ज्ञात हो के 03/12/ 2020 को सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने अपने पत्र जारी कर संबंधित विभाग को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे पैसे 267 लोगों के विरुद्ध कार्यवाही करने का आदेश जारी किया परंतु इस आदेश के 25 महीना बीत जाने के बाद भी सरकार ने किसी भी की तरह कार्रवाई उन फजी जाति प्रमाण पत्र धारकों के ऊपर नहीं किया एक लंबे समय अंतराल तक इंतजार करने के बाद हमने दिनांक 16/05/2023 को सामान्य प्रशासन विभाग में जाकर आवेदन किया तथा उन फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की परंतु शासन ने इस और ध्यान नहीं दिया और कार्रवाई नहीं की इसके उपरांत दिनांक 06/06/2023 को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) रायपुर को पत्र लिखकर सूचित कर हमारे युवा साथियों ने आमरण अनशन किया 10 दिन तक चली इस आमरण अनशन में हमारे साथियों को मरणासन्न अवस्था में अस्पताल दाखिल कराया गया परंतु शासन प्रशासन ने ना ती आंदोलनकारियों की कोई सुध ली और ना ही हमारे मांग पर ध्यान दिया। वे फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारक अभी भी नौकरी पर बने हुए हैं जब सरकार हमारे आवेदन पर हमारे आंदोलन पर किसी भी प्रकार से कार्यवाही नहीं कर रही थी तब हमारे 29 युवा साथियों ने दिनांक 18/07/2023 को विधानसभा के सामने नग्न प्रदर्शन करने का फैसला किया नग्न प्रदर्शन से एक महीना पहले दिनांक 28/06/2023 को जिला कलेक्टर रायपुर को पत्र लिखकर सूचना दी परंतु सरकार ने इन्हें नजरअंदाज किया।
ऐसी परिस्थिति में दुखी होकर हमारे साथियों ने पूर्व से निर्धारित दिनांक 18 जुलाई 2023 को विधानसभा के पास नग्न प्रदर्शन करने पर मजबूर हुए सरकार ने हमारे आंदोलनकारी साथियों को गिरफ्तार किया रायपुर पुलिस ने बर्बरता पूर्वक उनकी पिटाई की और उन्हें जेल में बंद कर दिया प्रदर्शनकारियों पर लोक सेवक पर हमला करने जैसी झूठी धारा लगाकर उनके मनोबल को तोड़ने के लिए आंदोलन को कुचलने के लिए ताकि भविष्य में कभी अपने अधिकार की लड़ाई ना ला लड़ सके ऐसी कुत्सित मानसिकता के साथ गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई किया है और उन्हें जेल में बंद कर रखा है, इसके अलावा जो युवा इस आंदोलन में भाग नहीं ले रहे थे ऐसे 6 युवाओं को भी बिलासपुर जेल में बंद कर रखा है, कई सामाजिक कार्यकर्ताओं के घर में जाकर पुलिस द्वारा धमकाया गया है, इस तरह सरकार के द्वारा कानून का खुलेआम दुरुपयोग किया गया है। हमारे आंदोलन के बाद दिनांक 20/07/2023 को 11 फर्जी जाति प्रमाणपत्र धारकों पर कार्रवाई का आदेश हुआ है। विदित हो कि उपरोक्त फर्जी जाति प्रमाण पत्र का घोटाला विगत 23 वर्षों में हुआ है जिसमें 15 वर्ष तक बीजेपी की सरकार थी जिनके कार्यकाल में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे सामान्य वर्ग के लोगों ने नौकरी प्राप्त की है और इस तरह शासन और वास्तविक अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को नुकसान पहुंचाया है पिछले 4 साल से कांग्रेस की सरकार है इसने भी उन फर्जी जाति प्रमाणपत्र धारकों के ऊपर कार्यवाही ना करते हुए बल्कि उन अपराधियों को संरक्षण दिया है, इस तरह से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी की सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के साथ विश्वासघात और धोखा अन्याय और अत्याचार किया है।
इन आंदोलनकारियों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के युवा शामिल है आज इस प्रेस वार्ता में अनुसूचित जाति एवं जनजाति समाज के लोग संयुक्त रूप से सरकार से निम्नलिखित मांग कर रहे हैं-
- उन 267 फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों के विरुद्ध जल्द से जल्द कार्रवाई करें उन्हें गिरफ्तार करे।
- अपने हक अधिकार के लिए आंदोलन करने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के युवाओं को सरकार ने जेल से निः शर्त रिहा करें। यदि सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समाज मिलकर पूरे प्रदेश में उम्र
आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी सरकार की होगी।