बैठा है मेरा,साई सतराम दास, मुझे फिर किसी बात की चिंता नहीं है,

शहंशाह सद्गुरु सच्चे सांई,सतराम दास साहिब जी के जन्मदिवस हजूरी साहब सांई, साधराम जी की आज्ञा अनुसार प्रत्येक माह, चंद्र दिवस के बाद आने वाले गुरुवार को साई विस्पत के दिन भक्तों के द्वारा संध्या को सत्संग कीर्तन का आयोजन किया जाता है इसी कड़ी में इस बार भी सत्संग का आयोजन एस एस डी सेवा मंडल परिवार बिलासपुर के द्वारा सेवादार घनश्याम भाई के निवास स्थान में संध्या 5:30 से 7:00 बजे तक कीर्तन भजन का आयोजन किया गया
सेवादार सुनील केरवानी जी के द्वारा जानकारी दी गई की अमावस्या के बाद जो चंद्र का दिन आता है वह उजाला लेकर आता है खुशहाली लेकर आता है और उस चंद्र के बाद जो गुरुवार आता है इस दिन को सिंधी भाषा में ,साई विस्पत , कहा जाता है मतलब उजाले वाला दिन और उजाला वाला गुरुवार सबको रोशनी फ़ैलाने वाला उसी दिन सिंध के शहंशाह सांई सतराम दास जी का अवतरण हुआ था अपनी भक्ति से सत्य की राह पर चलने के कारण उन्हें सच्चो सतराम दास, कहा जाता है
वह शहीद भक्त कवर राम साहब के गुरु थे इसलिए प्रत्येक माह को उनका जन्म उत्सव मनाया जाता है और साध संगत के द्वारा सत्संग कीर्तन किया जाता है आज भी सत्संग कीर्तन के बाद आरती की गई प्रार्थना की गई पल्लो पाया गया प्रसाद वितरण किया गया आए हुए सभी भक्तजनों के लिए प्रभु का प्रसाद रूपी भोजन की व्यवस्था की गई आज के इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में एस एस डी धाम सेवा मंडल बिलासपुर के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा

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