छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत कि , नई कार्यकारिणी में समस्त सिंधी,पंचायतों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है क्यों ?

विजय की कलम

(संपादकीय)





पूज्य छत्तीसगढ़  सिंधी पंचायत के नवनिर्वाचित अध्यक्ष महेश दरयानी जी ने अपनी नई कार्यकारिणी टीम का गठन किया दो माह के बाद लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव जीतकर अध्यक्ष बने प्रदेश के, युवा भी हैं मिलनसार भी हैं हंसमुख व्यक्ति तत्व के धनी भी हैं चुनाव में खूब सारे वादे किए समाज हित के लिए कार्य करेंगे और घोषणा पत्र भी जारी किया जो बहुत अच्छा था शुरुआत अच्छी रही सामाजिक  कार्यक्रम भी किया और अपना नया ऑफिस भी खोला, युवाओं की शादी जल्दी हो उसके लिए वेबसाइट भी बनवाया, भाषा संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन क्लासेस भी  शुरू की पर कहते हैं ना चांद में भी दाग होता है और हर इंसान परफेक्ट नहीं होता है सभी से एक ना एक,गलतियां हो जाती हैं पर सही इंसान वह है जो अपनी गलतियों में सुधार करें हाल ही में  छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत की   नई   कार्यकारणी टीम की घोषणा हुई 26 जून को सोशल मीडिया में लिस्ट जारी हुई जो हमें लिस्ट मिली है उसके मुताबिक 70% रायपुर के लोगों को पद मिला है 15% बिलासपुर को मिला है अब बचा 15% अन्य शहरों को दिया गया है पर विवाद की स्थिति अब निमित्त हुई है जब पूरी लिस्ट लोगों ने पड़ी पूरे प्रदेश में लगभग  150  सिंधी पंचायतें हैं जिसमें सबसे ज्यादा 70 पंचायत रायपुर में है और उसके बाद 15 पंचायत  बिलासपुर में है बाकी सभी अन्य शहरों में एक और दो,कुछ में तीन, चार पंचायतें  हैं 150  पंचायतों  के प्रतिनिधित्व क्या  नई कार्यकाणी में है ?
नहीं है जैसा कि हमने लिस्ट देखी है 
उसके मुताबिक रायपुर कि लगभग 12 पंचायतो   को प्रतिनिधित्व मिला है बिलासपुर की 6 या 7 पंचायत के सदस्यों को शामिल किया गया है  राजनांदगांव की एक पंचायत को प्रतिनिधित्व मिला है भाटापारा की दो पंचायत सदस्यों को शामिल किया गया है चक्कर भाटा दो पंचायत  दुर्ग की  3 पंचायत को  प्रतिनिधित्व मिला है
वह कुछ  जगह में जहां एक-एक पंचायत हैं उनको  प्रतिनिधित्व  मिला है पर कई बड़े शहर  छूट गए  जेसे  रायगढ़ है अंबिकापुर है महासमुंद है और छोटे-छोटे   शहर  और पंचायत रह गई जिन्हें प्रतिनिधित्व नहीं मिला सबसे बड़ी  हेरानी की बात है दल्ली राजहरा की जिसके अध्यक्ष को सिंधी समाज का शैर कहा जाता है ऐसे व्यक्ति को और ऐसी पंचायत  में से कोई  सदस्य को ना लेकर क्या संदेश दे रहे हैं ?
  लगभग 40 पंचायतों के सदस्य  इस नई टीम में शामिल है कहां  150  सिंधी पंचायते और कहां 40 पंचायतों के सदस्यों को शामिल किया गया ऐसे में संपूर्ण छत्तीसगढ़ की पंचायत का प्रतिनिधित्व कहां रहा जैसा कि आपने बताया था कि सभी पंचायत से नाम मांगे गए हैं तो क्या बाकी की पंचायतों ने नाम नहीं भेजा अगर ऐसा है तो क्या आपने उनसे चर्चा नहीं कि या उनकी पंचायत के अन्य किसी सदस्य को शामिल क्यों नहीं किया गया ? जब वोट देने के लिए सभी पंचायत के लोग शामिल हुए और मतदान किया और आपको भारी बहुमत से 🏆 विजयी बनाया तो क्या यह कर्तव्य नहीं बनता है कि प्रत्येक पंचायत से कम से कम एक सदस्य नई टीम में शामिल हो ताकि वह अपने पंचायत का अपने नगर का प्रतिनिधित्व कर सके पर ऐसा यहां नहीं हुआ सूत्रों से मिली जानकारी कि हमारे नए अध्यक्ष तो बहुत कुछ करना चाहते हैं पर कहीं ना कहीं ऐसे लोगों से घिरे हैं जो उन्हें सही सलाह ठीक से नहीं दे रहे हैं जिसके कारण विवाद की स्थिति निर्मित हुई है और कुछ लोगों का कहना है की आने वाले चेंबर के चुनाव को देखते हुए यह सारी लिस्ट बनाई गई है और लोगों को शामिल किया  गया है जो ज्यादा कर लोग चेंबर के सदस्य हैं या वोट चेंबर के चुनाव में डलवा सकते हैं

