बिलासपुर :- केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब की यात्रा पर रोक लगाने के फैसले ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। सिख संगठनों ने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए इसे अल्पसंख्यकों के धार्मिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप बताया है। उनका कहना है कि पिछले 70 सालों में युद्ध जैसे हालातों में भी यह यात्रा कभी नहीं रोकी गई। ननकाना साहिब के दर्शन पर रोक लगाने के सरकार के फैसले केंद्रीय श्री गुरु सिंह सभा ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है। इस वर्ष नवंबर में गुरु नानक देव की जयंती के मद्देनजर, राजनीतिक दलों और सिख संगठनों ने केंद्र से आग्रह किया कि वह अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे, जिसमें राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया था कि वे पाकिस्तान में ननकाना साहिब की तीर्थयात्रा के लिए आवेदनों पर कार्रवाई न करें। 12 सितंबर को पंजाब के मुख्य सचिव और हरियाणा व दिल्ली सहित अन्य पड़ोसी राज्यों को भेजे गए एक पत्र में कहा गया है: “पाकिस्तान के साथ मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए, नवंबर 2025 में श्री गुरु नानक देव जी के गुरुपर्व के अवसर पर सिख तीर्थयात्रियों के जत्थे को पाकिस्तान भेजना संभव नहीं होगा। हम अनुरोध करते हैं कि आपके राज्य के सिख संगठनों को सूचित किया जाए और जत्थे के आवेदनों पर कार्रवाई तुरंत रोक दी जाए।”