घर के बड़े बुजुर्ग पेड़ के समान होते हैंजो हमेशा फल-फूल व बच्चों को छांव देते हैं : डॉ रमेश कलवानी

कलवानी परिवार का नव वर्ष एवं मिलन समारोह कार्यक्रम शहर के एक निजी होटल में बड़े ही धूमधाम एवं हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया
जहां आज कल के समय में हर कोई अकेला रहना पसंद करते हैं घर तो बड़ा-बड़ा बनाते हैं पर घर में गिनती के ही लोग रहते हैं पति पत्नी व एक संतान या दो संतान
पहले के समय में कुटुंब परिवार होता था संयुक्त परिवार होता था पर जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे झोपड़ी से महल बन गए पर उन महलों में लोगों की संख्या घटती गई, वह आज के समय में दो या तीन ही लोग 👫 रहते हैं,जैसे कि पहले भी बताया कि पति-पत्नी व बच्चे
आज के लोगों को रिश्ते नाते भी ज्यादा पसंद नहीं है अपने में ही बस जीते हैं व मर जाते हैं, क्या ऐसे समय में संयुक्त परिवार होना या संयुक्त रूप से जुड़कर कार्यक्रम करना मिलना जुलना आजकल बहुत कम देखने को मिलता है ऐसे समय में सबके लिए एक नयी मिसाल लेकर आया है, कलवानी परिवारजो विगत 4 वर्षों से नया साल,पारिवारिक मिलन समारोह मनाते आ रहे हैं

कलवानी फैमिली के वरिष्ठ सदस्य एवं वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार कलवानी ने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि विगत 4 सालों से हम हर वर्ष नया वर्ष और कलवानी फैमिली मिलन समारोह शहर के अलग-अलग होटल एवं रिसोर्ट में मिलकर मनाते हैं, इस वर्ष भी कलवानी फैमिली का मिलन समारोह शहर के एक निजी होटल में मनाया गया जिसमें लगभग परिवार के 80 से भी ज्यादा सदस्य कलवानी फैमिली के शामिल हुए जो की चक्करभाटा, रामा वैली व बिलासपुर के अलग-अलग स्थानों में रहते हैं यह सब हमारा कुटुंब परिवार हैं जो समय के साथ-साथ अलग-अलग जगह में शिफ्ट हो गए पर अपनी जड़ों से दूर नहीं हुए इसलिए आज हम सब एक हैं और सेफ हैं, इस समारोह में 3 साल की बच्ची से लेकर 90 साल तक के बुजुर्ग परिवार की सबसे वरिष्ठ सदस्य श्रीमति गुड़वंती देवी कलवानी भी शामिल हुई,
बेटी,दामाद भी है, तो बेटा बहू भी है,नाती पोते,बहनें बच्चे पूरा कुटुंब 👪 परिवार आपको इस कार्यक्रम में मिलेगा और यह एक मिलन समारोह नहीं है बल्कि अपने जड़ों को मजबूत करने के लिए हम यह अनोखा आयोजन करते हैं ताकि जो हमारी आने वाली पीढ़ी है उनको पता चल सके कि आपके चाचा दादा काका मामा मौसी बुआ फूफा कौन हैं, ताकि हमारे बाद हमारी जो पीढ़ी है वह इन रिश्तों को आपस में बांध के रखें और इसी तरह प्यार से विश्वास से आगे बढ़ते रहें
जो हमारे बुजुर्ग होते हैं वह एक मकान के स्तंभ,नींव की तरह होते हैं जो पूरे मकान को उठाकर रखते हैं और मजबूती प्रदान करते हैं अगर उसे हटा दिया जाए तो मकान अपने आप ही ढह जाएगा, इसलिए अपने बुजुर्गों का अपमान कभी ना करें बल्कि उनका मान और सम्मान करें, आज हम अपने इस कार्यक्रम में हमारे कलवानी फैमिली के लिए सबसे पुराने बुजुर्ग हैं उन तीन बुजुर्गों का भी हम शाल ओढ़ाकर श्री फल 🍎🍊🍌🍉🍇देकर सम्मान किये और इन्हीं के कारण आज हम सब एक हैं और यहां पर कार्यक्रम करते हैं
