सावन मास से तीज त्यौहारों का क्रम निरंतर जारी है इस बीच अनेक त्यौहारों को अपने रस्मो रिवाज के अनुसार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है इसी क्रम में सिंधी समाज ने पारंपरिक थदड़ी पर्व भी अत्यंत उत्साह एवं उमंग से मनाया पूज्य सिंधी पंचायत कश्यप कालोनी स्थित सिंधुधाम गुरुद्वारा में महिलाओं ने सुबह शीतला माता की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की यह त्यौहार महिलाएं अपने पति ,पुत्र, परिवार की दीर्घायु की कामना के साथ घर में सुख ,समृद्धि ,खुशहाली के लिए के लिए मनाया जाता है गुरुद्वारा की प्रमुख सेविका भारती वाधवानी द्वारा माता शीतला का कथा वाचन किया गया जो निरंतर सांयकाल तक चलता रहा यह बताना लाजिमी होगा कि उक्त त्यौहार हमारे अविभाजित भारत सिंध ( वर्तमान में पाकिस्तान) से ही हमारी पुरानी पीढ़ियों द्वारा निरंतर मनाया जाता रहा है इस पर्व के दिन सिंधी समाज कोई भी अपने घर में चुल्हा नहीं जलाते हैं और न हीं कोई गर्म व्यंजन, पकवानों को ग्रहण किया जाता है एक दिन पूर्व ही घर में विभिन्न प्रकार के व्यंजन और पकवान बनाए जाते हैं जिसे दूसरे दिन ग्रहण किया जाता है अर्थात ठंडा भोजन की परंपरा सदियों से चली आ रही है
इसलिए इस पर्व को थधड़ी के नाम से जाना जाता है अथवा ठंडा ,शीतल.प्राचीन समय में लकड़ियों का चूल्हा जलाया जाता था जिसे एक दिन पूर्व ही उसे लिप कर पानी के छीटों से ठंडा कर दिया जाता था किंतु वर्तमान में विकास की धारा के तहत अब गैस चूल्हों का चलन है. व्यंजनों में बेसन की कोकी, गेहूं आटे की मीठी रोटी, आलू के पराठे, पुरी, तली सब्जियों का उपयोग सर्वाधिक किया जाता है क्योंकि एक दिन पूर्व बनाए गए यये व्यंजन खराब नहीं होते हैं. इस अवसर पर पूज्य सिंधी पंचायत कश्यप कॉलोनी के अध्यक्ष जगदीश जज्ञासी ने कहा कि समाज के ऐसे अनेक त्यौहार हैं जिसमें हमारी माताओं, बहनों की महत्वपूर्ण सहभागिता एवं योगदान रहता है. पूजा के इस अवसर पर आशा आहूजा, नव्या वाधवानी, मंजू नानवानी,दिव्या चेलानी, सुनीता तोलानी, सरिता कृपलानी, प्रीति भागवानी, लता आहूजा,आरती चौधरी, नीलू माखीजा,प्रिया आहूजा, काजल ठारवानी, रोशनी आहूजा, हर्षिता मोनानी, महक सिदारा, ट्विंकल आडवानी, संजना माखीजा,सपना मोटवानी, रूपल चंदवानी ,वर्षा वाधवानी, कविता आर्य, संगीता मेघानी के अलावा महिला विंग अनेक की सदस्य श्रद्धालुओं गण उपस्थित थे.