बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा है रुपया : विजय दुसेजा।

सम्पादकीय : पहले जमाने में जो फिल्म बनती थी वह लोगों को जागृत करने के लिए बनती थी देश में कुरीतियां है उन्हें दिखाने के लिए बनती थी देशभक्ति के लिए बनती थी आपसी भाई चारा प्रेम के लिए बनती थी और उनके जो गाने थे दिल को छू जाते थे आज भी अगर हम पुरानी फिल्मों के गाने सुनेंगे तो मन को एक अलग सुकून मिलता है और शांति मिलती है खुशी मिलती है और कुछ गाने ऐसे हैं जो कटाक्ष करते थे सच को सामने लाते थे उनमें से ही एक फिल्म का गाने का मुखड़ा था जिसके हीरो थे महमूद और विनोद मेहरा दो दोस्त थे पर पैसे के चक्कर में दुश्मन हो जाते है। फिल्म में एक ऐसा मोड़ आता है और जो दोस्त गरीब था वह अमीर बन जाता है जो अमीर था वह गरीब बन जाता है।
तब जो पहले गरीब था वह अपनेअमीर दोस्त को अच्छे रास्ते पर लाने के लिए एवं उन्हें समझाने के लिए सबक सिखाने के लिए वह फिल्म में नाटक करता है ताकि वह पैसे का महत्व को समझें और दुनिया की सच्चाई को जाने आज उस गाने का मुखड़ा हकीकत में सच साबित हो रहा है

जिसके बोल हैं

(बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा है रुपैया)

यह गाने के बोल आज की सच्चाई है आज जिस तरह लोग पैसे के पीछे भाग रहे हैं रिश्ते नाते सब खत्म होते जा रहे हैं हर कोई सिर्फ पैसा पैसा करने लगा है वे भूल गए हैं कोरोना काल में लोग पैसे लेकर घूम रहे थे पर ऑक्सीजन नहीं मिल रहा था‌। उनहै हॉस्पिटल में बेड नहीं मिल रहा था उन्हें कोई लेबर नहीं मिल रहा था उन्हें कोई हाथ लगाने को तैयार नहीं था मुर्दे को छूने को परीजन भी छुने को तैयार नहीं थे। तब वह पैसा काम नहीं आया जीवन के लिए पैसा जरूरी है पर पैसा ही सब कुछ नहीं है। यह आपके ऊपर डिपेंड करता है कि आप किस में खुव रहते हैं झोपड़ी में रहने वाला गरीब सूखी रोटी खाने वाला सुखी है या महलों में रहने वाला अमीर 56 भोग खाने वाला सुखी है यह जाकर उनसे पूछो सच सामने आ जाएगा यह हमारे ऊपर है आप अपनी जितनी ईच्छाओ को बढ़ाएंगे उतना ज्यादा दुखी होते जाएंगे और जितना मन को पकड़ के रखेंगे ओर
सेवा भक्ति सिमरन में लगाएंगे और थोड़े में सुखी एवं खुश रहता है।
आप अमीर हैं और अगर आपका परिवार आपके साथ है तो आप अमीर हैं अगर आपका परिवार एक है सब एक दूसरे को प्यार करते हैं तो आप सबसे ज्यादा अमीर हैं।
पर आज के इस युग में कलयुग के प्रभाव से और सोशल मीडिया के आने से लोगों का जीवन स्तर बदल गया है उसी को सीखाने के लिए कभी-कभी भगवान भी अलग-अलग लीलाएं करते हैं और प्रकृति भी अपना रूप दिखाती है ताकि इंसान समझे पर इंसान है कि समझना ही नहीं चाहता।

वह तो यह सोचता है कि जो मैं कर रहा हूं वही सही है जो मैं बोल रहा हूं वही सही है पैसों के पीछे भाग रही अंधी दौड़ ने रिश्ते नाते को खत्म कर दिया।
आजकल लोग भगवान को खुश करने के लिए पैसों का बंडल चढ़ाते हैं सोना चांदी हीरा मोती चढ़ाते हैं अरे उसे क्या दे रहे हो उसने तो तुमको दिया है तुम तो खुद भिखारी हो उसके मंदिर में जाकर भीख मांगते हो अंदर में भगवान ने कभी नहीं कहा कि मुझे पैसा चाहिए हीरा मोती सोना चांदी चाहिए भगवान कहते हैं मुझे प्यार चाहिए मुझे भक्ति चाहिए मुझे सेवा चाहिए मुझे सिमरन चाहिए मुझे भक्ति चाहिए ।
पर इंसान है कि अपने ही सपनों में खोया है और उसे ही सच मान रहा है जो उसकी भूल हैं वहसोचता है की सबको खरीद लूंगा पैसों के बंडल दिखाकर नोटों की गड्डी दिखाकर अपनी अमेरी की चमक दमक दिखाकर
परन्तु हर कोई बिकाऊ नहीं है और इस सच्चाई को समझना होगा सच को स्वीकार करना होगा आज भी ईमानदार लोग जिंदा है तभी तो यह दुनिया चल रही है वरना बेईमान लोग तो कब का इसे खत्म कर देते ।
सत्संग में सब जाते हैं पर न सत्य का साथ लेते हैं ना ही साथ देते हैं ना सत्य की राह पर चलते हैं
ओर ना ही सच्चे लोगों का संग करते हैं।
अपनी अमीरी के घमंड में अपनी दुनिया में जीते हैं

शायद उन्हें पता नहीं कफन में जेब नहीं होता है मरने के बाद कोई कुछ लेकर जाता नहीं है तो किस बात का घमंड है किस बात की अकड़ है सब कुछ यही छोड़ कर जाना है मिट्टी से बने हो मिट्टी में मिल जाना है एक हरि का नाम है जो संग संसार से साथ में जाना है

सजन रे झूठ मत बोलो खुदा के पास जाना है न 🐘 हाथी है ना 🐎 घोड़ा है पैदल ही जाना है।

राज कपूर की फिल्म का गाना है जो सच को प्रदर्शित करता है अगर सच्चाई को आज लोग समझ जाएंगे तो यह जीवन संवर जाएगा और राम राज्य आ जाएगा।

भवदीय
विजय दुसेजा