गुरु को तो सब मानते हैं पर गुरु की बात नहीं मानते हैं,, संत ओमी राम सांई

एक शाम भगवान झूलेलाल के नाम चंद्र महोत्सव के अवसर पर श्री झूलेलाल मंदिर झूलेलाल नगर चक्कर भाटा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया प्रति माह चंद्र महोत्सव के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है सत्संग कीर्तन का आयोजन होता है इस अवसर पर वशण शाह दरबार उल्हासनगर के संत सांई ओमी राम जी विशेष रूप से झूलेलाल मंदिर पहुंचे एवं अपनी अमृतवाणी से और रूहानी दर्शन से साध संगत को निहाल किया कार्यक्रम की शुरुआत रात्रि 9:00 बजे भगवान झूलेलाल एवं बाबा गुरमुख दास जी की मूर्ति पर फूलों की माला पहनकर पूज्य बहाराणा साहब की अखंड ज्योत प्रजवलित करके की गई संत ओमी राम सांई जी ने अपनी अमृतवाणी में फरमाया कि लोग गुरु का नाम तो ले लेते हैं गुरु को मानते भी हैं पर गुरु की बात पर अमल नहीं करते हैं उनकी बातों को अंन सुना कर देते हैं उनकी बातों को मानते नहीं है आप घड़ी देखकर समय का पता चलता है पर गुरु आपका मुख देखकर आपके जीवन की परेशानियों को समझ जाता है गुरु अपने भक्त की रक्षा के लिए सुरक्षा के लिए उसे हमेशा सत्य की राह पर चलने की सलाह देते हैं सत्संग कीर्तन नाम से जोड़ने की बात करते हैं और आने वाली घटनाओं को गुरु पहले ही समझ जाते हैं इसलिए भक्त को आगाह करते हैं उन्हें समझाते हैं पर आज का भक्त बड़ा स्मार्ट मोबाइल की तरह हो गया है वह गुरु की बात सुनता जरूर है पर उन बातों पर अमल नहीं करता है और अंत में उसे दुख और तकलीफ होती है जैसे स्मार्टफोन में इतने सारे फीचर होते हैं कि हमें पता नहीं होता है कि हम कौन सा बटन दबाए कौन सा छुए इसमें क्या निकलेगा क्या होगा हमें पता नहीं होता है फिर भी हम उसे कोचते रहते हैं आखिर में फोन हो जाता है बंद बाद पता चलता है कि हम गलत एफ पर स्पष्ट कर दिए थे इस तरह अगर हम गुरु के बताए हुए मार्ग पर चलें तो कभी भी आपको दुख तकलीफ परेशानी नहीं आएगी आजकल के बच्चे स्मार्ट हो गए हैं अंग्रेजी स्कूल में पढ़ते हैं इसलिए वह सोचते हैं कि हम बहुत ज्ञानी हैं वह अपने माता-पिता की भी नहीं सुनते हैं ऐसा सोचते हैं कि हमारे माता-पिता बुजुर्ग हो चुके हैं उन्हें आज के जमाने के बारे में पता नहीं है लेकिन उन बच्चों को पता नहीं है जो स्कूल में आप पढ़ाई कर रहे हो ना वह अभी का ज्ञान देते है पर आपके माता-पिता को जो शिक्षा मिली है वह बहुत पुराना ज्ञान है और सटीक ज्ञान है उसे समय स्कूल खुला नहीं होता था पक्के मकान नहीं होते थे पक्के सड़के नहीं होती थी घड़ी टीवी मोबाइल नहीं होते थे फिर भी लोग सुखी होते थे आज सब कुछ हैं उसके बाद भी लोग दुखी हैं पहले सब एक होते थे एक ही छत के नीचे रहते थे अब एक ही घर के अंदर में कई घर बन चुके होते हैं उन घरों में भी सब अलग-अलग पांथ को मानने वाले लोग रहते हैं जिसके कारण कोई इधर भागता है तो कोई उधर भगता है पर अपने माता-पिता को भूल जाते हैं और इसी चक्कर में अपने इष्ट देव भगवान झूलेलाल से भी दूर हो जाते हैं जिसके कारण दुख और तकलीफ परेशानियां घर लेकर आते हैं 10 जगह जाओगे 10 काम करोगे तो हमेशा तकलीफ और दुख ही मिलेगा एक पर विश्वास करो एक पर भरोसा करो वह झूलेलाल पर फिर देखो तुम्हारे सारे काम कैसे हो जाते हैं कैसे दुख तकलीफ चुटकी बजाते ही दूर हो जाती है भरोसा पक्का होना चाहिए भक्ति पक्की होनी चाहिए यकीन पूरा होना चाहिए गुरु पर अटूट विश्वास होना चाहिए और जिसने यह सब कुछ किया है उसने सब कुछ पाया है कुछ लोग सत्संग में भोजन करने आते हैं कुछ लोग सत्संग में मंदिर घूमने आते हैं कुछ लोग सेल्फी लेने आते हैं कुछ लोग संत का दर्शन करने आते हैं पर बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो संतों की वाणी को सुनने आते हैं उसे ग्रहण करने आते हैं

असली भोजन तुम्हारा वही है असली सेल्फी वही है असली दर्शन वही है आज तुम सब लोग बैठे हो वह झूलेलाल है वरना इस जगह आप कहीं दूसरे जगह बैठे होते अगर उन्होंने अवतार नहीं लिया होता तो इसलिए हमेशा एक बात का ध्यान रखना अपने माता-पिता वह गुरु की बताए हुए राह पर चलना उनकी बातों को ध्यान से सुनना उस पर अमल करना अपने घर और दुकान में भगवान झूलेलाल का फोटो और मूर्ति जरूर रखना और उसकी सुबह शाम पूजा भी करना सिर्फ दिखाने के लिए नहीं रखना तभी
आप लोगों का उद्धार होगा अपनी अमृतवाणी में कई भक्ति भरे भजन गए जीसे सुनकर भक्तजन झूम उठे कार्यक्रम के आखिर में आरती की गई पल्लू पाया गया प्रसाद वितरण किया गया आए हुए सभी भक्तजनों के लिए आम भंडारे का आयोजन किया गया बड़ी संख्या भक्त जनों ने भंडारा ग्रहण किया
बाबा गुरमुख दास सेवा समिति के द्वारा सांई ओमी राम जी का फुलो की माला पहनकर स्वागत किया गया व संत लाल सांई जी के द्वारा भी सम्मान किया गया
ढोल बाजे के साथ पूज्य बहराणा साहब को मंदिर से लेकर तालाब पहुंचे यहां पर विधि विधान के साथ बहराणा साहब का विसर्जन किया गया अखंड ज्योत को तराया गया इस पूरे कार्यक्रम का सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में लोगों ने घर बैठे आज के कार्यक्रम का आनंद लिया इस पूरे आयोजन में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में भक्तजन बिलासपुर चकरभाठा बिल्हा भाटापारा रायगढ़ कोरबा दुर्ग भिलाई गोंदिया शहरों से पहुंचे थे आज के इस आयोजन को सफल बनाने में बाबा गुरमुख दास सेवा समिति श्री झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों का विशेष योग रहा