बिलासपुर ;- अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्र शौर्य समृद्धि 24- कुंडीय गायत्री महायज्ञ अभियान ग्राम-कर्रा (रतनपुर) में दि. 18 से 21 दिसंबर 2025 तक देव संस्कृति विद्यालय कर्रा के विशेष सहयोग से सम्पन्न हुआ।
मीडिया प्रभारी श्री द्वारिका प्रसाद पटेल ने बताया कि उपरोक्त चार दिवसीय आयोजन के अंतर्गत प्रथम दिवस दि. 18 दिसंबर को भव्य-मांगलिक कलश यात्रा एवं सायंकालीन उद्बोधन और दि. 19 से 21 दिसम्बर तक देव पूजन के साथ चौबीस कुंडीय यज्ञ, दीप महायज्ञ एवं विद्यारम्भ-46, दीक्षा-24, यज्ञोपवीत- 3, मुंडन- 3, पुंसवन-2, नामकरण-1 आदि विभिन्न संस्कार संपन्न हुए । शांतिकुंज, हरिद्वार के टोली नायक श्री प्रमोद बारचे जी, व उनके सहयोगी

जयसिंह राजपूत, शिवम कुमार, श्याम लाल कोर्राम ने यज्ञ, कर्मकांड-संस्कार सम्पन्न कराया और उपजोन बिलासपुर के सह-समन्वयक एवं ट्रस्टी गायत्री शक्तिपीठ श्री रामकुमार श्रीवास तथा देव संस्कृति विद्यालय समिति प्रमुख श्री फूल सिंह राज ने मंच संचालन किया। टोली नायक श्री प्रमोद जी ने युग संदेश में कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार की स्थापना का मुख्य उद्देश्य मनुष्य में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग का अवतरण है, जिसमें लोकहित के लिए जनजागरण करके गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ एवं महायज्ञों के माध्यम से नशामुक्त भारत अभियान का कार्य करते हैं तथा उपासना, साधना, आराधना जैसी दैनिक दिनचर्या का समावेश कर खान-पान में अधिकाधिक सात्विकता लाने के लिए संकल्प कराते हैं अर्थात् गायत्री परिवार सही व सरल रास्ता दिखाने वालों का परिवार है। गृहस्थ धर्म के बारे में बतलाया गया कि गृहस्थ आश्रम एक सिद्ध आश्रम होता है

, परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने गृहस्थ धर्म को एक तपोवन माना है , अपने गृहस्थ में सत्य सनातन धर्म की संस्कृति को जाग्रत करने के लिये यज्ञ और संस्कारों के क्रम से अपने को जोड़े रखना चाहिए, साथ ही ” परहित सरिस धरम नहीं भाई ” के अनुसार हम गृहस्थियों को अतिथि सेवा व दीन – दुखियों की सेवा में सदैव संलग्न रहना चाहिए क्योंकि गृहस्थ धर्म में अतिथि सेवा जीवन का बहुत बड़ा यज्ञ होता है। अंत में चार दिवसीय महायज्ञ कार्यक्रम का आभार देव संस्कृति विद्यालय के प्राचार्य श्री हर प्रसाद कैवर्त ने किया, गायत्री शक्तिपीठ, प्रज्ञापीठों, जिला व ब्लाक समन्वय समिति,मंडलों एवं क्षेत्रीय सभी परिजनों का सहयोग सराहनीय रहा है ।