(धर्मी देवी के ललनवा तोहे नजरा ना लागे)
बिलासपुर / चक्करभाटा:-
श्री झुलेलाल चालीहा महोत्सव के 27 वे दिन कि श्री झुलेलाल धूनी का आयोजन हिंदुजा परिवार के द्वारा किया गया कार्यक्रम की शुरुआत रात 🌙 10 बजे भगवान झूलेलाल बाबा गुरमुख दास जी के चित्र पर फूलों की माला अर्पण कर आरती करके की गई इस अवसर पर डॉक्टर हनुमान जी मंदिर दंदोरवा धाम भिंड मध्य प्रदेश, के सेवादारी भागवत कथा वाचक,पंडित पवन शास्त्री जी एवं दादी पुष्पा देवी जी कोल्हापुर महाराष्ट्र से विशेष रूप से चालिहा महोत्सव के अवसर पर पहुंचे और अपनी हाजिरी लगाई बाबा गुरमुख दास सेवा समिति के द्वारा आए हुए अतिथियों का स्वागत सत्कार किया गया जिसका सबको इंतजार था शास्त्री जी के मुख से अमृतवाणी से सत्संग का रसपान एवं भजनों का आनंद लेना शास्त्री जी ने

भगवान बजरंगबली झूलेलाल एवं अपने गुरु जी को याद करते हुए भजन की शुरुआत श्याम सुंदर भगवान श्री कृष्ण के भजनों से की बीच-बीच में भक्तों को रामायण महाभारत के कुछ कुछ अध्याय को बताते हुए भजन के माध्यम से आगे बढ़ते जा रहे थे किस तरह भक्त प्रहलाद की माता भगवान विष्णु की परम भक्त थी और पिता शत्रु थे पर पुत्र भी माँ👩 के नक्शे कदम पर चलकर भगवान विष्णु के परम भक्त कहलाए और उसके पिता ने क्या नहीं किया अपने पुत्र को मारने की कोशिश की पर हर बार भगवान विष्णु ढाल बनाकर पहुंचे थे और अपने भक्त की रक्षा करते थे कहने का तात्पर्य यह है कि वह धरती भी महान हो जाती है जिस धरती पर भगवान स्वयं प्रकट होते हैं या अवतार लेते हैं और साथ में अगर उसका भक्त भी अवतरण लेते हैं जहां-जहां धरती ऊपर वह धरती भी पवित्र ओर स्वर्ग बन जाती है जैसे यह चक्करभाटा की धरती जहां पर ऐसे संतों का जन्म हुआ और ऐसा तीर्थ स्थल सुंदर मंदिर भगवान झूलेलाल का बना है जो पूरे देश में विदेश में चर्चा का केंद्र है और भक्ति का एक स्थान है

वह विगत 12 साल से लगभग सांई लालदास से जुड़े हुए हैं और हर साल इंतजार करते हैं कि कब चालिहा महोत्सव आएगा और हमें यहां हाजिरी लगाने का मौका मिलेगा और ऐसे भक्तजनों के दर्शन करने का अवसर प्राप्त होगा संत तपस्या करते हैं तो अपने लिए नहीं बल्कि भक्तों के लिए , संनातन धर्म के लिए करते हैं उन्होंने हमर संगवारी से चर्चा करते हुए कहा कि लगभग 500 वर्ष पूराना हनुमान जी का मंदिर है और हमें और खुश नसीब हे कि हमें वहाँ सेवा करने का अवसर मिला उस मंदिर के हनुमान जी के मंदिर को डॉक्टर हनुमान जी मंदिर इसलिए कहा जाता है वहाँ पर जो भी पीड़ित दुख तकलीफ लेकर आता है सच्चे मन से पूजा करते हैं तो उसके दुख तकलीफ दूर हो जाते है बड़े से बड़ी बीमारी दूर हो जाती है वहां के जो बड़े पंडित जी हैं उनके द्वारा भभूति दी जाती है वह भभूति सेवन करने से बजरंगबली के दर्शन करने से रोग मुक्त हो जाते हैं इसलिए उस मंदिर का नाम डॉक्टर हनुमान जी मंदिर पड़ा बड़े से बड़े संत महात्मा भी आकर वहां श्रद्धा भाव से शीश झुकाते हैं और जब महोत्सव आता है नंवमबर महा में तब लाखों की संख्या में भक्त लोग पहुंचते हैं

और भक्तों के भोजन के लिए जेसीबी से सामान को धोया जाता है वह खाना बनाया जाता है हजारों की संख्या में लोग आकर सेवा करते हैं लाखों लोगों को भोजन करवाते हैं यह सब बजरंगबली की कृपा से ही होता है तो कहने का भाव यही है आप जीस संत को माने जीस भगवान को माने पर सच्चे मन से माने और सच्चे मन से सेवा करेंगे तो आपके दुख दर्द यूँही दूर हो जाएंगे वैसे भी यह देश राम और कृष्ण का देश है संतों का देश है संनातन को मानने वालों का देश है और हमारे धर्म ने हमारे संतो ने हमें यह सिखाया है सबका भला करो सब में भगवान देखो सब की सेवा करो और यहां आकर हमें बहुत आनंद मिलता है जब यहां पहुंचते हैं तो एक अलग ही खिंचाव हमें चुंबक की तरह खींच के लाता है और ऐसा प्रेम जिसे पाकर संतों का यहां के सेवा धारीयो का भक्तों का हमारा मन बहुत प्रफुल्लित हो जाता है हिंदुजा परिवार के द्वारा संत श्री लाल दास जी का स्वागत और सम्मान किया गया

सांई जी के द्वारा भी हिंदूजा परिवार को भगवान झुलेलाल का छायाचित्र भेट कर आशीर्वाद दिया गया कार्यक्रम के आखिर में पल्लोव पाया गया प्रार्थना की गई प्रसाद वितरण किया गया आज के इस आयोजन में बड़ी संख्या में अलग-अलग शहरों से भक्त जन पहुंचे थे इस पूरे कार्यक्रम को सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे लोगों ने आज के कार्यक्रम आनंद लिया इस पूरे कार्यक्रम को कवर करने के लिए हमर संगवारी के प्रधान संपादक विजय दुसेजा विशेष रूप से चक्करभाटा में पहुंचे ओर कार्यक्रम को कवर किया आज के इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बाबा गुरमुख दास सेवा समिति श्री झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा