विजय की ✒कलम
( संपादकीय)
जैसा कि आपको ज्ञात होगा 2023 में दो चुनाव हुए थे एक चुनाव था बिलासपुर का पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत , का दूसरा हाईटेक
आदर्श पूज्य सिंधी पंचायत जूना बिलासपुर का जो की 23 अप्रैल को हुआ था और कुछ माह बाद
में पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत का चुनाव भी हुआ दोनों चुनाव बहुत महत्वपूर्ण थे और दोनों में बहुत कुछ गोलमाल हुआ उस समय ,दोनों चुनाव के प्रत्याशियों ने विरोध भी किया था और काफी सारी बातचीत सोशल मीडिया में वायरल भी हुई थी कि दोनों चुनाव में बहुत गोलमाल हो रहा है और वोटर लिस्ट में बहुत गड़बड़ जाल है पर अभी हम बात कर रहे हैं
जीसमें पूरे शहर की नजर उसमें लगी हुई थी और सब बड़े-बड़े लोग इस चुनाव में इंवॉल्व थे यह चुनाव था पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत का चुनाव जो नाक की इज्जत का सवाल बन गया था चुनाव में तीन प्रत्याशी थे पर चुनाव के पूर्व ही वोटर लिस्ट में धांधली की बात आने लगी और सोशल मीडिया में यह बात ज्यादा वायरल भी हो रही थी की पूज्य सिंधी पंचायत कश्यप कॉलोनी की वोटर लिस्ट सही नहीं है क्योंकि जैसा की सूत्रों से मिली जानकारी की पहले जो वोटर लिस्ट जारी की गई थी वह 10 लोगों की थी संविधान के हिसाब से जिस पंचायत में जितने घर हैं उनका 10% ही मतदाता वोट कर सकते हैं और वोट भी जो उस वार्ड के पंचायत में कार्यकाणी सदस्य व पदाधिकारी हो उनमें से अध्यक्ष 10% लोगों का नाम सेंट्रल को भेजता था जैसा कि बताया जाता है कि पूज्य सिंधी पंचायत कश्यप कॉलोनी में 100 घर के आसपास है उस हिसाब से 10% , के तहत
10 वोट होते हैं , वहां पर दो वोटर लिस्ट गई थी एक 10 लोगों की दूसरी 30 लोगों की जब इस बात की जानकारी प्रत्याशी को लगी तो काफी विरोध हुआ मीडिया में भी हल्ला मचा पत्रकार ने भी सवाल जवाब किया और चुनाव अधिकारी ने कहा कि हम जांच करेंगे चुनाव अधिकारी के पास भी शिकायत गई मैं खुद चुनाव अधिकारी पि एन खत्री जी से बात की थी की जो भी फैसला करें न्याय संगत करें वह सत्य के पक्ष में करें जोर जबरदस्ती और दबाव में आकर न करें किसी के प्रलोभन में ना करें क्योंकि यह चुनाव इतिहास बनाने वाला चुनाव है और किसी को भी यह ना लगे कि मेरे साथ भेदभाव हुआ है या गलत फैसला हुआ है उन्होंने मुझे आश्वासन दिया था कि हम, सहमति से और चुनाव अधिकारी मिलकर निष्पक्ष फैसला करेंगे 2 दिन बाद जब फैसले की घड़ी आई और फैसला क्या सुनाया गया कि जो 30 वाली वोटर लिस्ट थी उसे सही माना गया और प्रत्याशी की शिकायत को खारिज किया गया जब मैंने सवाल किया चुनाव अधिकारी से फोन पर बात की और पूछा कि क्या 30 वाली जो वोटर लिस्ट है आपने कैसे उसे सही माना क्या आप कश्यप कॉलोनी गए थे वहां पर अपने 300 घर देखें है या आपने जो मध्यान्ह पर्ची काटी जाती है वह अपने गिनती की तो चुनाव अधिकारी का कहना था उन्होंने ऐसा दोनों में से कुछ नहीं किया जबकि उन्हें कक्षयप कॉलोनी में जाकर घरों की गिनती करनी चाहिए थी या मध्यान्ह पर्ची देखनी चाहिए थी पर ऐसा यहां पर नहीं हुआ फिर मेरा दूसरा सवाल