गई पर अपने दम पर नहीं, ओर पूर्ण बहुमत
अपने दम पर नहीं ला पाई और एनडीए गठबंधन 293 सिटो पर जीत करीब करीब पहुंच गया है सभी राजनीतिक पंडित वह एग्जिट पोल , गलग साबित हो गये और विपक्ष मजबूत बनकर उभरा लगभग 232, से 2 35 सिटे विपक्ष के खाते में जा रही है इंडिया गठबंधन के पास भाजपा को सबसे बड़ा जो झटका लगा है वह है यूपी में जहां पर भगवान श्री रामचंद्र जी का मंदिर का उद्घाटन किया गया मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा समारोह का कार्यक्रम आयोजन किया गया उसके बाद भी झटका लगा है ,वह दुसरा प्रदेश है राजस्थान, बंगाल व महाराष्ट्र में साउथ में ज्यादा सिटो का भरोसा था मिलेगी वह नहीं मिल पाई छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश और गुजरात में भाजपा की लाज बचाई पर बाकी जगह हाल बेहाल रहा बड़े-बड़े नेता चुनाव हारे कहीं ना कहीं इसका कारण है ओवर कांफिडेश वह अहंकार, की, मोदी है तो मुमकिन है हम 400 पार भी हो जाएंगे जो जनता को अच्छा नहीं लगा लोकतंत्र में सबसे बड़ी जनता होती है तो इसलिए जनता को बगैर कॉन्फिडेंस में लिए विश्वास में लिए अपने मन से ही यह नारा दे दिया अबकी बार 400 पार, यह बात कहीं ना कहीं जनता के मन में नागवार गुजरी और मोदी के लिए तो प्रेम था पर कहीं ना कहीं उनके नेताओं व कार्यकर्ताओं और सांसदों के प्रति कुछ न कुछ रोष था जिसको भाजपा समझ नहीं पाई ओवर कॉन्फ्रीडेस की वजह से और विपक्ष ने इसको कैच कर लिया सिर्फ सोशल मीडिया में अखबारों में टीवी चैनलों में प्रचार करने से वोट प्रतिशत नहीं बढ़ता है बल्कि जमीनी स्तर पर कार्य करना होता है मोदी जी 10 साल सत्ता में रहे और जमीनी हकीकत को जानते थे अच्छी तरह समझते थे फिर भी वह भी कहीं ना कहीं इस बार अहंकार के शिकार हो गए जिसका नतीजा सबके सामने हैं और, ओवर कॉन्फिडेंस के भी शिकार हो गए अब उम्र का तकाजा भी यही है गठबंधन के माध्यम से सरकार चलाएं वह जनता को विश्वास में लेकर जनता के हितों के लिए कार्य किया जाए और जमीनी स्तर पर खासकर जो कार्यकर्ता है उनका भी ध्यान रखा जाए पिछली बार जो कमी रह गई थी उसे अब पूरा करे
और 2029 की तैयारी अभी से शुरू कर देनी चाहिए और अबकी बार योगी सरकार का नारा देना चाहिए ओर समय भी अब मोदी का यह आखरी है अब योगी का समय आने वाला है इसलिए योगी को ही आगे करके 2029 की तैयारी अभी से शुरू करनी चाहिए तभी भाजपा को कहीं ना कहीं इसका फायदा जरूर मिलेगा और यह चुनाव सभी नेताओं को और विपक्ष को भी समझना होगा जो ओवर कॉन्फिडेंस में रहते हैं
की जनता ही जनार्दन है और जो विपक्ष हर बार कहता है कि ईवीएम मशीन में गड़बड़ी है अब इस बार वह नहीं बोलेगा क्योंकि विपक्ष को ज्यादा सिटे मिली हैं इसलिए अपने हार का ठीकरा ईवीएम पर न फोड़े बल्कि अपनी गलतियों को स्वीकार करें उन्हें दूर कीजिए और यह जीत भाजपा कि नहीं है
एनडीए गठबंधन की है,
बल्कि जनता के मन में जो गुस्सा था और कहीं ना कहीं नेताओं के प्रति जो नकारात्मक बातें थी उसका फायदा विपक्ष ने उठाया है और जो वादा जनता से किया गया है उन्हें पूरा करना चाहिए एक मजबूत और ईमानदार विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए और देश हित के लिए एक होकर सभी पार्टियों को कार्य करना चाहिए
विरोध के लिए विरोध ना करें नहीं तो अगली बार विपक्ष का सुपड़ा ही साफ हो जाएगा मोदी सरकार को भी अब सभी गठबंधन साथी पार्टियों को साथ में लेकर सख्त ईमानदार और अच्छी सरकार जनता को दे और जो वादे किए हैं चुनाव में जनता से उसे सरकार बनते ही पूरा करने के लिए आगे बढ़ जाएं ताकि इसका फायदा आने वाले कई राज्यो के विधानसभा में वह 2029 लोकसभा चुनाव में पार्टी को को जरूर मिलेगा
हमारे नगर में भी एक मठाधीश है जिसको बहुत अहंकार है और गुरूर भी है उन्हें भी सीखना चाहिए ईस चुनाव से की किसी का भी अहंकार और गुरुर नहीं टिकता है ओर टूटता जरूर है एक दिन सबका , आपका अहंकार टूटेगा इतना अहंकार करना अच्छी बात नहीं है जमीनी हकीकत को अगर आप भी समझोगे तो उसमें ही आपका और समाज का हित है वरना सर्वनाश तो आपका निश्चित है जो जैसा करेगा वैसा फल 🍎🍊🍌🍉🍇🍒🍍 मिलेगा, बोया बाबुल तो आम कहां से पाए
भवदीय
विजय दुसेजा
