बिलासपुर :- सिंधु अमर धाम आश्रम श्री झुलेलाल मंदिर झुलेलाल नगर चक्कर भाटा
मैं दशहरा महोत्सव के अवसर पर प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी मुंडन संस्कार का आयोजन किया गया संत सांई लाल दास जी के सानिध्य में मुंडन संस्कार संपन्न हुआ कार्यक्रम की शुरुआत संध्या 4:00 बजे भगवान झूलेलाल बाबा गुरमुख दास जी के फोटो पर पुष्प अर्पण कर दीप प्रज्वलित करके की गई गई इस अवसर पर पंडित रमेश महाराज जी के द्वारा 13 बच्चों का विधि विधान के साथ मुंडन संस्कार कराया गया अलग-अलग शहरों से आए हुए लोगों ने अपने बच्चों का मंदिर में मुंडन संस्कार कराया 16 संस्कार में मुंडन संस्कार आठवें संस्कारों में आता है जब बच्चा जन्म लेता है

उसके 1 साल 2 साल या 3 साल के अंदर मुडंन संस्कार किया जाता है मुडंन संस्कार का महत्व बहुत बड़ा है और अपने इस जन्म के साथ-साथ पिछले जन्म से भी जुड़ा हुआ है मुंडन संस्कार इसलिए जरूरी है क्योंकि जब बच्चा मां के गर्भ में रहता है उस समय बहुत सारे ऐसे जीवाणु के किटाणु और बालों में लगे होते हैं
और बालों को अ पवित्र अभी माना जाता है मुंडन संस्कार के साथ जो जीवाणु किटाणु बालों में होते हैं वह पूरे सफा हो जाते हैं और नए बाल आते हैं आत्मिक शुद्धि यह संस्कार जन्म के पाशविक विचारों और मनोभावों को हटाने और मानवता वादी आदर्शो की प्रतिष्ठा के लिए किया जाता है
मुंडन संस्कार से शिशु दीर्घायु और मानसिक विकास होता है शास्त्रों के अनुसार ,
इससे 👶बच्चा स्वस्थ्य भी रहता है और कोई बीमारी भी नहीं रहती है


रोमकूपो का खुलना मुंडन से सिर के बालों के रोग छिद्र खुल जाते हैं जिससे नए बाल घने मजबूत और स्वच्छ होकर निकलते हैं मुंडन संस्कार के और अन्य कई फायदे होते हैं कार्यक्रम के आखिर में सभी बच्चों को संत सांई लाल दास जी के द्वारा पाखंर पनाकर शगुन के तौर पर खर्ची प्रदान किए
इस अवसर पर लाल दास जी ने अपने अमृतवाणी में सभी बच्चों के माता-पिता को पलकों को मुंडन संस्कार की बहुत-बहुत बधाइयां और शुभकामनाएं दी और दशहरा उत्सव के भी बधाई दी बुराई पर अच्छाई की विजय दशहरा उत्सव है आज दशहरा उत्सव छोटे से लेकर बड़े तक सभी मानते हैं और रावण के पुतले का दहन करते हैं क्योंकि रावण पापी अत्याचारी था इसलिए पर हमें रावण के पुतले का दहन करने के साथ-साथ अपने अंदर में जो गलत विचार है और गलत जो कार्य अगर हम करते हैं उनका भी दहन करना चाहिए तभी दशहरा उत्सव का महत्व है

और रावण दहन का महत्व है जब तक अपने अंदर बैठे गलत विचारों वाले रावण का दहन नहीं होगा तब तक इस पुतले का दहन करने से कोई फायदा नहीं है अंत में सांई जी के द्वारा भक्ति भरे भजन गाये जिसे सुनकर अपस्थित सभी भक्त जन झूम उठे आए हुए सभी संगत के लिए प्रसाद वितरण किया गया, एंव स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई थी
आज के इस पूरे कार्यक्रम को सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे लोगों ने कार्यक्रम का आनंद लीया ,
इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में बाबा गुरमुख दास सेवा समिति श्री झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा