मुख से किसी को अपशब्द रूपी पत्थर नहीं मारें – ब्रह्माकुमार बद्रीनाथ भाई

  • जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है प्रतिदिन का सत्संग…
  • माउंट आबू से पधारे ब्रह्माकुमार बद्रीनाथ भाई ने शिव-अनुराग भवन, राज किशोर नगर में बताये प्रतिदिन सत्संग के लाभ
  • पिछले 31 वर्षों से समर्पित रूप से ज्ञानामृत प्रेस में दे रहे हैं अपनी सेवाएं…

बिलासपुर, राज किशोर नगर :- हमारे साथ कोई भी घटना घटित हो, कोई हमारे प्रति कैसी भी दुर्भावना रखे, कोई भी परिस्थिति आ जाये लेकिन मुख से अपशब्द रूपी पत्थर न निकले। हमारे से कोई ऐसा कर्म न हो जो माँ-बाप का नाम बदनाम हो क्योंकि हमारे में 100 गुण भी हैं लेकिन अगर एक अवगुण या कोई गलती दिखी तो लोग आपकी और संस्था की भी ग्लानि करेंगे आपके 100 गुणों को नहीं देखेंगे।

उक्त बातें बिलासपुर से ही ईश्वरीय ज्ञान प्राप्त कर माउंट आबू में पिछले 31 वर्षों से समर्पित होकर ज्ञानामृत प्रेस में सेवाएं दे रहे ब्रह्माकुमार बद्रीनाथ भाई ने शिव अनुराग भवन, राज किशोर नगर में दैनिक जीवन में ईश्वरीय ज्ञान के लाभ बताते हुए कही।

अपने जीवन का अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि ज्ञान मिलने से पूर्व बचपन की संगति बहुत खराब थी अपशब्द जुबां पर होते थे लेकिन केवल 12-13 वर्ष की आयु में ही ईश्वरीय ज्ञान मिलने से और प्रतिदिन सत्संग से परिवर्तन आता चला गया। वह समय था और आज का समय है कि तब से आज तक अपशब्द का प्रयोग नहीं हुआ।

उन्होंने बतलाया कि प्रतिदिन महावाक्य सुनने से परिवर्तन तो आता ही है लेकिन फिर भी कोई उलझन हो या कोई बात समझ न आए तो अपने बड़ों से राय लें और हर रविवार को सेवाकेंद्र में अव्यक्त महावाक्य से शिक्षा व सावधानी मिल जाती है।

अंत में उन्होंने सभी को प्रसाद वितरित किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी रूपा बहन व अन्य साधक जन उपस्थित रहे।