बिलासपुर : अखण्ड भारत के सिंध प्रांत में रहने वाले सिंधी समाज के वीरगति को प्राप्त अंतिम राजा दाहिर सेन का शहादत दिवस पूरे भारतवर्ष में सादगी पूर्वक मनाया गया इसी कड़ी में कश्यप कॉलोनी स्थित सिंधूधाम गुरुद्वारा परिसर में पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत एवं भारतीय सिंधु सभा महिला विंग एवं पूज्य सिंधी पंचायत कश्यप कॉलोनी के संयुक्त तत्वाधान में अमर शहीद सिंधु सम्राट राजा दाहिर सेन जी का शहादत दिवस अत्यंत सादगी पूर्वक मनाया कार्यक्रम मैं सर्वप्रथम भगवान श्री झूलेलाल एवं राजा दाहिर सेन जी के चित्र पर माल्यार्पण कर ,दीप प्रज्वलित करके किया गया उन्हें स्मरण करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की गई इस अवसर पर उपस्थित अनेक वक्ताओं ने राजा दाहिर सेन जी की जीवनी पर प्रकाश डाला एवं उनके द्वारा देश व समाज हित के लिए किए गए कार्यों का विस्तार से वर्णन किया देश व समाज की रक्षा के लिए मुगलों से लोहा लेते हुए वे वीरगति को प्राप्त हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत के महामंत्री एवं सिंधु चेतना के अध्यक्ष कमल बजाज ने कहा की राजा दाहिर सेन जी की आदमकद प्रतिमा नगर में स्थापित करने के लिए पुख्ता प्रयास किए जाएंगे।
पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत महिला विंग की अध्यक्ष राज कुमारी मिहानी ने भी सिंधु सम्राट पर अपने विचार व्यक्त किए ,कन्हैया आहूजा ने राजा दाहिर सेन जी पर गीत के रूप में कुछ पंक्तियां भी पेश की, पंचायत के अध्यक्ष जगदीश जज्ञासी ने कहा की हमारे समाज के साधु, संत, दरवेश एवं अन्य विभूति प्राप्त राजा महाराजा के बारे में वर्तमान की युवा पीढ़ी को अवगत कराएं, ताकि आने वाली पीढ़ी भी इन सब जानकारियों से भली-भांति हो सके, शहादत दिवस पर पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत के कार्यवाहक अध्यक्ष धनराज आहूजा, कंचन जेसवानी रूपल चंदवानी ने भी संबोधित किया एवं कंचन रोहरा ने भक्तिभाव भजन गा कर एक समा बांधा तथा सुश्री चंदा ठाकुर ने भी कविता के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी तथा कार्यक्रम में समाज के पत्रकार विजय दुसेजा ने भी राजा दाहिर सेन जी के संबंध में अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि समाज में पंचायत युवा विंग महिला विंग सामाजिक संस्थाएं सभी अच्छा कार्य कर रही है और समाज हित के एक से बढ़कर एक कार्य का आयोजन हो रहा है, जो बहुत ही बढ़िया अच्छी बात है पर जब भी ऐसे कार्यक्रमों में हम समाज के हित के कुछ प्रस्ताव पास करते हैं तो उन प्रस्तावों पर कार्यक्रम समापन के बाद आगे बात नहीं होती है वहीं पर समाप्त हो जाती है क्योंकि कुछ लोगों का ऐसा सोचना होता है कि यह प्रस्ताव तो उस आदमी ने रखा है अगर हम उस पर अमल करेंगे तो उसका नाम होगा हमारा नाम नहीं होगा या हमारे संस्था का नाम नहीं होगा जो यह सरासर गलत है।
इससे अपने समाज का ही नुकसान हो रहा है जब भी जहां पर भी किसी वक्त पर भी समाज हित की बात आती है तब आपसी मनमुटाव मनभेद सब भुलाकर सबको एक होकर समाज हित के लिए कार्य करना चाहिए क्योंकि अगर कही भी मूर्ति स्थापित होगी तो वह समाज के नाम से जानी जाएगी ना कि किसी व्यक्ति विशेष के नाम से समाज का नाम होगा ना कि किसी पंचायत का या व्यक्ति का नाम होगा इसलिए समाज सर्वोपरि है। कार्यक्रम का संचालन सोनी बहरानी ने किया इस अवसर पर सोभराज कोटवानी, राजकुमार मनसुखानी ,रूपचंद चौधरी, महेश वाधवानी, रेशमा निहलानी, कंचन मलघानी, पूनम बजाज, दिव्या चेलानी, शीला मलघानी, कोमल भगतानी, कविता, विनीता टहिल्यानी,नीतू खुशलानी, विमला हिरवानी, भावना पोपटानी, मधु भगवानी, रश्मि हासानी, रेखा सजवानी, अनु आहूजा एवं अनेक सदस्य उपस्थित थे।