पत्रकार दम्पत्ति की शिकायत के बाद आरोपियों के खिलाफ लगाई मामूली धाराए, अपराधियों को संरक्षण देकर पत्रकारों को ही फँसाने रच रहे साजिश
पत्रकार ने एसडीओपी और जांचकर्ता पुलिस कर्मी के काले कारनामों को किया था उजागर, पत्रकार से खुन्नस निकालने आरोपियों को दे रहे संरक्षण
बिलासपुर : जिले के पत्रकार दम्पत्ति को जान से मारने की धमकी देने के आरोपियों की उच्च अधिकारियों से शिकायत करने से बौखलाए एसडीओपी व मस्तूरी थाने के जांचकर्ता पुलिसकर्मी व्यूहरचना कर आरोपियों को ही संरक्षण देते हुए पीड़ित पत्रकार दम्पत्ति के खिलाफ पुलिस के आलाधिकारियों से शिकायत करने दांव-पेंच सीखा रहे है वही आरोपियों के खिलाफ मामूली धाराए लगाकर उन्हे संरक्षण देने का भी कार्य कर रहे है जिसका बाद कारण यह है कि वर्तमान एसडीओपी जो पूर्व मे मस्तूरी थाना प्रभारी रह चुके है वही पीड़ित पत्रकार दम्पत्ति की शिकायत मामले के जांचकर्ता पुलिस कर्मी के काले कारनामों को पीड़ित पत्रकार ने उजागर किया था, अपनी पुरानी खुन्नस निकालने पुलिस अधिकारी व कर्मचारी द्वारा पत्रकार दम्पत्ति को ही लपेटने मे लगे हुए है| यह सबसे बाद यक्ष सवाल यह है कि जब पीड़ित पत्रकार के खिलाफ आरोपियों व पुलिस अधिकारियों की आपसी साठगाठ हो चुकी है तो न्याय कैसे मिलेगा? अपराधियों के साथ ही पुलिस बैठकर साजिश रच रही है ऐसे मे आगामी समय मे पत्रकार की हत्या होने की आशंका बलवती है|

बिलासपुर जिले के जयरामनगर निवासी पत्रकार दम्पत्ति डीपी गोस्वामी व उनकी पत्नी दिव्या गोस्वामी ने पत्रकारों के साथ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर से मुलाकात कर 12 नवम्बर 2025 को संजय पांडे, अनुराग तिवारी और विकास तिवारी के खिलाफ शिकायत किया था, शिकायत व मौजूद साक्ष्य को देखकर पुलिस अधीक्षक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मस्तूरी पुलिस आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश भी दिए सांथ ही एसडीओपी मोहले को शिकायत पत्र मे मार्किंग कर गंभीरता से लेने के निर्देश दिए| शिकायत के डेढ़ महीने गुजरने के बाद भी मस्तूरी पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई|
आरोपियों के लगातार धमकी देने से व्यथित पीड़ित पत्रकार ने पत्रकार सांथियो के सांथ गृह मंत्री विजय शर्मा से मुलाकात कर अपनी समस्या से अवगत कराया, मामले की गंभीरता से रूबरू होने के बाद गृहमंत्री ने एक अधिकारी को इस पूरे मामले के जाँच अधिकारी शिव चंद्रा और एसडीओपी लाल चंद मोहले को मस्तूरी से अन्यत्र हटाए जाने के निर्देश दिए जिसकी जानकारी होने पर चंद्रा और मोहले ने व्यूह रचना कर पीड़ित पत्रकार की शिकायत पर मामूली धारा लगाकर अपना पल्ला झाड़ लिया सांथ ही आरोपियों को अपने पास बुलाकर पीड़ित पत्रकार के खिलाफ ही पुलिस विभाग के उच्च अधिकारीयों को शिकायत करने का दांव-पेंच सीखा दिया ताकि पीड़ित पत्रकार दम्पति आगे चलकर उच्च अधिकारी और मंत्री के पास अपनी फरियाद लेकर ना जा सके सके|
पत्रकार की हत्या करने रची जा रही साजिश
पीड़ित पत्रकार डीपी गोस्वामी की हत्या करने को लेकर आरोपियों द्वारा लगातार असामाजिक तत्वों के बैठक कर साजिश रचा जा रहा है, आरोपी संजय पांडे, अनुराग तिवारी और विकास तिवारी द्वारा भनेशर रोड स्थित एक आवास जहाँ पर विकास तिवारी रहता है वहा पर दर्जन भर से ज्यादा लोग कई दिनों शराब-मुर्गा का पार्टी कर रहे हैँ, इसी क्रम 22 दिसंबर को पार्टी देर रात तक चला इतना ही नही विकास तिवारी के भनेशर रोड स्थित घर मे लगे कैमरे को चेक करने से बहुत सारे योजनाओं के तथ्य सामने आ जाएंगे! अगर उसे डिलीट नही किया गया हो तो बड़े साजिश का भांडाफोड़ हो सकता है|
पुलिस कर्मी ही अपराधियों से कर रहा मिलीभगत
पत्रकार डीपी गोस्वामी से पूर्व मे पुलिस कर्मी शिव चंद्रा ने ओवर ब्रिज के कबाड़ चोरी के मामले मे जानकारी ली थी जिसे शिव चंद्रा ने संजय पांडे को जानकारी साझा करते हुए बताया कि विकास तिवारी द्वारा ओवर ब्रिज का कबाड़ चोरी के सन्दर्भ मे पत्रकार डीपी गोस्वामी ने बताया है और उक्त कबाड़ चोरी को चंद्रा ने मामा भाचा से लेनदेन कर सेटिंग कर लिया| वैसे शिव चंद्रा सीपत, पामगढ, तोरवा सहित कई थानो मे रहा जहाँ भी रहा वहा विवाद और सेटिंग ही किया वैसे तोरवा थाना मे रहते मिट्टी तेल स्कंडेल काफी चर्चित भी रहा था| इसी तरह पूर्व मे लाल चंद मोहले मस्तूरी थाना प्रभारी रहे चुके है और थाना प्रभारी रहने के दौरान ही मलाईदार स्थानों व लाभ दायक संपर्कों से पूर्व परिचित भी है, उनके कार्यकाल के दौरान उनके प्रताड़ना से ग्राम खैरा निवासी पवन बघेल ने जहर खाकर आत्महत्या का भी प्रयास किया था जिसे आनन फानन मे सिम्स भर्ती किया गया तब जाकर उसकी जान बच पाई थी जिसका पत्रकार डीपी गोस्वामी ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया था जिसका द्वेष मोहले द्वारा आज भी रखता हैँ|सांथ ही एक महिला जिसका अनुकम्पा नियुक्ति मे नौकरी मिला है जो नाम के लिए आफिस जाती है और साईन कर कोर्ट मे अपनी सेवा दे रही है जिसे जिला कोर्ट के सीसी कैमरे से देखा जा सकता है!