अत्यंत पुण्यदायी है कार्तिक मास-महामन्त्री हंसदास तुलसी-शालिग्राम पूजन, गंगा स्नान, दीपदान, व्रत, लक्ष्मी पूजन, सत्शास्त्रों का अध्ययन आदि का विशेष महत्व

लेखराज मोटवानी/रीवा (म.प्र.) : आश्‍विन माह की शरद पूर्णिमा के बाद कार्तिक मास प्रारंभ होता है। हिन्दू धर्म में इस माह का खासा महत्व है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह माह 29 अक्टूबर 2023 सोमवार से प्रारंभ होगा, जो अगले माह 27 नवंबर तक चलेगा। कार्तिक मास को क्यों माान जाता है खास, क्या करना चाहिये इस माह में। अखिल भारतीय सिंन्धु सन्त समाज ट्रस्ट के राष्ट्रीय महामंत्री श्रद्धेय स्वामी हंसदास जी के अनुसार जिस तरह श्रावण माह भगवान शिव के लिए हैं उसी तरह कार्तिक और पुरुषोत्तम मास भगवान विष्णु का विशेष महीना है। इस माह में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा होती है। कार्तिक मास को पुण्य मास कहा जाता है।

जो फल सामान्य दिनों में एक हजार बार गंगा स्नान का होता है, वही फल कार्तिक माह में सूर्योदय से पूर्व किसी भी नदी में स्नान करने से प्राप्त हो जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन जो भी दान दिया जाता है उसका कई करोड़ों गुना फल प्राप्त होता है। मान्यता है कि इस दिन व्यक्ति जो कुछ दान करता है वह उसके लिए स्वर्ग में सुरक्षित रहता है। इस मास में भगवान विष्णु जल के अंदर निवास करते हैं। इसलिए नदियों एवं तलाब में स्नान करने से भगवान विष्णु की पूजा का पुण्य प्राप्त होता है। पुराणों के अनुसार इसी माह में भगवान विष्णु ने सृष्टि की रक्षा के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था। कार्तिक मास में गंगा स्नान, दीप दान, हवन, यज्ञ करने से सांसारिक पापों से मुक्ति मिलती है। कार्तिक मास में विष्णु सहस्त्रनाम के जाप की विशेष महिमा बताई गई है। कार्तिक मास स्नान की शुरुआत शरद पूर्णिमा से होती है और इसका समापन कार्तिक पूर्णिमा को होता है।

कार्तिक मास में अवश्य करें-

०१.दीपदान करें :-इस माह में भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, यमदेव और पीपल देव के समक्ष और जलाशयन दीपक जलाने से सभी तरह के संकट मिट जाते हैं और घर में सुख शांति आती है। साथ ही नदी में दीपक प्रवाहित करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। दीपदान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।
०२.माता लक्ष्मी को भोग लगाएं :- माता लक्ष्मी को खीर पसंद है। इस माह में उन्हें प्रतिदिन खीर का भोग लगाने से धन की हानि नहीं होती है और धन समृद्धि बढ़ती हैं। इसी माह में दीपावली के दिन माता की विशेष पूजा होती है।
०३. तुलसी पूजा :- इस माह में तुलसी की पूजा, सेवन और सेवा करने का बहुत ही ज्यादा महत्व है। इस कार्तिक माह में तुलसी पूजा का महत्व कई गुना माना गया है। तुलसी की पूजा भगवान शालिग्राम के साथ ही करना चाहिए। इससे सभी तरह के रोग और शोक मिट जाते हैं और जीवन में सुख शांति बढ़ जाती है। कार्तिक माह में कार्तिक प्रबोधिनी एकादशी पर तुलसी विवाह भी होता है।

०४. नदी स्नान :- इस मास में श्री हरि जल में ही निवास करते हैं। अत: इस माह में पवित्र नदी में स्नान करने बहुत ज्यादा महत्व है। मदनपारिजात के अनुसार कार्तिक मास में इंद्रियों पर संयम रखकर चांद-तारों की मौजूदगी में सूर्योदय से पूर्व ही पुण्य प्राप्ति के लिए स्नान नित्य करना चाहिए।
०५. सूर्य को अर्घ्‍य देना :- इस माह में सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देने से सभी तरह के दोष दूर हो जाते हैं।
०६. भूमि शयन :- कार्तिक मास में भूमि पर सोना लाभदायक माना गया है। इससे मन में सात्‍विकता का भाव पैदा होता है और अन्‍य तरह के विकार समाप्‍त हो जाते हैं।
०७. पीला कपड़ा :- यदि आप नौकरी या कारोबार में तरक्की चाहते हैं तो कार्तिक माह के किसी गुरुवार के दिन तुलसी के पौधे पर पीला रंग का कपड़ा बांध दें। इसे कारोबार में उन्नती और नौकरी में प्रमोशन मिलता है।
०८. तुलसी के 11 पत्ते :- कार्तिक माह में घर में तुलसी का पौधा लगाना चाहिए और भगवान विष्णु के चित्र या मूर्ति पर तुलसी के 11 पत्तों को बांध दें। ऐसा करने से घर में कभी भी धन- संपत्ति की कमी नहीं रहेगी।
०९.आटे में तुलसी के पत्ते :- तुलसी के 11 पत्ते लेकर उन्हें घर के आटे के बर्तन में डाल दें। इससे घर में शुभ परिवर्तन होंगे।
१०. शुक्रवार की पूजा :- कार्तिक माह के सभी शुक्रवार को मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने से धन-संपदा की प्राप्ति के साथ दांपत्य जीवन भी खुशहाल होता है।