था कि आपने कैसे उस 30 वाली वोटर लिस्ट को सही माना तो उनका उत्तर था कि वहां के पंचायत के अध्यक्ष ने कहा कि यह वोटर लिस्ट सही है तो हमने उसे सही मान लिया मेरा उत्तर था चुनाव अधिकारी पी एन खत्री जी से कि कल अगर कोई छोटी पंचायत का अध्यक्ष जिसकी पंचायत में 50 घर हैं और वह कहता है कि मेरे पंचायत में 500 घर है और 10% के हिसाब से 50 लोगों की लिस्ट भेजता है तो क्या आप उसे भी मान लेगे तो उनका उत्तर था कि अध्यक्ष ने कहा तो हम अध्यक्ष की बात को कैसे नकार सकते थे ,मैंने पूछा आप जिस कुर्सी में बैठे हैं अभी आप चुनाव अधिकारी है व्यक्तिगत आपका किसी से क्या संबंध है वह अलग बात है व्यक्तिगत आप उसकी बातों को माने ना माने वह आपका मैटर है पर चुनाव अधिकारी के रूप में आप जो कार्य कर रहे हैं वह नया संगत होना चाहिए वह ईमानदारी से होना चाहिए पर यहां पर जो अपने कार्य किया है वह न्याय संगत है क्या❓ ईमानदारी से हुआ है किया ? इतिहास के पन्नों में यह दर्ज हो जाएगा कि आपने जो फैसला किया नया संगत नहीं किया ❌गलत किया है ? यह मैंने बात उस समय कही थी ठीक 1 साल बाद आज वह बात सच साबित हो रही है वह कैसे तो सुनिए हाल ही में पूज्य सिंधी पंचायत कश्यप कॉलोनी का चुनाव होने वाला था 26 मई को , पहले 12 मई को होने वाला था लेकिन किन्हीं कारण वश चुनाव की डेट आगे बढ़ गई और 26 मई को घोषित की गई जिसमें तीन प्रत्याशी थे एक ने नाम वापस लिया और दो प्रत्याशी खड़े थे उन्होंने दिन रात मेहनत करके प्रचार प्रसार किया उस पंचायत के चुनाव की एक वोटर लिस्ट जारी हुई जिसमें 187 नाम वोटर लिस्ट में दर्ज हैं एन ,वक्त पर एक प्रत्याशी ने नाम वापस ले लेता है और इस तरह आखिरी बचा एक प्रत्याशी र्नीविरोध अध्यक्ष चुना जाता है दूसरे दिन पेपर में भी खबर आती है जो की राष्ट्रीय अखबार है दैनिक भास्कर इसमें कहा जाता है कि 190 वोटर थे जो मतदान करने वाले थे तीन वोट और बढ़ गए चलो इसे भी हमने स्वीकार कर लिया अब मुद्दे की यह बात है कि ठीक 1 साल पीछे जाएंगे इस पंचायत के अध्यक्ष का कहना माने वहां, तो 300 घर होने चाहिए और 1 साल बाद जब इस वार्ड पंचायत के चुनाव होते हैं तो 187,मतदाताओं की वोटर लिस्ट जारी करते हैं जिसमें लगभग 113 नाम कम है अब दो बातें हो सकती है कि 113 घर गायब हो गए हैं या जमीन नीगल गई है या आसमान खा गया है 113 वोटर कहां गए किसी भी पंचायत में चार-पांच लोग 10 लोग अन्य जगह शिफ्ट होते हैं तो नए लोग भी आते हैं एक साथ 113 लोग गायब नहीं हो जाएंगे इससे साफ पता चलता है कि 2023 में जो चुनाव हुआ था उसमें वोटर लिस्ट गलत थी और यह सिर्फ एक पंचायत की बात नहीं है इसमें जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ रही हैं तो लोगों का कहना है कि अन्य पंचायत की भी वोटर लिस्ट सही नहीं थी जैसे कि मैंने कहा था जूना बिलासपुर चुनाव में भी वोटर लिस्ट जारी की गई थी मुझे मे 🙋 चुनाव लड़ रहा था मैं खुद उम्मीदवार था तो मुझे 280 नाम की वोटर लिस्ट दी गई उस हिसाब से 28 नाम जाने चाहिए थे केंद्रीय पंचायत के चुनाव में वोटरों के पर कहा जाता है कि वहां पर भी 40 लोगों के नाम