बढ़ते कदम की भोजन सेवा रात को 2 बजे भी भरती है, भूखे गरीबों का पेट। जिनको दो वक्त के भोजन का मिल पाना भी मुश्किल होता है।

राकेश डेंगवानी/रायपुर : सेवा के क्षेत्र में बढ़ते कदम संस्था किसी परिचय की मोहताज नहीं है , आज भी जब बढ़ते कदम का नाम आता है, तो इसके संस्थापक स्व. अनिल गुरुबक्षाणी का नाम लोगों के जेहन में अपने आप ही आ जाता है, आज संस्था को लगातार चरम पर पहुँचाने का कार्य संस्था के सदस्य बड़े ही समर्पण से लगातार करते आ रहे है। भोजन सेवा के अंतर्गत रेल्वे स्टेशन और DKS हॉस्पिटल के बाहर रात को 02 बजे भी जब संस्था बढ़ते कदम के सदस्य आवाज लगाते हैं – उठो प्यारों, स्वादिष्ट खाना आया है ,देखते ही देखते लंबी लाईन लग जाती है पेट की तृष्णा मिटाने के लिए। ऐसा ही कुछ दृश्य देखने को मिला बीती रात रेल्वे स्टेशन में जब एक शादी समारोह से बचा हुआ लगभग 500 से ज्यादा लोगों का भोजन डीकेएस हॉस्पिटल एवं रेल्वे स्टेशन के बाहर वितरित किया गया। उक्त जानकारी संस्था प्रोजेक्ट रोटी कपड़ा दवा दान प्रभारी बंटी जुमनानी एवं जगदीश चंदनानी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुये दी।

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क्या आप जानते है आज भी लाखों लोग ऐसे है , जिनको दो वक्त का भोजन भी पूरे तरीके से नहीं मिल पाता है।
हम अपने रुपयों से पानीपुरी खाते हैं,तब प्लेट का पानी भी पी जाते हैं,आइसक्रीम खाते वक्त ढक्कन भी चांट जाते हैं,मूंगफली खाने के बाद छिल्के में भी दाना ढूंढते हैं । और जब हम किसी के विवाह समारोह में जाकर अन्न झूठा क्यों छोड़ते हैं?? ये दर्द व्यक्त करते हैं।
संस्था के ही कर्मठ सेवादारी दिलीप पिंजानी जी जब खुद आधी रात को अपनी नींद त्यागकर भोजन खिलाने की सेवा में जाते हैं, तो खाली पेट सो रहे ईश्वर के प्यारों को कच्ची नींद से उठकर दो निवालों के लिए लाइन लगता देखकर व्याकुल हो उठते हैं ।
विदित हो कि संस्था बढ़ते कदम द्वारा पिछले 16 सालों से रोटी कपड़ा दवादान प्रोजेक्ट के माध्यम से विभिन्न मांगलिक समारोहों एवं शोक समारोहों से बचा हुआ भोजन एकत्रित करके जरूरतमंद बस्तियों के साथ साथ हॉस्पिटलों व रेल्वे स्टेशन में भूखे सो रहे जरूरतमंदों में बांट देती है,साथ ही घर मे अनुपयोगी वस्त्रों को संग्रहित कर जरूरतमंदों में बांट देती है।

संस्था एक्टिंग प्रेजिडेंट सुरेश रोचलानी ने आगे बताया कि :

अनुपयोगी कपड़ों को जरूरतमंदों में बांटने के अलावा उन कपड़ों से प्रशिक्षित महिलाओं को रोजगार देने के उद्देध्य के साथ साथ गौ माता को प्लास्टिक थैलियों से मुक्त करने के उद्देध्य से हर साईज के थैले सिलवाकर शहर की सभी सब्जी मंडियों में जाकर लोगों को थैले वितरण की सेवा भी की जा रही है। भोजन वितरण सेवा के प्रमुख सेवादारों में-बंटी जुमनानी,दिलीप पिंजानी,जगदीश चंदनानी,हरीश दानवानी, अमित डेंगवानी, विक्की वासवानी, राजू नत्थानी, सुनील अमरानी,आदि हैं जो सिर्फ एक फोनकाल्स से या प्रोजेक्ट ग्रुप के मैसेज से ही आधी रात को भी अपना बिस्तर और आराम छोड़कर स्वस्फूर्त भोजन वितरण सेवा में निकल जाते हैं ,कभी कभी तो 2-3 स्थानों से एक साथ भोजन आ जाने से रात 12 बजे से वितरण करते करते कब सुबह हो जाती है,पता ही नहीं चलता। संस्था ऐसे धार्मिक संगठनों का, कैटरर्स का,एवं सभी समाजजनों का आभार व्यक्त करती है,जो किसी भी समारोह में बचे हुवे खाने के लिए संस्था सदस्यों को काल करके भोजन उपलब्ध कराकर सेवा करने का अवसर प्रदान करते हैं,जिसे संस्था के सेवादारों की टीम द्वारा जरूरतमंदों के बीच वितरण करती है । ऐसे सहयोगियों के कारण ही संस्था बढ़ते कदम की ख्याति ना सिर्फ छत्तीसगढ़ में बल्कि अन्य देश-प्रदेशों में भी फैली हुई है ।