उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म के अपमान पर सिंन्धु सन्त समाज का हमलास्टालिन का अपराध अक्षम्य, माँगे माफ़ी अन्यथा हो गिरफ्तारी- महामन्त्री स्वामी हंसदास

रीवा/ तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से कर डाली । उदयनिधि के अनुसार – ये बीमारियाँ ऐसी हैं जिनका केवल विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म करना जरूरी होता है। सनातन धर्म भी ऐसा ही है। इसे खत्म करना हमारा पहला काम होना चाहिए। सनातन शब्द संस्कृत से आता है। ये समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है। उदयनिधि बोले- सनातन धर्म को रोकने का संकल्प कम नहीं होना चाहिए।
उदयनिधि के इस बयान पर संपूर्ण भारतवर्ष के सनातन प्रेमियों में रोष फैल गया है। अखिल भारतीय सिंन्धु सन्त समाज ट्रस्ट के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी हंसदास जी ने स्टालिन के इस कृत्य की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि हमारी सुसंस्कृत सनातन परंपरा के लिए उदय निधि स्टालिन ने मलेरिया डेंगू की तरह खत्म कर देने की बात कह कर अपनी विषैली मानसिकता का परिचय दिया है । ऐसे व्यक्ति को लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनी हुई सरकार के रूप में बने रहने का अधिकार नहीं है । अतएव डीएमके की सरकार को बर्खास्त कर वहाँ राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए । उदयनिधि स्टालिन का यह कुकृत्य संपूर्ण भारत में अराजकता , सांप्रदायिक विद्वेष को बढ़ाने का दुराचरण है जो अक्षम्य अपराध है । स्टालिन को अपने शब्द वापस लेते हुए सर्व सनातनी समाज से माफ़ी माँगनी चाहिए अन्यथा समाज में द्वेषपूर्ण कुकृत्य, व जहर फैलाने के लिये उदय निधि स्टालिन को गिरफ्तार किया जाए। अखिल भारतीय सिंन्धु सन्त समाज ट्रस्ट केंद्र सरकार से मांग करती है कि सनातन धर्म के लिए ऐसी विकृत व दूषित मानसिकता वाले व्यक्ति ,व्यक्तियो एवं तत्वों पर रोक लगाने के लिए कानून का निर्माण कर सनातन के संरक्षण का मार्ग प्रशस्त करे। ताकि भविष्य में कोई भी ऐसी हरकत न करे।