सिंधी लोक संगीत एवम लोक कला को बचाने हेतु लोक संगीत उत्सव जोर शोर से मनाने हेतु बैठक आयोजित की गई।

बिलासपुर : पूरे भारतवर्ष में अपनी खुशबू बिखेरते सिंधी समुदाय के लोगो को स्वयं का प्रदेश न होने के कारण सिंधी लोकसंगीत एवम लोककला विलुप्तप्राय स्थिति में है । इसिलए लोकसंगीत एवम लोककला का सरंक्षण करने हेतु बिलासपुर सिंधी समाज ने लोक कला उत्सव को बहुत ही जोरशोर से मनाने का निर्णय लिया है । इस उत्सव के आयोजन का उद्देश्य अपने मधुर संगीत का सरंक्षण एवम संवर्धन तथा युवा पीढ़ी को अपने लोकसंगीत से साक्षात्कार कराना है । युवा पीढ़ी को लोकसंगीत की मधुरता, आध्यात्मिकता, एवम सौम्यता से परिचय करा कर संगीत की दुनिया मे एक नई दिशा देने हेतु यह प्रयास किया जा रहा है। पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत, युवा विंग, महिला विंग एवम भारतीय सिंधु सभा के संयुक्त तत्वाधान में इस आयोजन को करने का निर्णय लिया गया है । यह आयोजन जून माह के प्रथम या द्वितीय सप्ताह में कलाकरों की उपलब्धता अनुसार किया जाएगा । इस आयोजन को सफल बनाने में समाज के जिम्मेदार वरिष्ठ युवा एवम महिलाएं अपनी सक्रिय भूमिका निभाने हेतु तैयार हैं । लोक संगीत दिवस के आयोजन की भूमिका बनाने हेतु मोटूमल भीमनानी धर्मशाला गोलबाजार में मीटिंग आयोजित की गई थी जिसमे सेंट्रल पंचायत मुखी श्री पी एन बजाज, संरक्षक प्रकाश ग्वालानी, डी डी आहूजा, विनोद मेघानी, भारतीय सिंधू सभा के नगर अध्यक्ष शंकर मनचंदा, रमेश लालवानी, मनोहर पमनानी, धनराज आहूजा, सुनील लालवानी, मोहन जेसवानी, राजेश परसरामानी, भरत चंदानी, विजय दुसेजा, सुरेश सिदारा, राम लालचंदानी, हरिश भागवानी, विनीता भावनानी, रेखा आहूजा, कंचन मलघानी, सोनी बहरानी एवम गरिमा शहानी आदि कई लोग उपस्थित रहे।