मां दुर्गा को दी गई विदाई, झांकियां के साथ

बिलासपुर:- देशभर में नवरात्रि का  र्पव बड़े  ही धूमधाम के साथ मनाया गया जगह-जगह माता के जगराते, डांडिया, रास  गरबा का आयोजन किया गया जगह-जगह माता की आराधना की गई पूजा अर्चना की गई और माता की मूर्तियां विराजमान की गई बिलासपुर में भी कोलकाता के बाद सबसे ज्यादा दुर्गा उत्सव पर्व मनाया जाता है नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है बिलासपुर के हर चौक चौराहा में एक से बढ़कर एक मां दुर्गा की मूर्ति को विराजमान किया गया , और झांकियां लाईट , पंडाल, लगाया जाता है हर कोई सबसे अच्छा सुंदर देखने के लिए खूब मेहनत करते हैं अपने पंडाल को सजाते हैं 13 तारीख दिन रविवार को दुर्गा विसर्जन सुबह से ही छोटी से लेकर बड़ी मूर्तियां बैंड बाजे के साथ धुमाल पार्टी के साथ  नाचने गाते हुए विसर्जन  करने अलग-अलग घाटों में पहुंचे लगे जिनमें प्रमुख घाट है पचरीघाट ,छठ घाट, शिव घाट, , अलग अलग,घाटों में विसर्जन का सिलसिला चलता रहा पर जो आम जनता को इंतजार था वह था शाम ढलने का रात होने का क्योंकि रात को जो दुर्गा विसर्जन होती है साथ में झांकियां का रेला लगा रहता है और लोगों का मेला लगा रहता है साल भर लोग इंतजार करते हैं इस दिन का पूरे छत्तीसगढ़ से लोग दुर्गा विसर्जन देखने के लिए बिलासपुर में आते हैं ऐसा लगता है कि पूरा जन सैलाब उम्रड पड़ा है बिलासपुर में सदर बाजार से लेकर हटरी चोक घ तक    सिर्फ लोगों की मुंडिया नजर आती हैं और जबरदस्त लाइटिंग रहती है इस बार भी रात होते ही दुर्गा विसर्जन ओर झाकियौ का सिलसिला आना शुरू हो गया गोल बाजार से लेकर हटरी चौक तक जगह-जगह अलग-अलग समितियों के द्वारा सामाजिक संस्थाओं के द्वारा दुर्गा विसर्जन करने वाले समितियां का स्वागत सत्कार किया गया वह सम्मान किया गया एक से बढ़कर एक मां दुर्गा कि प्रतिमा थी वह कई झांकियां थी जो संदेश देते हुए भी चल रही थी जिसमें गौ माता की रक्षा के लिए एक झांकी थी भगवान रामचंद्र जी को पुष्पक विमान से रावण को मारने के बाद माता सीता को अयोध्या ले जाते हुए झांकी थी सबसे सुंदर झांकियों में जो सबका मनमोह लीया वह झांकी थी खाटू श्याम की बड़ा ही सुंदर तरीके से खाटू श्याम की झांकी बनाई गई थी वह विस्तार से झांकी का वर्णन किया गया था कि किस तरह भगवान श्री कृष्ण बर्बरीक से उसका सिर्फ मांगते हैं और वह अपना सिर काट कर देते हैं किस तरह बर्बरीक एक तीर से पेड़ के सभी पत्तों को छेद कर देते हैं माता उनको  तीन  तीर देती है हनुमान जी की सुंदर  झाकीथी जीसमे  भगवान राम ओर  लक्ष्मण जी को अपने हाथों में  उठाकर हवा में उड़ते हुए भव्य सुंदर झांकी क्रेन के माध्यम से लाई गई थी चॉकलेट से बनी हुई सुंदर तितली की झांकी थी एक से बढ़कर एक झांकियां थी लोग रातभर आनंद लेते रहे बीच में शयाम टाकीज के  पास कुछ लोगों के द्वारा आपसी लड़ाई झगड़ा भी हुआ जो समितियां के द्वारा शांत कराया गया कुछ देर  के लिए लाइट बंद भी की गई फिर  से लाइट आरंभ हुई और धुमाल पार्टी के साथ डीजे के साथ नाचते गाते हुए लोग जाने लगे और अरपा नदी में मां दुर्गा का पूजापाठ करके विधी विधान के साथ विसर्जन किया गया


भवदीय
विजय दुसेजा