जिसमें श्रीमति गुड़वंती देवी कलवानी
बड़ी चाची
श्रीमति लाजवंती दुहलानी
परिवारकी बड़ी( बूआ)
डा.प्रकाशचंद कलवानी
परिवार के बड़े चाचा
ये हमारे वटवृक्ष हैं
इन सभी का सम्मान करते हुए हम सभी गौरवान्वित महसूस कर रहे थे
कार्यक्रम की शुरूआत हमारे इष्ट देव भगवान झूलेलाल जी के फोटो पर माला पहनाकर दीप प्रज्वलित करके आरती की गई
छोटे छोटे बच्चों के द्वारा भी बेहतरीन सिंधी हिंदी गीतों पर नृत्य कि मनमोहक प्रस्तुति दी गई
महिलाओं के द्वारा💃💃💃 अलग-अलग गीतों पर तथा युवाओं के द्वारा भी अलग-अलग गीतों पर🕺🕺 शानदार नृत्य किया गया, साथ में अलग-अलग खेल व सवाल-जवाब प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी, जिसमें सभी विजेताओं को गिफ्ट देकर सम्मानित किया गया,
अलग-अलग जोड़ीयों के द्वारा भी गीतों पर कपल डांस किया गया व कई सिंधी, हिंदी नए पुराने गीत भी गाए गए आखिर में सभी ने मिल कर कलवानी मिलन का केक काटा
जिसे दुहलानी परिवार की बहुएं बहुत स्नेह और प्यार से बनाकर लाएं थीं व सभी सदस्यों को गिफ्ट दिए गए
शाम 5 बजे से देर रात तक खाना पीना बच्चों की मौज मस्ती चलती रही जिसका सभी ने मिलजुल कर आनंद उठाया
इस अवसर पर डॉ रमेश कलवानी ने कहा कि हमारे बुजुर्ग पेड़ के समान होते हैं जो फल भी देते हैं फूल भी देते हैं और छांव भी देते हैं भले यह कितने ही बूढ़े क्यों ना हो जाए पर एक आधार होते हैं जिनके नीचे हम बैठकर ठंडी हवा भी खाते हैं सांस भी लेते हैं और अपने आप को सेफ भी समझते हैं यह कार्यक्रम सिर्फ खाने पीने का या गाने बजाने का नहीं है बल्कि सबको एक रखने का जोड़कर और सेफ रखने का तथा अपनी संस्कृति को अपने धर्म, परिवार को बांधे रखने का प्रयास है और इस मिलन समारोह के साथ में सब एक दूसरे से मिलते जुलते हैं खुशियां बाटते हैं व अपने जो छोटे-छोटे बच्चे हैं उन्हें भी पता चलता है कि हमारा कितना बड़ा कुटुंब परिवार है
आज के इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में जिनका विशेष सहयोग रहा उसमें, प्रमुख रूप से राजकुमार कलवानी, डॉ रमेश कलवानी, महेश (राजू ) दुहलानी,डॉक्टर हेमंत कलवानी,खीयल कलवानी,संजय कलवानी,चिंटू कलवानी राजेश कलवानी,प्रेम कलवानी,नवीन कलवानी,दिलीप कलवानी,मनोज दुहलानी,नानक कलवानी, डा.अभिषेक कलवानी,गोपाल कलवानी,विनोद कलवानी,मनोज कलवानी,रवि कलवानी,यश कलवानी,रीतेश कलवानी,अनीश कलवानी,आकाश दुहलानी,राकेश कलवानी,नितिन कलवानी,अक्षय कलवानी ,राजेश कलवानी
एवं दामाद जी किशनचंद,महेशकुमार,अक्षयकुमार,
महिला वर्ग से सपना कलवानी,निशा दुहलानी,ज्योति कलवानी सोनिया कलवानी,मीना कलवानी,लता कलवानी,कृति कलवानी, राधिका कलवानी,दिशा कलवानी,कविता कलवानी,वर्षा दुहलानी,भावना दुहलानी,भूमि कलवानी,पूजा कलवानी,पलक कलवानी,एकता कलवानी, खुश्बू, हीर कलवानी,रीत कलवानी,मायरा दुहलानी,सुनिता लधानी,महक लधानी,जीया कलवानी,पूजा कलवानी,सोनम कलवानी,नीलम कलवानी सहित बच्चे शामिल हुए एवं कार्यक्रम को एज्वांय कर परिवार की गरिमा बढ़ाई तथा आपसी एकता की कड़ी में एक और नयी मिसाल कायम की