बिलासपुर : ब्रम्हाकुमारी बहनों के द्वारा सावन महोत्सव मनाया गया तथा राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी राखी दीदी द्वारा अनादि ब्रह्मांड महानायक भगवान शिव के अवतरण दिवस का महत्व बताते हुए राजयोग के माध्यम से किस प्रकार से श्रेष्ठ समाज का निर्माण जाए यह भी बताया गया। आज मनुष्य के जीवन में सब कुछ है धन दौलत मोटर गाड़ी परंतु सच्ची खुशी नहीं है आज मनुष्य जीवन जी तो रहे हैं लेकिन जीने की कोई भी तमन्ना उनके अंदर नहीं रह गई है और इन सभी दुखों का कारण मनुष्य की स्वयं की कमजोरी है मनुष्य के अंदर जो पांच विकार काम क्रोध लोभ मोह और अहंकार आज उनके खुद के ही दुश्मन बन पड़े हैं लोभ के वस हम पराई वस्तु को भी अपना बना लेते हैं क्रोध के कारण मनुष्य एक दूसरे के दुश्मन बन जाते हैं और यही पांच विकार आज हमें भ्रष्ट बना देता है जो भारत सोने की चिड़िया कहलाती थी जो भारत श्रेष्ठ था आज वही भारत भ्रष्ट हो गया है। क्योंकि आज के मनुष्य के अंदर ना भाव है ना भावना आज के मनुष्य अंदर से खाली होने के कारण मंदिर मस्जिद जाते हैं सच्ची मन की शांति के लिए परंतु मंदिर या मस्जिद जाने से क्षण भर के लिए शांति की प्राप्ति होती है।

फिर जैसे ही मनुष्य कार्य व्यवहार में आते हैं फिर से उनके अंदर कि यह पांच विकार बाहर आने लगती है और यह बुराइयां हमारे अंदर तभी आती है जब हम उस परमपिता परमात्मा को नहीं जानते। भगवान का वास्तविक परिचय नहीं होने के कारण हम दर-दर भटकते हैं हम सच्ची सुख शांति ढूंढने के लिए जंगलों में मंदिरों में और अनेक जगह जाते हैं परंतु सच्ची सुख और शांति केवल हमें परमात्मा ही देता है और परमात्मा से जुड़ने का सही रास्ता राजयोग है राजयोग हमें भ्रष्टाचारी से श्रेष्ठाचारी बनाता है राजयोग से हमें स्वयं की और परमात्मा की पहचान मिलती है आज हम ना तो खुद को जानते हैं और ना ही परमात्मा को जानते हैं जिस कारण हम दुखी हैं राजयोग एक ऐसी विद्या है, जो हमें स्वयं का भी पहचान देती है और परमात्मा का भी पहचान देती है और जब हम स्वयं को पहचान कर उस परमात्मा को याद करते हैं तभी हमें सच्चे सुख और शांति मिलती है और यही सुख और शांति अविनाशी है
आप सभी अपने जीवन में इस अविनाशी सुख और शांति का अनुभव करने के लिए नि:शुल्क राजयोग की विद्या जरूर सीखें और अपने आसपास के नजदीकी ब्रह्माकुमारीज सेवा केंद्र में जाकर राजयोग का लाभ ले सकते हैं।