परमात्मा स्वयं अवतरित होकर सृष्टि परिवर्तन का कार्य कर रहे है, प्रेरणा सकी बात नही: बीके रूपा
बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर में पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है। बीके रूपा ने कहा कि परमात्मा को ज्ञानसागर कहा जाता है। ज्ञान सुनाने के लिये परमात्मा को साकार सृष्टि मे मनुष्य तन का आधार लेना ही पडता है। परमात्मा प्रेरणा से कार्य नही कराते। सबसे पहला ज्ञान यह है कि हम आत्मा है। यही ज्ञान का तीसरा नेत्र है, क्योंकि आत्मा दोनो आँखो के बीच स्थित हो शरीर को चलाती है। त्रिनेत्री बन परमात्मा से सृष्टि चक्र का ज्ञान प्राप्त कर त्रिकालदर्शी बन जाते है। ज्ञान का पता तब चलता है जब परमात्मा आकर दे और हम बच्चों को वह मिले।

आगे कहा कि परमात्मा ज्ञान का सागर है पर वे हर एक मनुष्य के मन की बात नही जानते। इसलिए यह समझना भूल है कि हमारे गलत कर्मों की जानकारी परमात्मा को रहती है। हर गलत कर्म की सजा अवश्य मिलनी है इसमे परमात्मा हस्तक्षेप नही करते।