जीवन में अगर गुरु सही मिले तो भवसागर पार हो जाओगे, वही गुरु नहीं मिले तो अंधकार में डूब जाओगे, सांई सेहरा वाले,

गुजरात से आए सांई सेहरा वाले  जी का छत्तीसगढ़ प्रवास पर प्रथम सत्संग की अमृत वर्षा छत्तीसगढ़ के त्रिवेणी कहे  जाने वाले राजीम में बरसी, उसके बाद रायपुर में सामाजिक निशुल्क कन्या का विवाह किया गया उस  आयोजन में शामिल होकर वर वधु को आशीर्वाद दिया और आज बिलासपुर जिले के बिल्हा विधानसभा क्षेत्र में सांई जी का आगमन हुआ जैसे ही आगमन हुआ भक्तों के द्वारा ढोल बाजे के साथ भव्य आतिशबाजी के साथ फूलों की वर्षा करके सांई  जी का स्वागत और सत्कार किया गया सांई जी के द्वारा पूज्य  बहराणा साहब नवानी परिवार में पूजा अर्चना करके निकला गया नगर भ्रमण करते हुए बहराणा साहब तालाब में पहुंचकर विधि विधान के साथ  विसर्जन किया गया एवं अखंड ज्योत को प्रमान किया गया सिंधु भवन बिल्हा में रात्रि 9:00 बजे सांई
जी का दिव्य सत्संग समारोह का आयोजन किया गया सत्संग में सांई जी ने अपने अमृतवाणी में फरमाया कि सत्संग का मतलब सच्चे लोगों का संग करना वह सत्य की राह में चलना है और जैसे किसी बिल्डिंग को खड़ा करने के लिए चार पिलर बनाए जाते हैं और अगर एक भी पिलर कमजोर हुआ या टूटा तो बिल्डिंग गिर जाती है इसि तरह हमारे जीवन को भी चलाने के लिए चार पिलर  है अगर एक भी पिलर गिर गया या कमजोर हुआ तो हमारा जीवन भी लड़खड़ा जाता है इसमें प्रथम पिलर जो है वह हमारे इष्ट देव
भगवान झूलेलाल  है वह दूसरा पिलर जो है पित्र देव  है और तीसरा पिलर जो है हमारे माता-पिता  है और चौथा पिलर है गुरुदेव इन चार पिलरो  पर हमारा जीवन टिका हुआ है अगर एक भी पिलर हट जाता है तो हमारा जीवन लड़खड़ा जाता है दुखों से भर जाता है इसलिए सबसे पहले जो हमारे पिलर है हमारे इष्ट देव   भगवान झूलेलाल  है उसे कभी ना भूले हमेशा सुबह-शाम पूजा अर्चना करें आराधना करें अपने घर में दुकान में, सबसे सरल स्वभाव और जल्दी प्रसन्न होने वाले हैं हमारे भगवान झूलेलाल देश में अलग-अलग जाति के लोग भगवान झूलेलाल को अलग-अलग नाम से पुकारते हैं वह जानते हैं और वह जल के अवतार हैं और सभी के लिए हैं जैसे जल सभी को मिलता है उसी तरह भगवान    झूलेलाल सिर्फ सिंधी समाज के  नहीं  ,बल्कि सभी समाजों के सभी धर्म के  लोगों👫👬👭 के भगवान हैं बस जरूरत है उसे सच्चे मन से पूजा करना आराधना करना जब हमारे कोई काम धाम नहीं होते हैं शादी में बांधा आती है तब हम लोग कुंडली लेकर पंडित के पास जाते हैं तब कभी-कभी पंडित बताता है किसी न किसी व्यक्ति की कुंडली में  पितृ दोष माना जाता है तो इसीलिए अपने पितरों को भी खुश करना हमारी जिम्मेदारी है जब पितृपक्ष आता है उस समय जितना हो सके दान पुण्य के कार्य करें कुंवारी कन्याओं को भोजन करवाए पंडित को भोजन करवाए मंदिरों में पुण्य करें जितना आप पुण्य का कार्य करोगे उतना ही हमारे पितृ देव खुश होंगे तीसरा