सिन्धु तट पर गूंजे एक भारत-श्रेष्ठ भारत के नारे

लेखराज मोटवानी : भारत एक था,एक है और एक ही रहेगा,यह श्रेष्ठ था,श्रेष्ठ है और श्रेष्ठ ही रहेगा,बात लेह लदाख स्थित पवित्र सिन्धु तट पर भारतीय सिन्धु सभा द्वारा आयोजित सिन्धु दर्शन महोत्सव में उपस्थित अतिथियों ने अपने उदबोधन में कही।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में लदाख कल्याण संघ के अध्यक्ष डॉ.पदम गुरमीत उपस्थित थे,विशिष्ट अतिथियों के रूप में लदाख कल्याण संघ के संगठन मंत्री श्री बलविंदर जी तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक श्री आशीष जी उपस्थित थे।
बीते गुरुवार को आयोजित इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए भारतीय सिन्धु सभा के राष्ट्रीय महामंत्री राजेश वाधवानी ने बताया कि गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक,दिल्ली तथा राजस्थान से आए 481 यात्रियों ने पवित्र सिन्धु जल में स्नान के उपरांत सेहरां वाले साईं जी के सानिध्य में हवन तथा पूज्य बहिराणा साहिब की पूजा अर्चना की।इसके बाद लदाख के कलाकारों के अलावा छत्तीसगढ़ से आए कलाकारों ने सिंधी,गुजराती,
राजस्थानी,बंगाली तथा पंजाबी संस्कृति को दर्शाती अपनी प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. पदम् गुरमीत ने सिन्धु दर्शन महोत्सव के आरम्भ की जानकारी देते हुए कहा कि मात्र 50 यात्रियों से शुरू हुई यह सिन्धु दर्शन यात्रा आज भव्य स्वरूप ले चुकी है, यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। भारतीय सिन्धू सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगतराम छाबड़ा ने अपने उदबोधन में कहा कि लदाख को शेष भारत से जोड़ना इस महोत्सव का प्रमुख उद्देश्य है।
राष्ट्रीय महामंत्री राजेश वाधवानी ने स्वागत भाषण तथा आयोजन की प्रस्तावना में बताया कि ऐसे आयोजन से यात्रियों में त्याग,समर्पण और अनुशासन की भावना का विकास होता है।
इस अवसर पर मुकेश लखवानी,दिनेश टहिल्यानी, अशोक अगनानी,सुरेश हेमनानी,कांति पटेल,प्रफुल्ल गोस्वामी, सुरेंद्र नाइक,राजू बालानी,दिनेश दोदानी,
मुरलीधर शादीजा,नमोश तलरेजा, घनश्याम वाधवा प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन विनीता भावनानी ने किया तथा आभार प्रदर्शन मुकेश लखवानी ने किया।

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