(मैं हमेशा कहता हूं राजनीति में समाज के लोगों को आना चाहिए ना कि राजनीति समाज में आए )

पर यहां ऐसा हुआ है कहीं ना कहीं कुर्सी की लालसा के कारण यह विकट स्थिति उत्पन्न हुई है जिस उद्देश्य के लिए पंचायत का गठन किया गया क्या अब वह  उद्देश पूरे होंगे क्या सभी को प्रतिनिधित्व  मिलेगा?
बहुत आशाएं थी आपसे पर यह सब देखकर अब निराशा ही हाथ लग रही है ,क्योंकि आपकी नई टीम में कई ऐसे लोग भी शामिल हैं जो समाज का अहित कर रहे हैं जिनके ऊपर आरोप लगे हैं कि उन्होंने अपने  इस्टदेव  भगवान झूलेलाल का अपमान किया है और जो फर्जी वोटर लिस्ट बनाकर चुनाव जीत कर आए हैं
जिन्होंने पत्रकारों पर झूठा आरोप लगाया झूठी रिपोर्ट लिखवाई
उन्हें आपने अपनी टीम में जगह दी है क्या यह उचित है ?
ऐसा करके आप समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं कि आपकी नहीं चलती है या किसी मजबूरी वश आपने ऐसा किया है या ऊपर से दबाव है या कोई आपको रिमोट से चला रहा है आखिर  हकीकत क्या है ?
कई वार्ड पंचायतों को छोड़ दिया गया कई ऐसे समाज सेवी भी है जो तन मन धन लगाकर खून पसीना बहाकर समाज की सेवा कर रहे हैं ऐसे लोगों को शामिल नहीं किया गया क्यों ?
क्या देखकर लोगों शामिल किया गया
पहला1 पैसा देखकर, 2दूसरा पावर देखकर,3 तीसरा अपना हित देखकर, 4चौथ किसी के कहने पर ?
सवाल बहुत है और उसका जवाब आपको ही देना होगा क्योंकि आप लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव जीत कर आए हैं और कुर्सी पर बैठे हैं तो आपका दायित्व बनता है कि सच बोले ओर सच सबके सामने आए जब कोई भी व्यक्ति शपथ लेता है तो वह यही कहता है कि वह ईश्वर को मानकर शपथ ले रहा है कि वह निर्भीक होकर ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करेगा किसी से भेदभाव नहीं करेगा पर क्या यहां ऐसा हुआ है ?
छोटे से लेकर बड़ौ तक और हर शहर को हर पंचायत को हर व्यक्ति को जोड़कर ही आप आगे बढ़ सकते हैं और विकास की राह पर चल सकते हैं समाज हित के कार्य कर सकते हैं जो चुनाव में हारे है उन्हें भी जगह दीजिए क्योंकि उसी के कारण आप चुनाव जीते हैं और हमें समाज हित के कार्य करने हैं ना कि अपने हित के लिए इसीलिए सबका सम्मान होना चाहिए  छोटे  ओर बड़ों का भेदभाव नहीं होना चाहिए गलती हर इंसान से होती है पर इंसान वही है जो अपनी गलतियों को मानकर सुधार करें और नई राह पर आगे बढ़े हम भी विश्वास करते हैं जो गलतियां हुई हैं उन्हें सुधार करेंगे  और सभी पंचायतों के सदस्यों को टीम में शामिल करेंगे, जो व्यक्ति समाज का अहित कर रहा हो ऐसे व्यक्तियों को टीम से बाहर करेंगे अगर आप ऐसा करते हैं तो आपका  ही  नाम होगा और इसमें ही समाज का हित होगा बाकी सभी  समझदार हैं
पत्रकार का काम है लोगों को जगाना और जो अच्छा कार्य कर रहा है  उनको सामने लाना और जो गलती कर रहा है उसे   गलती का एहसास कराना वह बताना हम अपना कार्य ईमानदारी से कर रहे हैं आशा है आप भी अपना कार्य ईमानदारी से करते रहेंगे

भवदीय
विजय दुसेजा