प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय उसलापुर के प्रांगण में 75 वीं,

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय उसलापुर के प्रांगण में 75 वीं, आजादी के अमृत महोत्सव पर ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के उपलक्ष में “मेरा भारत स्वस्थ भारत” थीम पर विशेष युवाओं के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया एवं निजात के अंतर्गत नशा मुक्ति कार्यक्रम भी किया गया.
कार्यक्रम में माननीय भ्राता गौरी शंकर जी (साइकोलॉजिस्ट), माननीय भ्राता योगेश जी (समाज सेवक), माननीय भ्राता सुभाष सर (टीचर, सेंट जेवियर्स स्कूल, भरनी), माननीय भ्राता गणेश जी (एस आई सकरी), आदरणीय बीके संतोषी दीदी जी (राजयोगी शिक्षिका, राजयोग भवन बिलासपुर), आदरणीय बीके छाया दीदी जी (सेवाकेंद्र संचालिका, उसलापुर) ने दीप प्रचलन किया।
माननीय भ्राता गौरी शंकर जी ने सेल्फ स्टीम के ऊपर बच्चों को बताते हुए आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी। उन्होंने बताया कि अपने अंदर की अच्छाई व बुराई का मूल्यांकन करना आत्म सम्मान है। जब हम दूसरों के हिसाब से स्वयं को देखते हैं तो खुद को कमजोर महसूस करते हैं इसलिए हमें हमेशा अपने अंदर के गुणों एवं विशेषताओं को देखना चाहिए। खुद को समझना है कि मैं बहुत अच्छा हूं।

माननीय भ्राता योगेश जी (समाज सेवक) ने गुड मेंटल हेल्थ और बैड मेंटल हेल्थ की प्रभाव शाली ढंग से जानकारी देते हुए कहा कि हमारी भावनाओं का प्रभाव हमारे मेंटल हेल्थ पर पड़ता है इसलिए हमें अपनी भावनाओं को हमेशा सकारात्मक रखना चाहिए। इसके लिए बीच-बीच में अपने आप को एनर्जेटिक बनाने के लिए कई एक्टिविटीज उन्होंने बताएं।
बीके छाया दीदी ने स्पिरिचुअल हेल्थ को अच्छा बनाने के लिए कहा कि जैसे हम शरीर का ध्यान रखते हैं उसी प्रकार शरीर को चलाने वाली चैतन्य ऊर्जा का भी ध्यान रखने के लिए मेडिटेशन करना आवश्यक है। आत्मा में सात गुण होते हैं और जब हम आंतरिक गुणों का ध्यान करते हैं तो आत्मा में गुण शक्तियों का संचय होता है। उन्होंने विवेकानंद जी का उदाहरण देते हुए बताया कि वह भी जानना चाहते थे कि मैं कौन हूं? अतः आत्मज्ञान से हम परमात्मा की निकटता का अनुभव कर सकते हैं एवं हर परिस्थिति में उनकी मदद का अनुभव कर सकते हैं। अंत में दीदी ने मेडिटेशन कराते हुए सभी को शांति का अनुभव कराया।

माननीय भ्राता सुभाष सर जी (टीचर, सेंट जेवियर स्कूल) ने स्वामी विवेकानंद जी के अनेक उदाहरण बताते हुए उनके जीवन से अवगत कराया एवं उनके जैसा महान व्यक्तित्व बनाने की बच्चों को प्रेरणा दी। उन्होंने व्यसन मुक्त भारत के विषय में कहा कि वर्तमान समय मोबाइल का दुरुपयोग करना सबसे बड़ा एडिक्शन है विद्यार्थी जीवन में हमें समय का सदुपयोग करना चाहिए।
माननीय भ्राता गणेश जी ने निजात अभियान के अंतर्गत नशा मुक्ति का संदेश देते हुए अपनी स्वरचित कविता प्रस्तुत की।
बीके संतोषी दीदी जी ने स्वयं का महत्व समझाया एवं निजात अभियान के अंतर्गत नशा मुक्ति का संदेश दिया। व्यसन मुक्ति का संदेश देते हुए आनंद सागर और ग्रुप (यूनिसेफ एन जी ओ) के द्वारा ड्रामा प्रस्तुत किया गया।

सम्पूर्ण कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन आदरणीय राजयोगिनी बीके उमा दीदी (हेमूनगर) ने किया एवं बीके खुशी बहन ने संस्था परिचय देते हुए संस्था के कार्य विधियों से सभी को अवगत कराया।
कार्यक्रम में 250 युवा उपस्थित रहे जिसमें गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, उसलापुर, सेंट जेवियर्स स्कूल, भरनी एवं यूनिसेफ NGO के युवाओं ने लाभ लिया।