सांई तेरे चेहरे पर वह जादू है तेरी और खींचा हुआ चला आता हूं जाना था कहीं और तेरी और चला आता हूं, जावेद केशू

( चिट्ठी आई है चिट्ठी आई है चालिहा महोत्सव में शामिल होने के लिए सांई की चिट्ठी आई है )

बिलासपुर /चक्करभाटा:- श्री झूलेलाल चालिहा महोत्सव के 32 वे दिन धूनी का आयोजन वलेचा परिवार के द्वारा किया गया कार्यक्रम की शुरुआत रात्री 10:00 बजे भगवान झूलेलाल लाल बाबा गुरमुख दास जी के फोटो पर पूष्प अर्पण कर आरती करके की गई अनील पंजवानी व गौरव के द्वारा भक्ति भरे भजनों के साथ धूनी का शुभारंभ किया गया अब वह घड़ी आ गई जिसका सबको इंतजार था आज के दिन ग्वालियर मध्य प्रदेश के मशहूर सिंगर वी जोड़ी जावेद और केशु ,सिंध म्यूजिकल पार्टी के द्वारा शानदार एक से बढ़कर 👍 शानदार सुंदर भजन वह गीत सिंधी और हिंदी में गाए, भक्तों को मंत्र मुंघ कर दिया भक्त लोग आखिर में झूम उठे ऐसा समां बांधा कि समय का पता ही नहीं चला भक्त लोग भी ठंड में भी ऐसे बैठे थे जैसे गर्मी का माहौल हो 🎶संगीत🎤🎼🎹🎶 व भक्ति की 🔥गर्मी ने उन्हें बांधे रखा था,


भोजन खाने के बाद अगर मीठा न खाया जाए तो खाने का टेस्ट समझ में नहीं आता है
इसी तरह ऐसे सुंदर भक्ति भरे माहौल में एक कलाकार ने अपनी कला से अपने स्वरूप से ऐसा समां बांधा की भक्त लोग कहने लगे वाह भाई 👦वाह क्या बात है चिराग कलवानी तिल्दा के रहने वाले है जो कि आज शिर्डी के सांई बाबा का स्वरूप लेकर सांई बाबा के भजन पर अपनी सुंदर प्रस्तुति दी ऐसा मनमोहन स्वरूप धारण किया कि लोग निहारते ही रह गए ऐसा लगा कि मानव सच में हम शिर्डी पहुंच गए हैं और सांई बाबा हमें दर्शन दे रहे हैं आशीष दे रहे हैं बेहतरीन अदाकारी , बेहतरीन कलाकारी ओर अपने परफॉर्मेंस से इस कलाकार ने🙋 सबका 💜❤दिल जीत लिया विगत दो दिन से चक्करभाटा चालिहा के अवसर में आ रहे हैं प्रथम दिन भक्त कवंर राम बने थे और आज शिर्डी के सांई बाबा बने तिल्दा में छोटी से दुकान है इनकी सुबह नाश्ते की दुकान लगाते हैं 6:00 बजे और इनका बचपन से ही सत्संग में जाने का भजन कीर्तन करने का शामिल होने का मोका मिलता था और दूसरे लोगों को देखते-देखते इनके भी अंदर भाव जागा कि, मैं भी ऐसा ही बड़ा होकर परफॉर्मेंस दूंगा और उनकी तरह काम करूंगा


अलग-अलग कैरेक्टर में आए स्वरूप बनाएं और कार्यक्रमों में शामिल हुए उन्होंने बताया कि देश के अलग-अलग शहरों में जाकर अलग-अलग परफॉर्मेंस दे चुके हैं कहते हैं ना कला और संस्कृति हुनर आज कल सिर्फ पैसे वालों लोगों के बच्चों में ही नहीं बल्कि छोटे-छोटे गांव में देहातों में और छोटे-छोटे काम करने वाले मजदूर फैमिली के बच्चों में भी पाया जाता है बस जरूरत है उन्हें एक प्लेटफार्म देने की फिर वह ऐसा जादू ✨🎩✨ करते हैं ऐसा कारनामा करके दिखाते हैं कि देश विदेश में अपने घर का अपने माता-पिता का अपने समाज का नाम रोशन करते हैं उनमें से एक है चिराग कलवानी ,


हमर संगवारी से चर्चा करते हुए जावेद और केशु ने बताया कि उनकी जोड़ी विगत 20 सालों से बनी है दोनों एक ही शहर ग्वालियर के हैं और एक की मोहल्ले के हैं 500 मीटर की दूरी पर दोनों का घर है उनकी मुलाकात ऐसे ही एक प्रोग्राम में हुई और वह मुलाकात हमारे प्रेम में और दोस्ती में बदली वैसा प्रेम और ऐसी दोस्ती जुड़ी की 20 सालों तक आज भी कायम है यह जोड़ी और पूरे देश भर में अपने भजनों से अपने गीतों से अपने परफॉर्मेंस से एक अलग ही मुकाम बनाया है लगभग 12 से 15 साल हो गए हैं मंदिर से जुड़े हैं और प्रतिवर्ष चालिहा उत्सव में आते हैं और आने के बाद उनके नाम में काम में चांद चांद लग गए हैं यह सब भगवान झूलेलाल की कृपा है और संतों का आशीर्वाद है
वलेचा परिवार के द्वारा संत सांई लालदास जी का स्वागत सम्मान किया गया सांई जी के द्वारा भी उनका पाखर पहनाकर सम्मान किया भगवान झूलेलाल का छाया चित्र देकर आशीर्वाद दिया

कार्यक्रम के आखिर में पल्लो पाया गया प्रार्थना की गई प्रसाद वितरण किया गया आज के इस पूरे कार्यक्रम का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे लोगों ने आज के कार्यक्रम का आनंद लिया,
बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों से भक्तजन पहुंचे थे
आज के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए
इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप बाबा गुरमुख दास सेवा समिति के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा आज के इस पूरे कार्यक्रम को कवर करने के लिए हमर संगवारी के प्रधान संपादक विजय दुसेजा विशेष रूप से चक्करभाटा कार्यक्रम में पहुंचे ओर कवर किया