संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया तो कांग्रेस को नहीं देंगे वोट.

बिलासपुर। सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के द्वारा शासन से नियमितीकरण की मांग पिछले पांच वर्षों से की जा रही है।लगातार मांग और गंगाजल की कसम खाने के बाद भी कांग्रेस सरकार अपने वादे को अब तक नहीं निभाया है। आगामी चुनाव से पहले अगर वादा पूरा नहीं किया जाता है तो सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी संघ के परिवार रिश्तेदार कांग्रेस को वोट नहीं देंगे। ये कहना है जिला संयोजक श्याम मोहन दुबे का। शनिवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हर मुश्किल घड़ी में संविदा कर्मचारियो ने सरकार का साथ दिया है। कोविड के दौरान लगभग 50 लोगों की मौत हो गई मगर उनके परिजनों की कोई पूंछ परख नहीं हुई।श्री दुबे ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने झूठ बोलकर शासन किया।उन्होंने कहाकि शासन की इस वादाखिलाफी से प्रदेश में करीब 45 हजार संविदा कर्मचारी प्रभावित हुए है। दैनिक वेतन भोगियों को मिला लिया जाए तो इनकी संख्या करीब एक लाख अस्सी हजार हो जाती है।

पत्रकारों को जानकारी देते हुए उन्होंने बताया की हाल ही में शासन ने 27 फ़ीसदी वेतन वृद्धि की जो घोषणा की है वह संविदा कर्मचारियों के साथ मजाक है। क्योंकि यह किन्हें दिया जा रहा है यही स्पष्ट नहीं है।मुख्यमंत्री को पौने 5 साल में संविदा कर्मचारियों की कितनी संख्या है इसकी जानकारी तक नहीं है तो फिर पौने 5 साल शासन कैसे चल गया यह समझ से परे है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को डराने के लिए एस्मा लगा दिया गया है एस्मा लगाने वालों ने यह भी नहीं सोचा कि गंगाजल लेकर उन्होंने कसम खाई थी कि संविदा कर्मचारियों को नियमित करेंगे जो उन्होंने किया नहीं। मगर अब संविदा कर्मचारी अरपा मैया की जल लेकर कसम खा रहे हैं कि अगर चुनाव से पहले उन्हें नियमित नहीं किया गया तो वे और उनके परिवार सहित रिश्तेदार भी कांग्रेस को वोट नहीं करेंगे। पत्रकारों से चर्चा के दौरान समग्र शिक्षा विभाग से प्रशांत शर्मा, स्वास्थ्य विभाग से प्रशांत शर्मा, प्रकाश पांडेय,अभिलाषा मसीह,डॉक्टर सिंड्रेला पॉल, ऋतुराज शर्मा और राजकुमार यादव मौजूद रहे।