बिलासपुर : श्रीमद् भागवत पुराण कथा के सातवें दिन व्यास पीठ पर बैठे आचार्य श्री रजनी कांत शर्मा जी के द्वारा अपनी अमृतवाणी में श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराया आज सातवें दिन कथा मै भगवान श्रीकृष्ण की कई लीलाओं का वर्णन किया जैसे राधा कृष्ण कि भगवान संग रासलीला गोपियों के संग लीला माता यशोदा के संग लीला की भगवान श्री कृष्ण का बाल रूप से बड़े होते गए व 11 वर्ष के हो गए अकरुर जी मथुरा से गोकुल पहुंचे व नंदलाल जी को बताया कि श्रीकृष्ण को लेने आए हैं कंस ने बुलवाया है। आखिर में यह राज भी खोला गया कि भगवान श्री कृष्ण यशोदा के नहीं देवकी के पुत्र हैं, पर मां की ममता कहां रुकने वाली थी भगवान भी जानते थे। वह इस धरती पर आए हैं तो कई पापियों को संघार भी करना है अपने भक्तों का उद्धार भी करना है वह एक जगह रह कर नहीं कर सकते थे। अब वक्त आ गया है कि वह मथुरा जाए वह आगे का कार्य पूरा करें जैसे तैसे कर के माता को यशोदा मैया को समझाया पर गांव वाले गोपियां कहां मानने वाली थी सब को समझा – बुझाकर मथुरा के लिए रवाना हुए मथुरा पहुंचे तो वहां पर भी भक्त जनो का उद्धार किया। अपने मामा कंस का वध किया वह अपने माता-पिता को कारावास से मुक्त कराया मथुरा में भी कुछ 25 वर्षों तक रुके रहे भगवान मथुरा से भी निकल कर पापियों का संहार करते हुए नई नगरी द्वारिका बनवाई। बड़े भाई बलराम जी का शुभ विवाह हुआ।
अब बारी श्री कृष्ण की विवाह की थी। रुकमणी को मंदिर से लेकर भागे वह शुभ विवाह किया इस शुभ विवाह की घड़ी में भक्तजन झूम उठे नाचने लगे बराती बन कर पहुंचे फूलों की वर्षा की और कृष्णा और रुक्मणी के विवाह का आनंद लिया इस अवसर पर कथा वाचिका रुचिका तिवारी जी भी विशेष रूप से आज भागवत कथा मैं पहुंची थी वह अपने भक्ति भरे भजनों से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। मां काली ने भी भक्तों को अपना आशीर्वाद दिया आज की कथा का सब ने भरपूर आनंद लिया कथावाचक आचार्य श्रीकांत शर्मा जी के द्वारा बारीकी से कथा को भक्तों को सरल भाषा में रसपान करा रहे हैं साथ में बीच-बीच में भजनों की गंगा भी बह रही है भक्तजन उस में डुबकी लगाकर धन्य हो रहे हैं जैसा कि नाम है गोकुल नगर ऐसा लग रहा है कि मानो वृंदावन में पहुंच गए हो भगवान श्री कृष्णा इस पृथ्वी पर 125 वर्ष तक रहे। कथा के आखिर में आरती की गई प्रसाद वितरण किया गया वह भक्त जनों के लिए प्रभु का प्रसाद भोजन की व्यवस्था की गई बड़ी संख्या में भक्त जनो ने प्रसाद ग्रहण किया भोजन ग्रहण किया इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में शुक्ला परिवार व गोकुल वासियों का विशेष सहयोग रहा।