श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर मनमोहक झांकी का झांकी एवं श्रीकृष्ण की गीत कविता एवं ड्रामा की प्रस्तुति ब्रह्मा कुमारीज ओम शांति सरोवर, उस्लापुर के प्रांगण में आयोजित किया गया तथा श्री कृष्ण जन्मोत्सव का कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि माननीय भ्राता मुकेश शर्राफ जी (CEO, सेंट जेवियर्स स्कूल, भरनी), आदरणीय विका दीदी जी (वरिष्ठ राजयोगीनी शिक्षिका, इंदौर), आदरणीय रुक्मणी दीदी जी (वरिष्ठ राजयोगीनी शिक्षिका, इंदौर) श्रीमती मंजू माला जयसवाल (शिक्षिका) एवं बीके छाया दीदी (सेवा केंद्र संचालिका, उसलापुर) के द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया।
इंदौर से पधारे आदरणीय विका दीदी जी ने कृष्ण जन्मोत्सव की बधाई देते हुए श्री कृष्ण की महिमा सुनाई उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण को हम सभी बहुत प्यार करते हैं श्री कृष्ण जैसा बच्चा, भाई, पति चाहते हैं तो श्री कृष्ण की दुनिया में जाने के लिए क्यों ना हम स्वयं को श्री कृष्ण जैसा सर्वगुण संपन्न बनाएं। परन्तु श्री कृष्ण को ऐसा बनाने वाला कौन? उन्होंने बताया कि परमपिता परमात्मा जो ज्योतिबिंदु है. इस सृष्टि का बीज रूप है. सृष्टि की आदि सतयुग से होती है एवं परमात्मा ने सतयुगी सृष्टि के आदि पत्ते के रूप में प्रथम राजकुमार श्री कृष्ण को तथा दूसरे पत्ते के रूप में श्री राधे को रचा। श्री कृष्ण जैसा बनने के लिए हमें स्वयं को राजयोग मेडिटेशन के द्वारा निराकार परमपिता परमात्मा से जोड़ना होगा जो वर्तमान समय इस धरा पर स्वयं अवतरित होकर धर्म की पुनर्स्थापना कर इस दुनिया को नई स्वर्णिम दुनिया बनाने का कार्य करा रहे हैं.
उन्होंने श्री कृष्ण को पीपल के पत्ते पर दिखाने का रहस्य बताया कि भारत की आकृति पीपल के पत्ते समान है और श्री कृष्ण का जन्म भारत में होता है इसलिए श्री कृष्ण को पीपल के पत्ते पर दिखाते हैं।
माननीय भ्राता मुकेश सर्राफ जी ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की सराहना करते हुए कृष्ण जन्मोत्सव की बधाई दी। भ्राताजी ने कहा कि मैं काफी समय से ब्रह्मा कुमारी संस्था के संपर्क में हूं. मुझे ब्रह्मा कुमारीज बहनों का स्नेह सदा प्राप्त होता रहता है उन्होंने आगे कहा कि ईश्वर की याद में हमें अपने जीवन को सफल करना है।
छाया दीदी ने कहा कि हम सभी श्री कृष्ण के आने का इंतजार कर रहे हैं जिसके यादगार स्वरूप हम हर वर्ष श्री कृष्ण जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. श्री कृष्ण के आगमन के लिए हम सभी को अपने जीवन में विकारों का त्याग कर, पवित्रता और दिव्य गुणों को धारण करना अति आवश्यक है तत्पश्चात सचमुच श्री कृष्ण इस दिव्य धारा पर अवतरित होंगे और यह कलयुग बदलकर नई स्वर्णिम दुनिया सतयुग में परिवर्तित हो जाएगी. श्री कृष्ण सतयुग के प्रथम राजकुमार हैं जिनकी महिमा में ‘सर्वगुण संपन्न 16 कला संपूर्ण संपूर्ण निर्विकारी मर्यादा पुरुषोत्तम’ गायन होता है एवं उनका राज्य पवित्रता, सुख, शांति संपन्न होता है. ब्रह्मा कुमारीज ईश्वरी विश्वविद्यालय में जो राजयोग की शिक्षा दी जाती है उसका एम ऑब्जेक्ट ही है दिव्य गुणों को धारण कर इस धरा पर स्वर्ग लाना तभी हम सच्ची कृष्ण जन्माष्टमी मना सकेंगे.
आदरणीय रुक्मणी दीदी जी ने जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी एवं मेडिटेशन कराते हुए सभी को श्री कृष्ण के दुनिया की एवं परमात्मा की अनुभूति कराई।
श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर बच्चों की बहुत ही मनभावक राधे कृष्ण की झांकी लगाई गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम में एकल नृत्य, सामुहिक नृत्य, संगीत- एंजेल, प्रिया (गीत – मैया यशोदा…… ), हर्षिता (गीत – श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी…..), ऋषिका तिवारी (गीत – तुम प्रेम हो…….), अलीना मिश्रा (गीत – वक्रतुंड महाकाय…..), शिवांश श्रीवास्तव (गीत – अच्युतम केशवम……), अयांश मेरसा (गीत – कंधों से मिलते हैं कंधे……), प्राजंलि भट्ट (गीत – श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी…..) एवं ड्रामा-गीता सार बीके गरिमा बहन, बीके अनामिका बहन, बीके दुर्गा बहन, बीके हेमा बहन, बीके कविता बहन आदि ने बहुत सुंदर मनमोहक प्रस्तुति।
अंत में ग्वाल गोपाल संग मटकी फोड़ का आयोजन भी किया गया. बीके कृष्णा बहन ने संस्था परिचय दिया बीके हेमा बहन बीके खुशी बहन के द्वारा कुशल मंच संचालन किया गया। बीके छाया दीदी ने परमात्मा को याद कराते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।