सिंधी समाज की महिलाओं ने मनाया तिजडी़ पर्व तीज माता से मांगी मांगी पति की दीर्घायु

बिलासपुर-: सिंधी समाज की महिलाओं तिजडी़ (तीज) पर्व, भाई वरियाराम गुरुद्वारे में भक्ति और उत्साह से मनाया।
तीज पर्व को लेकर शहर में सभी जगह समाज की महिलाओं मे उमंग रहीं।
समाज की सरिता डोडवानी ने बताया कि….
सभी समाज की तरह हमारा सिंधी समाज भी अपने सभी तीज त्यौहार,भक्ति आस्था और हर्षोल्लास से मनाता है।
सावन महीने के बाद य़ह प्रमुख पर्व आता है तिजडी़ (तीज) . इस दिन महिलाओ ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए सज धज कर श्रद्धा पूर्वक उपवास रखा और तिजडी़ माता की पूजा अर्चना कर कामना की.
पर्व पर भोर में उठकर शगुन के रूप में हल्का भोजन ग्रहण कर उपवास प्रारंभ किया.
श्रीमती डोडवानी ने आगे बताया कि…

तिजडी़ पर्व के पूर्व आने वाली एकादशी के दिन किसी पात्र या बर्तन में,मिट्टी डालकर उसमें सात प्रकार के अनाज से तीज ( भोजली) उपजा जाता है. सतधान्य की तिजडी के दिन भाई वरियराम गुरुद्वारा में सुहागन महिलाओ ने फल फूल एवं जल चढ़ाकर तिजडी़ माता को झूला झूला कर विधि विधान से पूजा अर्चना की और भगवान शिव एवं माता पार्वती से पति के दीर्घायु की मंगलकामना की.एंव वर,घर,परिवार, की सुख समृद्धि की प्रार्थना की गई । संध्या को तिजडी़ माता की कथा श्रवण कर चंद्र देवता को , कच्चे दूध में चावल डालकर एवं जल से अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण किया.
यह पर्व सिंधी समाज की कुंवारी कन्याएं भी मनवांछित वर मिलने की कामना कर भक्ति और उल्लास के साथ, उपवास किया। तीज की पूजा अर्चना भाई बरियाराम गुरुद्वारा में गुरुद्वारा प्रमुख श्रीमती कोमल वाधवानी ने सम्पन्न कराया.
इस अवसर पर समाज की महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल हुई.जिसमें प्रमुख रूप से, कोमल वाधवानी वर्षा वाधवानी निकिता डोडवानी, अनिता भोजवानी, गीता भोजवानी,,कंचन ठारवानी, कविता डोडवानी, एकता डोडवानी, आरती आहूजा, दीपा रामानी, पलक डोडवानी, करिश्मा आहूजा, मान्या भोजवानी, उषा चंदनानी, मीरा हरजानी, नैना मलघानी, बबीता मलघानी, रोशनी साधवानी, पूजा डोडवानी, आशा चावला, माही डोडवानी, अंशिका वाधवानी, अंजलि नागदेव, कीर्ति मलघानी, मोनिका नत्थानी, मुस्कान आहूजा, शिखा नत्थानी,जया मलघानी, पूजा लधानी,दिशा डोडवानी, प्रेरणा नत्थानी ,दिव्या चावला, रेशमा मेंहानी, मंजू हिंदूजा, प्रेरणा नत्थानी , खुशी हरजानी, शिखा हरजानी कशिश हरजानी, याशिका, नीता बत्रा, कांता वासवानी,आदि के साथ समाज की महिलाएं भारी संख्या में उपस्थित रही।।