**शदाणी दरबार में बच्चों के ग्रीष्मकालीन ज्ञानवर्धक संस्कार शिविर का भव्य समापन पं रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति के सानिध्य में*
उत्साह के साथ बच्चों ने 19 मई से 2 जून तक चलने वाले ज्ञानवर्धक संस्कार शिविर में अत्यधिक संख्या में भाग लेकर उनके लिए संस्कार शिविर की महत्ता को प्रतिपादित किया। संस्कार शिविर में विभिन्न क्षेत्रों की प्रसिद्ध हस्तियों द्वारा बच्चों के संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास और उनमें संस्कारों के बीजारोपण का सफल प्रयास किया गया। विभिन्न विषयों पर अपने व्यक्तव्यों व्दारा बच्चों पर अपनी गहरी छाप छोड़ने वाली प्रसिद्ध हस्तियों में मुख्य रूप से 20 मई को “खुश रहने के तरीके” द्वारा अमिताभ दुबे, 21 मई “मेरा कर्तव्य और मेरा दायित्व” व्दारा डॉक्टर मुकेश निहाल, 22 मई “हमारे शास्त्र हमारा भविष्य” श्रीमती सोनम बत्रा, 23 मई “फॉर्मूला फॉर सक्सेस” कमलेश असरानी, 24 मई “मन पर अंकुश कैसे” व्दारा साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर इला गुप्ता एवं 25 मई डॉ ऋषि आचार्य, 26 मई “राष्ट्र सर्वोपरि” व्दारा सीए अमित चिमनानी, तथा “माइंड एंड सक्सेस” व्दारा सिकंदर मोगरे, 27 मई “सनातनी संस्कार” व्दारा स्वामी गोबिंदानंद (काशी) तथा श्री राम अवतार तिवारी एवं बालक भगवत भक्त(वृंदावन ), 28 मई “राष्ट्र सर्वोपरि” व्दारा ओम प्रकाश शर्मा,व “फॉर्मूला फॉर सक्सेस” व्दारा भूपेंद्र भाई पंड्या, 29 मई “मेरा खानपान कैसा हो” व्दारा श्रीमती पावनी शदाणी, 30 मई “लर्निंग इन्नोवेशंस” में फैसल सर, 30 मई “गोल सेटिंग” व्दारा पुरुषोत्तम मिश्रा, “हाउ टू बी हेल्दी” डॉक्टर अजय शेष और डॉ भीष्म शदाणी 31st मई स्पिरिचुअल म्यूजिकल तंबोला व्दारा श्रीमती साक्षी तालरेजा, हेमलता गाबड़ा, सोनिया गेहानी, “इंपैक्ट आफ म्यूजिक आन अवर लाइफ” व्दारा नरोदा मालिनी, ऑन 1st जून “मोरल फिलासफी” व्दारा कोमल रतनानी, “हाउ टू रिस्पेक्ट” सोनम पोपटानी, “डू योगा बी हेल्दी” व्दारा गायत्री अमरावत आदि रहे।
पूज्य शदाणी दरबार तीर्थ के वर्तमान् नवम् पीठाधीश्वर संत डॉक्टर युधिष्ठिर लाल जी महाराज ने स्कूलों में दिए जाने वाले ज्ञान के साथ अपनी पुरातन सनातन संस्कृति के आधार पर बच्चों में संस्कार सिंचन अति आवश्यक है ऐसा बताया, उन्होंने कहा कि, वर्तमान परिस्थितियों की वजह से बच्चे मानसिक रूप से कमजोर हैं, जिसके कारण से जल्द ही डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं तथा बच्चों के सुसाइड केसेस् में वृद्धि अति चिंतनीय है पालकों के पास बच्चों के लिए समय का कम होना भी इसका एक बहुत बड़ा कारण है, अतः सभी से निवेदन है कि, अपने बच्चों को अच्छे संस्कार सिंचन शिविरों में भेज कर उनके संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास और संस्कार सिंचन को सुनिश्चित करें।
आज समापन समारोह के मुख्य अतिथि माननीय डॉक्टर सच्चिदानंद शुक्ला कुलपति पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के सानिध्य में उनके ज्ञानवर्धक व प्रेरणादायक उद्बोधन के साथ इस शिविर का भव्य समापन हुआ।