सब को माफ करो सब से प्यार करो : दादा जेपी वासवानी

साधु वासवानी सेंटर बिलासपुर इकाई के द्वारा 2 अगस्त को दादा जेपी वासवानी जी का 105 वां” जन्म उत्सव क्षमा दिवस के रूप में मनाया जाएगा व
विश्व भर में भी क्षमा दिवस रूप में भी मनाया जाता है इसी कड़ी में बिलासपुर सेंटर के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है छत्तीसगढ़ इकाई के प्रमुख डॉ रमेश कलवानी व सपना कलवानी नानक पंजवानी चित्रा पंजवानी जी के द्वारा चकरभाटा बिल्हा बिलासपुर के कई सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों में जाकर दादा का संदेश सुना रहे हैं वह दादा के अमृतवाणी में कहे गए सत्संग को बता रहे हैं वह साधु वासवानी मिशन पुणे के द्वारा प्रकाशित पुस्तिका दिल का द्वार भी निशुल्क भेंट कर रहे हैं
दादा का संदेश है

सब से प्यार करो सब को माफ करो

डॉक्टर रमेश कलवानी ने बताया कि दादा जब जीवित थे तब भी वह हर साल अपना जन्म उत्सव क्षमा दिवस के रूप में मनाते थे ओर कुछ लोग है ऐसे भी जो अपने जन्म उत्सव में पार्टियां करते हैं देश विदेश में घूमने जाते हैं दारू मटन चिकन खाते हैं एंजॉय करते हैं
पर दादा ऐसा नहीं करते थे दादा अपने जन्म उत्सव के अवसर पर सत्संग कीर्तन करके भक्तजनों को निहाल करते थे वह सबको कहते थे
मेरे जन्म उत्सव पर अगर मुझे कुछ देना है तो एक वादा करिए की जिस किसी भी इंसान से आपको तकलीफ है चाहे भाइ हो बहन हो पति या पत्नी हो मित्र हो या दोस्त यार हो किसी से भी अगर आपको तकलीफ है या आपको दुख पहुंचाया है तो आप उसे माफ कर दीजिए क्षमा कर दीजिए और गले लगा लीजिए उसके बाद देखिए आपका मन कितना हल्का हो जाएगा और जो खुशी आपको मिलेगी उसको आप अलग ही अनुभूति करेंगे क्षमा से बड़ा कोई दान नहीं एक बार करके देखिए दादा के ब्रह्मलीन हो जाने के बाद भी आज भी साधु वासवानी मिशन,, के द्वारा पूरे विश्व भर में दादा जेपी वासवानी जी के जन्म उत्सव पर 2 अगस्त को दोपहर 2:00 बजे 2 मिनट के लिए आंखें बंद करके सबको क्षमा करते हैं मन ही मन में यह बात कहते हैं और अगर कोई सामने होता है तो उसे गले मिलिए बोलीए भाई

मैंने आज अभी से आपको क्षमा किया
आज अगर लोगों को सबसे ज्यादा दुख तकलीफ
परेशानी और टेंशन है तो उसका कारण है अहंकार
अहंकार के बिज ने ही रामायण ओर महाभारत को जन्म दिया था
इसे अब हम सबको मिलकर खत्म करना है डॉक्टर रमेश कलवानी जी ने बाबा अनदं राम दरबार में पहुंचकर भक्तजनों को दादा का संदेश सुनाया वह एक ज्ञानवर्धक छोटी सी कथा सुनाई

मुंबई के एक छोटे से झोपड़पट्टी में 2 दोस्त रहते थे राम और विजय दोनों बचपन में ही एक ही साथ खेले व बड़े- हुए एक बार समुद्र किनारे दोनों खेलने जाते हैं किसी बात पर तू तू में में होती है राम को गुस्सा आ गया उसने विजय को जोर से थप्पड़ मार दिया विजय ने तुरंत एक लकड़ी उठाई और रेत पर लिख दिया कि आज मेरे दोस्त राम ने मुझे थप्पड़ मारा कुछ दिन बाद फिर से राम और विजय समुद्र किनारे खेलने गए बरसात का समय था समुद्र में ज्यादा पानी आ गया समुद्र की लहरें ज्यादा उठ रही थी ओर दूर तक आने लगी जिसके कारण विजय पानी में डूबने लगा उसे तैरना नहीं आता था ओर जोर जोर से चिल्लाने लगा राम मुझे बचाओ मुझे बचाओ राम तुरंत समुद्र में कूद पड़ा और विजय को बचाकर बाहर निकाल कर लाया विजय ने एक पत्थर उठाया और बड़े से चट्टान पर लिखा आज मेरे दोस्त राम ने मेंरी जान बचाई राम हेरान हो गया और उसने विजय से पूछा कुछ दिन पूर्व मेंने तुमहे एक थप्पड़ मारा था तो तूने रेत पर लिखा था मेरे दोस्त ने मुझे थप्पड़ मारा और आज मैंने तेरी जान बचाई है तो तुमने

लिखा है कि मैंने तुम्हारी जान बचाई है यह बात समझ में नहीं आई तब विजय ने कहा
जो बुरी बातें होती हैं उसे रेत पर लिख दिया ताकि पानी आए और वह मिट जाए पर जो अच्छी बातें हैं उसे चट्टान पर इसलिए लिखा ताकि कितनी भी लहरे आए चट्टान से टकराए फिर भी लिखा हुआ ना मिटे ओर लोग उसे पढ़कर अमल करें

इस कहानी का तात्पर्य है कि हमें भी जो बुरी बातें हैं उन्हें भूल जाना चाहिए और अच्छी बातें हैं उसे याद रखनी चाहिए उस पर अमल करना चाहिए तभी आपकी जिंदगी खुशहाल रहेगी वह आबाद रहेगी
क्षमा करने से ब्लड बढ़ता है क्योंकि खुशी होती है हार्ट अटैक की तकलीफ डिप्रेशन नींद की तकलीफ से मुक्ति मिलती है वह अन्य कई फायदे होते हैं

वह तेरते तेरते भी डूब गए जिन्हें अपने ऊपर गुमान था वह डूबते डूबते भी बच गए जिस पर दादा जेपी वासवानी जी का आशीर्वाद था

साधु वासवानी बिलासपुर सेंट्रल इकाई के द्वारा सभी से निवेदन किया गया है कि 2 अगस्त को 2:00 बजे 2 मिनट के लिए कहीं भी आप रहो आंखें बंद करके सबको माफ कर दो दादा का जन्म उत्सव का सबसे बड़ा गिफ्ट यही है और इस गिफ्ट को सभी इंसान को हर धर्म के व्यक्ति को हर समाज के व्यक्ति को देना है

प्यार से बड़ा कोई तोहफा नहीं क्षमा से बड़ा कोई गिफ्ट नहीं