शिव अनुराग भवन, राज किशोर नगर, बिलासपुर
शिव अनुराग भवन, राज किशोर नगर, बिलासपुर में ‘आध्यात्मिक दिवाली कार्यक्रम’ का आयोजन बहुत उत्साह के साथ किया गया।
मंजू दीदी ने महावाक्यों को सुनाते हुए स्पष्ट किया कि दीपावली को ‘दीप दिवस’ नहीं, बल्कि ‘दीप माला दिवस’ कहा जाता है, क्योंकि इस दिन एक नहीं बल्कि बहुत से दिए अर्थात् दीपमाला जगाते हैं जो कि अनेक विशेष आत्माओं के संगठित रूप का यादगार है। ज्योति स्वरूप परमात्मा शिव दीपराज हैं तो हम आत्माएँ दीपरानियां हैं।


दीदी ने बताया कि दीपावली उत्सव निराकार और साकार दोनों रूपों का यादगार है। दीपक जलाना निराकारी आत्मा के स्वरूप का यादगार है, क्योंकि चमकती हुई आत्माएं दीपक की लौ मिसल दिखाई देती हैं, जो दिव्य ज्योति का यादगार रूप है। लक्ष्मी पूजा भविष्य के साकार दिव्य स्वरूप का यादगार है। संगम युग में आत्माएं ज्ञान धन की देवी बनती हैं, जो दाता रूप का यादगार है, और भविष्य में लक्ष्मी-नारायण की राजधानी का यादगार बनता है।

दीदी ने समझाया कि दीपावली मनाना अर्थात दैवीय गुणों वाला बनना, और इसके लिए दो मुख्य विधियों पर ज़ोर दिया गया, जिनका पालन वर्तमान समय जरूर करना है। एक तो पुराना खाता समाप्त करना जैसे व्यापारी पुराना खाता खत्म करके नया शुरू करते हैं, वैसे ही सभी को ईर्ष्या, द्वेष, घृणा और नफरत का पुराना खाता खत्म करके प्रेम का नया खाता शुरू करना है।और 2.कर्ज और मर्ज से मुक्ति: यदि कोई भी पुराने खाते में पुराना संस्कार अभी समाप्त नहीं किया है, तो यह रावण का कर्जा है। इस कर्जे को ‘मर्ज’ (बीमारी) कहा जाता है, जो कमजोरी पैदा करता है। इस कर्जे को एक दृढ़ संकल्प से समाप्त करके जलाना है, जिसे ‘आत्मिक बम की आतिशबाजी’ जलाना कहा गया। 3. चारों प्रकार की स्वच्छता: स्थूल सफाई के साथ-साथ, तन, मन, धन और संबंध की चारों प्रकार की स्वच्छता (पवित्रता) आवश्यक है। यदि एक भी प्रकार की स्वच्छता नहीं है, तो श्रेष्ठ दैवी पद की प्राप्ति नहीं हो पाती।
90 वर्षीय स्वयं सेवक शरद बलहाल जी का हुआ सम्मान…
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ सदस्य एवं पूर्व सैनिक श्री शरद बल्हाल जी के 90 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर मंजू दीदी व बहन ममता सगदेव ने तिलक व पुष्पगुच्छ से सम्मानित किया।
कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिसमें ‘मेरे घर राम आए हैं’ की प्रस्तुति भी शामिल थी। अंत में, सभी भाई-बहनों को भोग वितरित किया गया, जो बहुत प्यार से तैयार किया गया था साथ ही सभी को ब्लेसिंग कार्ड दिया गया। सेवाकेंद्र में सभी के स्वागत के लिए स्वागत द्वार पर बहुत आकर्षक रंगोली सजाई गई।