बिलासपुर -: सिंधी समाज का प्रमुख “श्री महालक्ष्मी सगड़ा पर्व” शुक्रवार को शनिचरी पड़ाव स्थित भाई वरियाराम गुरुद्वारा एवं नगर में जगह-जगह श्रद्धा भक्ति हर्षोल्लाह के साथ मनाया गया। यह पर्व संपूर्ण सिंधी समाज में अपने परिवार में सुख समृद्धि खुशहाली स्वास्थ्य लाभ संतान के दीर्घायु की मंगलकामना के लिए मनाया जाता है।
सिंधी समाज की सरिता डोडवानी ने जानकारी देते हुए बताया कि—
आज महालक्ष्मी सगड़ा पर्व के दिन प्रातः से ही सम्पूर्ण सिंधी समाज में भारी उत्साह रहा।
समाज के लोगों के द्वारा शनिचरी पड़ाव स्थित भाई वरियाराम गुरुद्वारा में महालक्ष्मी माता के कथा का श्रवण श्रद्धा पूर्वक किया।
गुरुद्वारा प्रमुख कोमल वाधवानी के द्वारा भक्ति पूर्ण माहौल में श्रद्धालुओं को महालक्ष्मी माता की कथा सुनाकर इसके महत्व के बारे में बताया।
“महालक्ष्मी सगड़ा पर्व”
सिंधी समाज के महत्वपूर्ण प्रमुख पर्व में से एक है…….
महालक्ष्मी सगड़ा पर्व का प्रारंभ “गणेश चतुर्थी” के तीसरे दिन याने षष्ठी के दिन “हल्दी लगे 16 (सोलह) कच्चे धागे को मिलाकर” “16 गांठ बांधकर” सगड़ा तैयार कर परिवार के सभी सदस्यों के कलाई में बांधा जाता है।
जिसे आज 16 वे दिन “श्री महालक्ष्मी सगड़ा पर्व” के दिन पूरी आस्था के साथ घर के सभी सदस्यों के लिए एक-एक दीपक प्रज्ज्वलित कर घर में बनाए गए सिन्धी व्यंजनों सतपुड़ा, सोरी ,मीठी टिक्की में सगड़ा बांधकर “महालक्ष्मी माता की कथा” समाज की महिलाओं ने परिवार के साथ सामूहिक रूप से शाम से लेकर रात तक , कई टोलियों में आस्था, एवं उत्साह के साथ श्रवण कर एवं पूजा अर्चना , कर परिवार में सुख समृद्धि खुशहाली स्वास्थ्य लाभ, एवं संतान की लम्बी आयु की कामना की।
श्रीमती सरिता डोडवानी ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि…..
अन्य समाज के तरह सिंधी परिवार अपने तीज, त्यौहार, उत्सव,आपसी,भाईचारे,सद्भावना, उत्साह उमंग धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं।
आज इसी कडी में भाई वरियाराम गुरुद्वारा शनिचरी पड़ाव में”महालक्ष्मी सगड़ा पर्व” के अवसर पर धार्मिक आयोजन कर भजन कीर्तन के साथ मां लक्ष्मी से प्रार्थना कर सभी के परिवार , सर्वधर्म समाज में आपसी भाईचारे सुख समृद्धि खुशहाली के साथ विश्व कल्याण के लिए अरदास की गई।
आज इस अवसर पर प्रमुख रूप से सरिता डोडवानी, कोमल वाधवानी, वर्षा वाधवानी, कविता डोडवानी, निकिता डोडवानी, आशा नागदेव, अनीता भोजवानी, गीता भोजवानी, लाजवंती खुशलानी, मीरा हरजानी, जय आडवानी,एकता डोडवानी, पलक डोडवानी, उषा चंदनानी, कविता खुशलानी, संगीता बनवानी, रेखा आडवानी माही आडवानी भारतीआडवानी, पदमा टेकचांदनी, कशिश भोजवानी रिंकल भोजवानी,कंचन तोलवानी, लवीना सचदेव नीलम डुसेजा, शांति चावला, कशिश चेतानी, नैना आडवानी, भारती डुसेजा, महक चेतानी, कौशल्या जगवानी,प्रिया जगवानी, सुमन वाधवानी, आरती आहूजा मोनिका नत्थानी रोशनी साधवानी, कविता खुशलानी रेशमा नत्थानी, तनीषा साधवानी, निकिता भोजवानी, अनन्य भोजवानी, आशा चावला करिश्मा आहूजा, बबीता मलघानी, मुस्कान आहूजा अंजलि नागदेव, प्रेरणा नत्थानी, शिखा नत्थानी,
रूपचंद डोडवानी,हरीश डोडवानी, सुनील डोडवानी, दीपक डोडवानी, भाई साहब अमरलाल वाधवानी, प्रताप राय वाधवानी, ज्ञान चंद वाधवानी, आदि के साथ भारी संख्या में श्रद्धालु भक्तजन ने महालक्ष्मी माता की कथा का श्रवण किया।