बाहर से आए रागी जत्था भाई साहब भाई बलेशवर सिंह जी लुधियाना वाले,
गुरु नानक देव साहब जी की बाणी (मारिया सिक्का जगत्र विच नानक निर्मल पंथ चलाया।) शब्द गायन कर के सारी संगत को निहाल किया। कीरत करो नाम जपो, वंड के छको -भाव गुरु नानक देव साहब जी का उपदेश है कि अपने हाथों से ईमानदारी की मेहनत करें
नाम जपो -भाव चलते फिरते उथते बैठते प्रभु वाहेगुरु वाहेगुरु या राम राम का नाम जपो,
वंड छको – भाव किसी गरीब व्यक्ति की मदद करो, अपनी कला को सभ को सिखाओ, अपनी शिक्षा किसी गरीब को सिखाओ, इस समागम में छोटे छोटे बच्चों ने लंगर में सेवा की सभी सेवादारों ने बहुत ही श्रद्धा भाव से सेवा कर के गुरु घर की बख़्शिश प्राप्त की।
गुरु घर का सेवादार भाई साहब भाई जसपाल सिंह रवि वीर जी । गुरु के सेवादार राजा सिंघ सलामतानी, विजु वाधवानी, बल्लू हरियानी,
बंटी पोपटानी, अमित मोटवानी , अरुन निलाहानी, आदि।