बिलासपुर:- श्री झूलेलाल मंदिर में शुक्रवार के दिन दिवाली के दूसरे दिन महा आरती का आयोजन प्रत्येक शुक्रवार को रात्रि 7:30 बजे किया जाता है पूज्य बहराणा साहब की पूजा की गई एवं महा आरती के बाद संत लाल सांई जी के द्वारा अपनी अमृतवाणी में आए हुए सभी भक्तों को दिवाली की बधाइयां एवं शुभकामनाएं दी और दिवाली क्यों मनाई जाती है इसके बारे में जानकारी दी जब 🌊 समुद्र मंथन चल रहा था देवता और असुरों के बीच में 14 रतन समुद्र से निकले थे उनमें से एक मां लक्ष्मी भी थी जो भगवान विष्णु जी को मिली क्योंकि माता लक्ष्मी समुद्र से निकली थी और जल के देवता वरुण देव हैं इस नाते माता लक्ष्मी वरुण देव की सुपुत्री हुई और भगवान झूलेलाल वरुण देव के अवतार हैं इस नाते सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु सिंधी समाज के दामाद हुऐ और कहते हैं की सिंधी समाज खुशहाल समाज है इसका कारण यह भी एक की माता लक्ष्मी की कृपा समाज के लोगों पर बनी रहती है क्योंकि भगवान झूलेलाल के हम भी वंशज हैं आज सिंध के सरताज भक्त कंवर राम साहेब जी का शहीदी पर्व भी है जो की सिंध में दादू जिले में अपनी भगत,किरतन खत्म करके ट्रेन से सखर जा रहे थे तो रुक स्टेशन पर रात्रि 10:00 बजे कुछ आसामाजिक तत्वों ने उनकी हत्या कर दी कहा जाता है उस समय हिंदू मुसलमानों का दंगा चल रहा था आजादी की लड़ाई भी बहुत चल रही थी भक्त कवंर ,राम को मारने का कारण जो था
उनके धर्म गुरु के बेटे ने हिंदू धर्म की 🙆लड़की के साथ छेड़खानी की थी इसके कारण समाज के लोगों ने उसकी पिटाई कर दी जब यह बात उनके धर्म के लोगों को पता चली उन्होंने कहा कि हमारे धर्म गुरु के बेटे को इन हिंदुओं ने मारा है और सिंधी समाज के लोगों ने मारा है तो हम भी उनके गुरु को मारेंगे तो उन्होंने ट्रेन में चढ़े और वह जानते थे की भक्त कंवर राम साहेब जी बहुत पीर है सच्चे संत हैं उनको मारना आसान नहीं है इसलिए पहले उनसे आशीर्वाद लीया कि जिस कार्य के लिए आए हैं वह कार्य सफल हो फिर उन पर गोलियां चला दि उस समय रात्रि 10:00 बजे थे और रुक स्टेशन सिंध में यह घटना घटी इसलिए प्रत्येक साल 1 नवंबर को भक्त कंवर राम का शाहिदी दिवस मनाया जाता है 10:00 बजे 2 मिनट का मोन रखा जाता है और उनके फोटो आगे दिपक या मोमबत्ती जलाई जाती है आज हम भी उनको 2 मिनट का मोन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं
कार्यक्रम के आखिर में पल्लो पाया गया विश्व कल्याण के लिए प्रार्थना की गई आज के इस पूरे आयोजन का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे लोगों ने कार्यक्रम का आनंद लिया इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बाबा गुरमुख दास सेवा समिति के सदस्यों का विशेष सहयोग रहा
भवदीय
विजय दुसेजा