वोटर के रूप में गए मतलब जूना बिलासपुर की वोटर लिस्ट भी गलत थी इसी तरह अन्य पंचायत की भी शिकायत लोगों को आ रही थी तभी मैंने कहा था कि चुनाव को कैंसिल किया जाए वह एक माह के लिए आगे बढ़ाया जाए निष्पष चुनाव हो इसके लिए जरूरी है कि निष्पक्ष वोटर लिस्ट तैयार की जाए पूरी बिलासपुर की पर मेरी बातों को ,अन सुना, किया गया क्योंकि किसी भी तरह बाहुबली को सत्ता हासिल करनी थी सत्ता चाहिए थी उसके लिए जो भी करना पड़े वह करने को तैयार थे और उन्होंने ऐसा किया भी क्या आज उस पंचायत के संरक्षक और आज वर्तमान में सेंट्रल पंचायत के अध्यक्ष धनराज आहूजा जी इस बात का जवाब देंगे कि आपके पंचायत में ही धांधलि की शिकायत उस समय भी आई थी और आज वह साबित हो गई तो उसका जिम्मेदार कौन है क्या उस समय के वर्तमान मुखी या उससे पहले का मुखी ,अब किसकी मिली भगत से यह गलत वोटर लिस्ट जारी की गई अगर वह वोटर लिस्ट सही थी तो फिर आज जो वोटर लिस्ट जारी हुई है वह फिर गलत है अगर यह सही है तो फिर वह गलत है अपने ही फैलाए हुए झूठ में फंस गए हैं इतने बड़े पद में बैठे हुए हैं अब तो आपको सच बोलना पड़ेगा और सच नहीं बोल सकते हैं तो ईमानदारी से अपने पद से इस्तीफा दे दीजिए,
मैं तो छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत से भी कहना चाहूंगा कि वह इस और ध्यान दें वह एक कमेटी बनाकर इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए जो शिकायत उस समय भी हुई थी और जिसका सबूत आज सामने हैं उस पर संज्ञान लेकर इस चुनाव को रद्द करके बिलासपुर में निष्पक्ष फिर से केंद्रीय पंचायत का चुनाव कराया जाए यही जनमानस का कहना है और न्याय संगत भी यही है जांच होगी तभी पता चलेगा कि इस पूरे खेल में कितने बड़े-बड़े लोग शामिल हैं और आगे भविष्य में ऐसा ना हो इसके लिए भी एक विधि पूर्वक ईमानदारी से नई वोटर लिस्ट वह नियम कानून बनाया जाए कुर्सी के लिए समाज के चुनाव में भी धांधली हो रही है यह सब देखकर बड़ा दुख होता है कि क्या हमारे बड़े वरिष्ठ बुजुर्गों ने हमारे पूर्वजों ने पंचायत का गठन , इसलिए किया था की सेवा के नाम पर मेवा खाये, धंधा करें बिजनेस करें ,और कुर्सी के लिए ऐसी बेईमानी करें शर्म आनी चाहिए ऐसे लोगों को जिन्होंने अपने पूर्वजों का नाम खराब किया है अपने समाज का नाम खराब किया है डूब मरना चाहिए चुल्लू भर पानी में ऐसे लोगों को जिनके कारण आज पूरे समाज का नाम मिट्टी में मिल गया ऐसे लोगों को भविष्य में किसी भी चुनाव में ना लड़े इसके लिए आयोग को घोषित करना चाहिए यह जनमानस की मांग है अब देखना यह है कि छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत इस पर क्या संज्ञान लेती है क्या वह जनता की भावनाओं की कदर करती है या मोंन धारण करती है जनता को आशा है कि निर्वाचित अध्यक्ष बने हैं जो खुद लोक तांत्रिक तरीके से भारी बहुमत से जीत कर आए हैं जिन्होंने खुद बड़े-बड़े वादे किए थे हमे विश्वास है कि वह न्याय जरूर करेंगे वह ईमानदारी से करेंगे
और एक इतिहास बनेगा उनका फैसला बिलासपुर के जनता को न्याय मिलेगा समाज को न्याय मिलेगा
(सत्यमेव जयते)
भवदीय
विजय दुसेजा