( ऐसा काम हमने क्या,
किया जो तुमने मेरा हाथ थाम लिया मेरे..सांई)
बिलासपुर/ चक्करभाटा:-
श्री झूलेलाल चालिहा महोत्सव
के 33वें दिन कि धूनी का आयोजन जेसवानी फैमिली के द्वारा किया गया कार्यक्रम की शुरूआत भगवान झूलेलाल बाबा गुरमुख दास जी के फोटो पर पुष्प अर्पण कर आरती करके की गई, अनिल पंजवानी गौरव के द्वारा भक्ति भरे भजनों के साथ धूनी की शुरुआत की गई

इस अवसर पर, मशहूर मुकेश भगत थावर दास भगत उल्हासनगर महाराष्ट्र से विशेष रूप से चक्करभाटा पहुंचे ओर अपनी भगत के माध्यम से अपने भजनों के माध्यम से लोगों को खुश कर दिया आजकल भगत समाप्ति की ओर है क्योंकि आज की पीढ़ी न भगत सुनना चाहते हैं न देखना चाहती है और किसी को भगत का मतलब क्या है वह भी पता नहीं होता है पर आज भी अपनी संस्कृति को अपने भाषा को सजोए हुए ऐसे लोग हैं जिन्होंने भगत को जिंदा रखा है और उन्होंने अपने परफॉर्मेंस से सब का दिल जीत लिया अब वह घड़ी आ गई जिसका सबको इंतजार था साल भर रहता है क्योंकि साल में एक ही बार चालिहा उत्सव में संत महात्मा आते हैं और आज भी वशणशाह दरबार उल्हासनगर के संत कलीराम जी पहुंचे यहां पर उनका स्वागत ढोल बाजे के साथ आतिशबाजी के साथ फूलों की वर्षा के साथ किया गया मंदिर में पहुंचकर चालिहा महोत्सव की अखंड ज्योत के दर्शन कर भगवान झूलेलाल गर्भ गृह के नवनीकरण के बाद सुंदर अद्भुत मंदिर का मूर्ति का दर्शन किया मथा टेका और संत लाल दास जी के द्वारा उनका फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया गया

झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी महिलाओं के द्वारा आरती उतारी गई तिलक लगाया गया बाबा गुरमुख दास सेवा समिति एवं जेसवानी फैमिली के द्वारा काली राम जी व सांई लालदास जी का स्वागत और सम्मान किया गया ,
सांई कलीराम जी ने अपनी अमृतवाणी से सत्संग कीर्तन व भजनों से आए हुए सभी भक्तजनों को निहाल किया उन्होंने अमृतवाणी से किस तरह भगवान से जुड़े गुरु से जुड़े सत्संग से जुड़े इसके लिए उन्होंने भक्तों को बता उन्होंने कहा एक सच है एक झूठ है अब आप पर निर्भर करता है कि आप कौन सी कमाई करना चाहते हो, सच की या झूठ की सच की कमाई में तकलीफ और परेशानियां होती हैं पर वह ऐसा अमृत है जो आपको अमर बना देती है और झूठ की कमाई में बरकत होती है पैसा 💰धन दोलत तो बहुत मिलेगा पर वह ज्यादा टिकती नहीं है उसका अंत निश्चित है और गलत कामों से पाप की और झूठ बोलकर जो कमाया गया धन है वह हमेशा विपत्ति ही पैदा करेगा परेशानियां ही लाएगा और इससे आपके परिवार का भला नहीं होगा सच का मतलब है सत्संग धर्म कर्म से जोड़ना गुरु का नाम जपना प्रभु का सिमरन करना उन्हें एक प्रसंग सुनाया एक राजा अपने नगर में भ्रमण कर रहे थे रथ में बैठकर तो रास्ते में देखा एक व्यक्ति पैदल जा रहा है सर पर टोकरी लेकर फलों की राजा उस व्यक्ति से कहा बाबा कहां जाना है उसने कहा रामपुर ,
रामपुर तो यहां से 5 किलोमीटर दूर है आप थक जाओगे पैदल चलकर और सर पर टोकरी फलों है, आप मेरे रथ में बैठ जाइए आपको मैं छोड़ देता हूं वह बोला ठीक है राजा जी,


वह रथ में बैठा पर टोकरी को नीचे नहीं रखा राजा ने कहा बाबा टोकरी को नीचे रख दो नहीं तो आपको तकलीफ और ज्यादा होगी तो उस व्यक्ति ने कहा राजा जी मेरा ही वजन बहुत है फिर मैं टोकरी निचे रखूगा तो वजन बढ़ जाएगा तो राजा हंसने लगा और कहा आप टोकरी को नीचे नहीं भी रखोगे ना तब भी इसमें वजन उतना ही रहेगा, बढ़ेगा, या घटेगा नहीं अभी टोकरी आपके सिर पर है इससे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है कहने का भाव यह है कि हम लोग भी अपने सिर के ऊपर में घमंड और अहंकार की टोकरी लेकर बैठे हैं जिसे हम नीचे रखना नहीं चाहते हैं कोई भी काम होता है तो मैंने किया मैंने किया मैंने किया यह बोलते हैं मैंरे द्वारा किया गया है मेरे कहने से हुआ है कि मैं ही इंसान को मार डालता है और वह अहंकार को खत्म करने नहीं देता है जिस दिन यह अहंकार की टोकरी निचे रख दोगे तो आपका सर का वजन भी काम हो जाएगा और आप लोग भी धर्म कर्म के रहा से रास्ते से जुड़ जाओगे कार्यक्रम के आखिर में प्रार्थना की गई पल्लो पाया गया प्रसाद वितरण किया गया


आए हुए सभी भक्तों के लिए आम भंडारा का आयोजन किया गया बड़ी संख्या लोगो ने आम भंडारा ग्रहण किया आज के इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अधिक संख्या में लोग छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों से पहुंचे थे इस पूरे कार्यक्रम का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे लोगों ने आज के कार्यक्रम का आनंद लिया इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बाबा गुरमुख दास सेवा समिति झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा आज के इस आयोजन को कवर करने के लिए हमर संगवारी के प्रधान संपादक विजय दुसेजा विशेष रूप से चक्करभाटा पहुंचे और प्रोग्राम को कवर किया