
नेक बनो एक बनो = जय झूलेलाल
बिलासपुर :- पूज्य सिंधी 16 वार्ड सिंधी पंचायतों के सभी अध्यक्षों से एवं जितनी भी बिलासपुर में समिति संस्थाएं हैं उन समस्त जनों से कुछ बातें मैं पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत बिलासपुर द्वारा संचालित श्री झूलेलाल सेवा समिति का सदस्य शेयर करना चाहता हूं-
यह जो पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत बिलासपुर से मैं हिसाब किताब देने के लिए बात करता था कि (उस समय पूज्य सिंधी 15 वार्ड पंचायत थी) उनको हिसाब अगर हम लोग देते हैं तो अपनी पारदर्शी दिखाते हुए हम आगे चलकर और अच्छे-अच्छे काम कर सकते हैं लेकिन सेंट्रल पंचायत बिलासपुर वाले अपना हिसाब किताब नहीं देते हैं। बोलत कोई भी कुछ नहीं है क्योंकि बड़ों से हिसाब मांगे कौन..? और मैं जमीनी स्तर से जुड़ा हुआ हूं मेरे को कोई भी छोटा हो या बड़ा हो जब भी मैं बात करता हूं तो मेरे को मुंह पर बोल देते थे तेरा प्रोजेक्ट तो बहुत अच्छे-अच्छे हैं लेकिन प्रोजेक्ट में जो पैसा लगेगा वह कैसे कहां से आएगा। तब मैं बोलता था कि भाई आप लोग हिसाब किताब दीजिए मेरे पास बहुत सारे प्रोजेक्ट हैं जो मैं आपको कल बताऊंगा तो तो पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत वाले बोलते थे कि हम हिसाब किताब नहीं देंगे हमको पूज्य सिंधी समस्त वार्ड पंचायत वाले हिसाब देते हैं क्या..? तब मैं बोलता था कि पूज्य सिंधी समस्त वार्ड पंचायत के अध्यक्ष (मुखी) अपने-अपने पंचायत में हिसाब किताब देते हैं वह कोई दूसरी पंचायत से या अन्य किसी से पैसा नहीं लेते हैं अपनी पंचायत के बंधियन एवं अन्य स्रोत से अपनी पंचायत को चलाते हैं और हम पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत वाले श्री झूलेलाल मंगलम के लिए पूरे सिंधी समाज से समस्त वार्ड पंचायत के सदस्यों से सहयोग और चंदा लिए हैं। तो इसीलिए हमारा फर्ज बनता है हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम इन्हें पाई पाई का हिसाब किताब दें। अपनी पारदर्शिता दिखाएंगे तो हम आगे और काम कर सकते हैं तो वह कभी भी नहीं माने जब इन्होंने हरीश भागवानी जी को श्री झूलेलाल सेवा समिति बिलासपुर का अध्यक्ष घोषित किया उसे समय इन्होने बोला था की अब हम श्री झूलेलाल सेवा समिति का हिसाब किताब पूरा फाड़ के नक्की करते हैं पर यह बातें मेरे से 5 – 10 बार पहले भी कर चुके थे तब मै कहता था कि हिसाब किताब पढ़ने से क्या मतलब होगा हिसाब किताब मुझे नहीं देखना आप लोग पूरा हिसाब किताब पूज्य सिंधी वार्ड पंचायतों को देवे! कहीं भी किसी भी जगह रख दो हिसाब किताब। वार्ड पंचायत वाले ले लेंगे। लेकिन उन्होंने श्री झूलेलाल सेवा समिति वालों ने अपनी चलाई अपनी मनमानी की और जिस दिन हरिश भागवानी जी को झूलेलाल मंगलम का अध्यक्ष बनाया गया उसे दिन मेरी तबीयत बहुत खराब थी अचानक वो लोग मेरे पर इतने मेहरबान हो गए की मुझे बिना बताए श्री झूलेलाल सेवा समिति का मंत्री बना दिए ।और 8 से 10 फोन मेरे पास आ गए की बगल में है 2 मिनट आज 2 मिनट के लिए बैठक में आए आज मेरी तबीयत खराब थी (उस समय का फोटो बाद में मैं आप लोगो दिखाऊंगा) तो भी मैं आया और उन्होंने रजिस्टर (मिन्ट बुक) में क्या लिखा क्या नहीं लिखा गया था मैंने नहीं पढ़ा और मैंने अपना साइन करके चलाया फोटोग्राफी हुई वह फोटो और रियल में आपको भेजूंगा उसमें साफ दिखेगी मेरी तबियत कितनी खराब है मेरा चेहरे से आपको पता पड़ जाएगा इसी हिसाब किताब को लेकर इन्होंने क्या-क्या गणित की हैं मैं आपको बाद में बताऊंगा जब से श्री झूलेलाल मंगलम बना है मैं वहां पर सिर्फ और सिर्फ सेवा का रहता था और हल्का-फुल्का पोस्ट देते थे लेकिन मुझे अब मालूम पड़ा जब मैं हिसाब किताब मांगा तब से हर समय गोलमाल जवाब मिलता था। जब 2 साल पहले धनराज आहूजा जी के अध्यक्ष बनने के पहले मीटिंग हुई थी तब वहां पर भी मैंने बोला था कि झूलेलाल को 100 एकड़ में बनाना है और अपने को सिर्फ जगह पर जमीन लेकर उसका प्रोजेक्ट बनाना है पैसा कहां से आएगा अपने आप आएगा कहीं से भी आपको सहयोग चंदा लेने जाना नहीं पड़ेगा लेकिन बस शर्त यही है की हिसाब किताब आपको देना पड़ेगा तब मेरी मीटिंग हुई और आखिरी मीटिंग में मेरे को यह कहा गया कि अब तू अगर पूछेगा तो यह रजिस्टर देख ले इस रजिस्टर में तू श्री झूलेलाल सेवा समिति का मंत्री है अगर कोई भी आज आती है तो तेरे ऊपर भी आएगी तब मैंने बोला अब जो मैं बोला था समस्त वार्ड पंचायत को हिसाब दीजिए अब आप जो बोल रहे हो ना कि तू ट्रस्टी है अपना ट्रस्टी नहीं मैं मंत्री भी हूं अब तो मेरे को पूरा हिसाब दीजिए जब वो लोग अपनी ही चाल में फंस गए तो उन्होंने मेरे को बोला कल तेरे हिसाब देते हैं और वह कल कल करते हुए 4 दिन खींच लिए उसके बाद बोले कि मैं 1 साल का हिसाब दूंगा जो मेरे पास है बाकी जो तेरे हिसाब मांगना है तो वहां पर जब मीटिंग होगी तब मांगना तो जब मीटिंग हुई थी होगी तब हिसाब मांगना। बैठक में मैने हिसाब किताब मांगा तो वहां पर घुमा फिरा के बहुत सारी बातें हुई जब मेरे सवाल का कोई जवाब नहीं दे पा रहा था तब श्री किशोर गेमनानी जो की पूरी प्लानिंग के साथ आए थे उन्होंने वहां पर श्री झूलेलाल सेवा समिति के बनाए गये संविधान का पाठ सात नंबर पॉइंट पड़ा मैंने 6 नंबर तक मैंने सवाल का जवाब तोड़ जो दिया वह मैं आपको कल बताऊंगा लेकिन सातवां नंबर जो लिखा था की दो तिहाई सदस्यों के बहुमत से इसको बहिष्कार कर सकते हैं तो मैंने बोला इसमें आप बहिष्कार कर सकते हो मेरा लेकिन मेरी एक गलती बताओ क्या श्री झूलेलाल सेवा समिति झूलेलाल लाल मंगलम का मैंने हिसाब मांगा और आप लोग दे नहीं रहे है क्या यही गलती हैं मेरी…
बाकी अगले पेज में…
-कैलाश मलघानी, बिलासपुर