भाग्य से मिलता है सत्संग इसे सुन ले प्यारे और अपने जीवन में उतार दे ,, बलराम भैया

युवा गणेश उत्सव समिति हेमू नगर के द्वारा एक शाम भगवान गणेश जी के नाम का सत्संग का आयोजन किया गया बाबा आनंद राम दरबार चक्कर भाटा के एकादशी वाले बलराम भैया जी के द्वारा अपनी अमृतवाणी में सत्संग की ज्ञान रूपी वर्ष की कार्यक्रम की शुरुआत भगवान श्री कृष्ण जी व भगवान श्री गणेश जी के मूर्ति पर पुष्प अर्पण करके की गई
सत्संग में बलराम भैया जी ने अपने अमृतवाणी में फरमाया कि सबसे सस्ती चीज क्या है जो मुक्त में मिलती है पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती है वह है सांस जो 24 घंटे हम उसे ग्रहण करते हैं उसके बिना जीवन नहीं चल सकता आप खाना नहीं खाओगे तो महीना भर जीदां रह सकते हैं पानी नहीं पियेंगे तभी आप दो चार दिन जी सकते हैं पर अगर श्वास लेना बंद कर देंगे तो क्या आप एक पांच मिनट भी नहीं जी सकते हैं। इस तरह शरीर को भी स्वस्थ्य हवा पानी भोजन की जरूरत होती है और मन को चलाने के लिए सत्संग भक्ति सिमरन की जरूरत होती है। यह उसका भोजन है अगर यह हम तीनों चीज अपने मन को देंगे तो आप जीवन में कभी भी दुखी नहीं रहोगे । मन ही ऐसी चीज है जो आपको पल में सुख देती है पल में दुख देती है वह आपको एक पल में अमरीका पहुंचा देता है तो एक पल में नर्क पहुंचा देता है मन की स्पीड हवा से भी ज्यादा है इसे पकड़ के रखना हर किसी की बात नहीं है तो इसे कैसे कंट्रोल करें कैसे इसे पकड़ कर रखें इसका उपाय एक ही है वह सत्संग सिमरन भक्ति और नाम की कमाई सब कुछ करेंगे तो मन आपके वश में रहेगा आपके कंट्रोल में रहेगा फिर आपको किसी अन्य वस्तु की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि आपके तार डायरेक्ट भगवान से जुड़ जाएंगे और जब भक्त और भक्ति का मिलन होता है तो वह अलौकिक शक्ति पैदा होती है अलौकिक दृश्य होता है तब इंसान को किसी भी अन्य वस्तु की जरूरत नहीं पड़ती है। 84 लाख योनियों के बाद यह मानव शरीर मिला है आप इसे यूं ही क्यों बर्बाद कर रहे हो हम यह नहीं कहते हैं कि आप 24 घंटा ही भक्ति करो सिमरन करो पूजा करो पाठ करो सत्संग सुनो पर 24 घंटे में कम से कम एक पहर तो समय दो। आप कितना ही धन क्यों ना काम को प्रॉपर्टी क्यों ना बना लो पर जब तक आप नाम की कमाई नहीं करोगे भक्ति नहीं करोगे वह सब व्यर्थ है क्योंकि यह सब यही छुट के जाना है ऊपर कोई साथ नहीं जाएगा यही आपकी कमाई नाम की कमाई साथ में जाएगी तो जो कमाई इंसान को करनी चाहिए उसे वह करता नहीं है और जो जरूर से ज्यादा दूसरी कमाई करता है वही ज्यादा दुखी होता है दुखों का कारण भी यही है आप बड़े भाग्यशाली हैं, गणेश उत्सव के पावन अवसर पर विघ्नहर्ता जी के सानिध्य में आप सत्संग का लाभ ले रहे हैं इस अवसर पर कई भक्ति भरे भजन गाए जिसे सुनकर भक्तजन झूम उठे। कार्यक्रम के आखिर में प्रार्थना की गई पल्लव पाया गया प्रसाद वितरण किया गया युवा समिति के द्वारा बलराम भैया जी का शाल पहनाकर पुष्प गुछ देकर स्वागत और सम्मान किया गया आज के इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में युवा गणेश उत्सव समिति हेमू नगर के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा