आओ गंगा मैया को बचायें , प्रकृति को बचायें : विजय दुसेजा।

सम्पादकीय : जैसे जैसे कलयुग का प्रभाव बढ़ रहा है वैसे वैसे मानव की बुद्धि भी भ्रष्ट होती जा रही है प्रकृति से खिलवाड़ का नतीजा हमेशा बहुत बुरा होता है आज लोग अपने स्वार्थ के खातिर हर काम करते हैं चाहे वह बुरा काम ही क्यों ना हो चाहे इससे लाखों लोगों की आस्था विश्वास का मामला ही क्यों ना हो ऐसे लोग महा पापी होते हैं। आज जब हम मां का नाम लेते हैं तो आंखों के सामने जन्म देने वाली मां का चेहरा दिखाई देता है। मां एक होती है लेकिन उसके रूप अनेक होते हैं जैसे :

1 जन्म देने वाली मां

2 जिस जगह में हम रहते हैं उसे धरती मां कहते हैं।

3 अभी जिस देश में हम रह रहे हैं उसे भारत मां कहते हैं।

4 धन की देवी को लक्ष्मी मां कहते हैं।

5 ज्ञान की देवी को सरस्वती मां कहते हैं।
6 जल की देवी पाप मिटाने वाली पवित्र करने वाली मोक्ष प्रदान करने वाली को गंगा मां कहते हैं।

वह गंगा मैया जो स्वर्ग से पृथ्वी पर आई और उसे लाने के लिए भागीरथी को हजारों वर्षों तक कठिन तपस्या करनी पड़ी और महाराज सगर के साठ हजार पुत्रों को जान देनी पड़ी थी। साधु संतों को तपस्या करनी पड़ी, तब भागीरथी को ब्रह्मा भगवान को प्रसन्न करना पड़ा फिर महादेव शंकर को प्रसन्न किया तब जाकर गंगा मैया पृथ्वी पर आई यह बात हमारे लिए बड़ी खुशी की एवं गर्व की बात है कि गंगा मैया पूरे विश्व में सिर्फ भारत में है और कहीं नहीं है दूसरे देश के लोग तरसते हैं गंगा मैया के दर्शन के लिए और उसके जल के लिए एसी पावन गंगा मैया को कुछ लोग गंदा कर रहे हैं कुछ पैसों की खातिर आज गंगा मैया का जल गंदा होता जा रहा है। जिस जल को एक बूंद के पीने से लोग पवित्र हो जाते हैं पूजा-पाठ में गंगा जल के महत्व को सब जानते हैं मरने के बाद भी जब तक अस्थियों को गंगा जी में प्रवाहित नहीं करते हैं। तब तक आत्मा को शांति नहीं मिल पाती है। ऐसे पावन गंगा मैया का हाल बहुत बुरा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब गंगा मैया नाराज होकर सूख जाएगी अभी भी वक्त है। आओ हम सब मिलकर गंगा मैया को गंदा होने से बचाएं इस आंदोलन को एक विशाल आंदोलन बनाएं प्रकृति से खिलवाड़ न करें वरना मानव जीवन का विनाश निश्चित है।

पानी तो पानी ही होता है लेकिन गंगाजल कुछ और है इस में डुबकी लगाने से पाप दूर होते हैं :

दूसरी नदियां कई मिल जाएंगे लेकिन गंगा नदी नहीं मिलेगी क्योंकि गंगा मैया एक है इस युग में तो गंगा जैसी मैया नहीं मिलेगी इसलिए अभी भी वक्त है, जागो भारत के लोगों और गंगा मैया को बचाओ जिस तरह भारत माँ हम सब की है उसी तरह गंगा मैया भी हम सब की है।