लेखराज मोटवानी : सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज एवम निरंकारी राजपिता रमित जी के आदेशानुसार संत निरंकारी सत्संग भवन कृष्ण नगर सतना में आदरणीय महात्मा डॉक्टर जे. पी. सेवानी ब्रांच संयोजक एवम आदरणीय महात्मा अमित जवाहरानी जी की उपस्थिति में योग दिवस का आयोजन किया गया। योगा प्रवेशक आदरणीय महात्मा विक्रम चांदवानी ने बहुत ही सुंदर रूप में योगा के महत्व को समझाते हुए योगा की मुद्राएं एवं पी. टी. करवाई।
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सतना के अतिरिक्त योगा दिवस के अवसर पर समूचे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस मनाया गया। हर इंसान स्वस्थ रहना चाहता है और इसका एकमात्र उपाय योग है। योग का अर्थ है जोड़ना सामंजस्य स्थापित करना। जब हम योग प्रक्रिया को अपनाते है तो शरीर, मन और आत्मा मे सामंजस्य स्थापित होता है। योग करने से हमारा अंग और प्रत्यंग सक्रिय होता है और हमारे भीतर छिपी हुई अनन्त शक्ति प्रकट होती है और हम ऊर्जावान, शक्तिशाली व मजबूत बनते है। अतः योग एक सम्पूर्ण विज्ञान है जो हमें शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ बनाता है।