जिन जगा॒ई ज्योत झुलेलाल जी, तिंन जे घर में ज्योत जगे॒दुख: हूंनिन्जा दूर थेंन था – लवी संधू

(तेरा नाम चल रहा है झूलेलाल सांई और मेरा काम हो रहा है, करते तुम हो और नाम मेरा हो रहा है)

बिलासपुर/चकरभाटा:- श्री झूलेलाल चालिहा महोत्सव के 28वें दिवस भगवान श्री झूलेलाल धूंनी का आयोजन टहिल्यानी परिवार बिलासपुर के द्वारा किया गया
कार्यक्रम रात्रि 10:00 बजे आरंभ हुआ 12:00 समापन हुआ कार्यक्रम की शुरूआत भगवान श्री झूलेलाल, बाबा गुरमुख दास जी के छाया चित्र पर पुष्प अर्पण कर आरती करके की गई अनिल पंजवानी, गौरव के द्वारा भक्ति भरे भजन गाकर लोगों का मन जीत लिया श्याम मंदिर कोल्हापुर महाराष्ट्र से आई दादी पुष्पा देवी जी के द्वारा भक्तों को अपने दर्शन देकर सत्संग व अमृतवाणी के द्वारा भजनों का रसपान कराया उन्होंने फरमाया कि बड़े भाग्यशाली होते हैं वे लोग जिन्हें सत्संग में आने का मौका मिलता है और मरने के बाद तो 1 दिन अमरधाम पहुंचना है पर जीते जी इस सिंधु अमर धाम में आकर आप वैकुंठ जाने का मार्ग प्राप्त कर सकते हैं


ऐसे संत जनों के सानिध्य में आप बैठे हैं बढ़े भाग्यशाली हैं की चालिहा महोत्सव का आयोजन चल रहा है और हम भी खुशनसीब हैं कि हमें हाजिरी लगाने का और भगवान श्री झूलेलाल का दर्शन करने का और यहां पर आने का अवसर मिला यह वह भूमि है जहां पर बाबा गुरमुख दास साहेब जी ने कड़ी तपस्या की है और अब उनके सुपुत्र सांई लाल दास जी भी तपस्या कर रहे हैं और यह सब आपके लिए कर रहे हैं सभी भक्तों के लिए कर रहे हैं ताकि आपका दुख दर्द तकलीफ दूर हो सके संत अपने लिए कुछ नहीं करते बल्कि साध संगत के लिए ही जीते हैं और मरते हैं, प्रतिदिन एक से बढ़कर एक कलाकार और दूर-दूर से आ रहे हैं संत महात्माओं का आपको दर्शन करने का अवसर मिल रहा है इससे बड़े भाग्यशाली और कौन हो सकता है की आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है यही चकरभाटा में इस मंदिर में बैठकर आप भारत देश के अलग-अलग दरबारों के संत महात्माओं का दर्शन कर रहे हैं जिसे लोग मिलने के लिए दर्शन करने के लिए दूर-दूर जाते हैं और आपको सब घर बैठे मिलता है यह सब उन संत की कृपा से है जिसकी छत्रछाया में यह भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है और चालिहा महोत्सव चल रहा है अब वह घड़ी आ गई जिसका सबको इंतजार था गंगानगर राजस्थान के मशहूर गायक लवि संधू के द्वारा अपनी सुरीली आवाज के माध्यम से एक से बढ़कर एक सिंधी वह हिंदी भजनों की ऐसी प्रस्तुति दी

कि लोग झूम उठे वैसे वह है तो पंजाबी पर सिंधी भजनों में उनकी पकड़ बहुत अच्छी थी ऐसे ऐसे भजन गाए जिसे सुनकर संत जी भी हैरान रह गए और कहा वाह संधू वाह, आपने हमारा दिल जीत लिया वाकई में आपके गले में मां सरस्वती का वास है और भगवान झूलेलाल की और आपके गुरु का आशीर्वाद है हमर संगवारी से चर्चा करते हुए संधू ने कहा कि वह कई सालों से चालिहा महोत्सव के अवसर पर मंदिर में आते रहते हैं और वैसे तो एक गायक होने के नाते देश भर में अलग-अलग दरबारों में जाते हैं पर यहां आने के बाद एक अलग ही वातावरण देखने को मिलता है जो यहां की साध संगत है वह बहुत प्यारी है और बहुत समझदार है कि वह भक्ति भरे भजनों को संगीत को सुनती है समझती है और जो उनका प्यार हम जैसे गायको को मिलता है वह काबिले तारीफ है और जैसे यहां की व्यवस्था है और जैसे यहां के सेवादारी हैं जिस तरह सेवा भावना से कार्य करते हैं यह भी एक बहुत ही प्रसन्नचित्त कार्य है और हम तो इंतजार करते हैं कि कब चालिहा महोत्सव आए और हमें यहां हाजरी लगाने का अवसर मिले और यहां की साध संगत का ऐसा प्यार पाने का अवसर मिला टहिल्यानी परिवार के द्वारा संत सांई लाल दास जी का स्वागत सत्कार किया गया

सांई जी के द्वारा भी उनका सम्मान किया गया और भगवान झूलेलाल का छायाचित्र भेंट कर आशीर्वाद दिया गया कार्यक्रम के आखिर में प्रार्थना की गई ,पल्लव पाया गया, प्रसाद वितरण किया गया आज के इस पूरे कार्यक्रम का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे लोगों ने आज के कार्यक्रम का आनंद लिया इस पूरे आयोजन को कवर करने के लिए हमर संगवारी के प्रधान संपादक विजय दुसेजा विशेष रूप से चकरभाटा पहुंचे और आज के प्रोग्राम को कवर किया इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बाबा गुरमुख दास सेवा समिति, झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा