*तालापारा के प्रधानमंत्री आवास ग़रीबों को क्यों नहीं बना पा रही सरकार,विस्थापित कब तक दुर्दशा में रहेंगे— शैलेश**ठेकेदार मनमानी किसके संरक्षण में कर रहा है,सरकार ठेकेदार पर नकेल क्यों नहीं डाल पा रही**तालापारा के साथ बीजेपी हमेशा सौतेला व्यवहार करती है— शैलेश*तालापारा के लोगों को बिलासपुर से बाहर करने की साज़िश बीजेपी की सरकार वर्षों से करती आयी है जिसका विरोध कांग्रेस ने किया तो बड़ी मुश्किल के बाद तालापारा के लोगों को वही पर मकान दिया जाएगा यह परियोजना बनी और उसके बाद उनके मकान तोड़ दिये गये और ग़रीबों को इधर उधर शिफ्ट किया गया यह बोलकर कि आपको मकान वही पर देंगे जिसमे कि सभी को सही तरीक़े से विस्थापित नहीं किया गया।अब बहुत समय बीत चुका है लेकिन तालापारा की जनता को मकान देना तो दूर उनके मकान अभी तक बनना भी शुरू नहीं हो पाये है।कामधाम के लिए जनता को दूर आना जाना पड़ता है और ग़रीबी में गुजरा हो नही पा रहा है,बाल बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है इस पर ध्यान सरकार का बिलकुल नहीं है।चुनाव में प्रधानमंत्री आवास सबके लिए मिलेगा जैसा झूठा वादा बीजेपी करती है और चुनाव जीतने के बाद ग़रीबों को भूल जाते है।मकान ठेकेदार आख़िर किसकी शह में मकान नहीं बना रहा है जबकि ठेकेदार अपना पैसा भी बढ़वा लिया है फिर भी ग़रीबों को मकान नहीं मिल पा रहा है और शायद कब मिलेगा ये भी पता नहीं है। ठेकेदार को विलंब के लिए क्या जुर्माना लगाया गया ? ये सवाल भी उत्पन्न होता है।तालापारा की जनता को घर,बिजली,पानी सभी सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ता है और परेशानी के साथ वो अपने परिवार को चला पाते है। तालापारा की जनता के साथ बीजेपी हमेशा सौतेला व्यवहार करती आयी है।