पिलर  हमारे माता-पिता है इन्होंने हमें जन्म दिया वह पाल पोशकर  हमें बड़ा करते हैं लेकिन उसके बदले में हम उन्हें क्या देते हैं दुख परेशानी तकलीफ और कई लोग तो ऐसे हैं जो अपने बूढ़े बुजुर्ग माता-पिता को अनाथ आश्रम में छोड़ आते हैं वह जो घर में रहते हैं उन्हें एक कोने में रूम में छोड़ देते हैं ऐसा नहीं करना है अपने माता-पिता को भी भगवान से ज्यादा मानना है क्योंकि जन्म उन्होंने दिया है हमें अगर वह जन्म नहीं देते तो तुम्हें भगवान ओर गुरु कहां से मिलते  तो इसीलिए माता-पिता की भी पूजा करो उनके चरणों में ही वेद और पुराण है चारों धाम के फल आपको वहीं से मिलेंगे माता-पिता को दुखी नहीं करना है जितना हो सके उनकी सेवा करो चौथा पिलर है गुरुदेव इस जीवन को अंधकार से निकाल कर रोशनी में ले  आने वाला ज्ञान का प्रकाश करने वाला वह है हमारे गुरुदेव तो अपने गुरु की भी पूजा करनी चाहिए नाम सिमरन करना चाहिए वह बताए हुए धर्म के कार्य  करना चाहिए सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए यह सभी  पिलर है जिनके सहारे हमारा जीवन टिका है और एक भी पिलर अगर  गिर जाता है तो हमें   दुख परेशानी तकलीफें आने लगती है इसीलिए इन चार पिलरों को आपको मजबूती की तरह पकड़ के रखना है ध्यान से और अपने तीज त्यौहार अपनी संस्कृति को नहीं भूलना है आज हमारे समाज में कई सारी ऐसी कुरीतियाँ आ गई हैं  और कलयुग के प्रभाव से हमारे समाज के कुछ लोग बट गए हैं और कुछ लोग रहा से भटक गए हैं जो बट गए हैं उनको वापस एक करना है सेफ करना है और जो भटक गए हैं उन्हें वापस अपनी मंजिल पर रहा पर लाना है और बताना है तुम्हारी मंजिल भगवान झूलेलाल है तुम्हारी रहा यह सिंधी  समाज है थोड़ी तकलीफ  परेशानी आएंगी जरूर पर आगे सुख ही सुख है और वह तब मिलेगा जब आप अपने धर्म में रहकर अपने  ईस्ट देव  की पूजा आराधना करेंगे जो हमारे पूर्वज थे जो हमारे बड़े बुजुर्ग थे जिन्होंने हमें सिखाया था पूजा आराधना कैसे करना है अख्खो को कैसे पढकर तलाब में डालना है वह सब हम भूल गए हैं उन्हें वापस हमें शुरू करना है जब आप अपनी संस्कृति को वापस पकड़ लेंगे वह उस पर चलेंगे तो सारे कष्ट आपके धीरे-धीरे खत्म होते जाएंगे अहंकार कभी मत करना ना पैसे का ना पावर का क्योंकि अहंकार कभी किसी का नहीं टिकता है जो आज तुम्हारे पास है कल वह दूसरे के पास चला जाएगा और मरने के बाद इंसान क्या साथ लेकर जाएगा अच्छे कर्म ही तुम्हारे साथ जाएंगे तो तुम्हारे इस लोग के साथ-साथ परलोक में भी काम आएंगे जितना ज्यादा हो सके धर्म के कार्य करो अच्छे कार्य करो दिखावा मत करो सेवा के कार्य करते रहो सत्संग के आखिर में भगवान झूलेलाल की धूनी की गई ,
पूज्य  सिंधी पंचायत  बिल्हा चक्करभाटा के आए हुए अध्यक्ष ओर पदधिकारियों के द्वारा सांई जी का फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया गया शाल ओढाकर सम्मान किया गया सांई जी के द्वारा भी आए हुए सभी अतिथियों का समान किया गया व आशीर्वाद दिया गया कार्यक्रम के आखिर में छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत के कार्यकारी अध्यक्ष महेश  रोहरा ने कहा कि आज समाज बिखर गया है इसीलिए हम कमजोर पड़ गए हैं अगर आपको कुछ पाना है तो एक होना होगा एकता में ही शक्ति है ताकत है जिससे हम अपने समाज को आगे बढ़ा सकते हैं अपने युवा पीढ़ी को  नई
राह दिखा सकते हैं और समाज का उत्थान कर सकते हैं मोह माया लालच इस चीज का त्याग करना होगा कुर्सी के पीछे नहीं भागना है सेवा के पीछे भागना है और वह भी निस्वार्थ सेवा के लिए कार्य करना है कुर्सी अपने आप आपके पास आ जाएगी जब आप अपने लिए नहीं समाज के लिए सोचोगे देश के लिए सोचोगे तभी आप आगे बढ़ सकते हो सनातन धर्म ही सबसे बड़ा धर्म है उस धर्म को कुछ लोग कमजोर कर रहे हैं खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं पर याद रखें सनातन धर्म कभी नहीं खत्म होगा , हम सब अब एक होंगे और सनातन धर्म का झंडा लेकर आगे बढ़ते रहेंगे और लहराते रहेंगे हमें गर्व है कि हम सनातन धर्म के लोग हैं हम हिंदू हैं हम सिंधी हैं जब समाज मजबूत होगा तो हमारा धर्म भी मजबूत होगा जब हम एक होंगे तो हमारा धर्म की शक्ति भी आगे बढ़ेगी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान मत दे समाज को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करें आखिर में पल्लो पाया गया प्रसाद वितरण किया गया वह आम भंडारे का आयोजन किया गया बड़ी संख्या भक्तों ने  भंडारा ग्रहण किया आज के इस सत्संग समारोह में शामिल होने के लिए भक्तजन, बिल्हा चक्करभाटा, बिलासपुर, से आए  थे इस पूरे कार्यक्रम का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे लोगों ने आज के कार्यक्रम का आनंद लिया इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में पूज्य सिंधी पंचायत बिल्हा एवं नवानी परिवार के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा मंच संचालन नानक रेलवानी ने किया आभार व्यक्त मोती थावानी ,ने किया आज के इस सत्संग समारोह में रायपुर से भी भक्तजन आए थे
जीनमे  प्रमुख है  चिराग भाई मुकेश थावानी रमेश मामा ,विजय मामा, दीपक थावानी विक्की थावानी, विक्की भाई लकी कुकरेजा भावेश मगलानी, मोनी गोलू भाई पवन , चक्करभाटा के पूर्व मुखी अशोक छाबड़ा वर्तमान अध्यक्ष मनोहर लाल मलघानी,दिलीप जसूजा , राजपाल रामानी नानक मिहानी,,नंदलाल मोवानी,,अमित नवानी कन्हैया लाल मखीजा, नंदलाल मलघानी ,रमेश मंगवानी, दिलीप गंगवानी ,देवा नवानी, राधेश्याम नथानी, गोविंदराम चावला, गोपी हिंदूजा, सनी रेलवानी, इस पूरे कार्यक्रम को कवर करने के लिए हमर संगवारी के प्रधान संपादक विजय दुसेजा विशेष तौर से बिलहा  पहुंचे वह कार्यक्रम को कवर किया पूज्य सिंधी पंचायत  बिल्हा के द्वारा विजय दुसेजा का  छाल पहनाकर श्रीफल देकर सम्मान किया गया


भवदीय
विजय दुसेजा