युवा विंग चढ़ी राजनीति की भेंट

काफी मुद्दत के बाद बड़े अरमानों प्यार , सम्मान से समाज के वरिष्ठ जनों ने युवा विंग का गठन किया इन आशाओं और अपेक्षाओं के साथ समाज के ऊर्जावान युवाओ के माध्यम से समाज में युवाओं को एक साथ जोड़ा जाएगा युवाओं का भविष्य बनाया जाएगा युवाओं को आगे बढ़ाया जाएगा और कई सारे ख्वाब और सपने दिखाए गए थे पर जैसे नेता लोग राजनीतिक में सिर्फ घोषणा ही करते हैं अमल का समय आता है तब तक गंगा में बहुत पानी बह‌ जाता है ठीक वैसे ही बिलासपुर में भी जब युवा विंग का गठन किया गया था बहुत बड़े बड़े सपने दिखाए गए थे पर वह सपने सपने ही रहे युवा विंग सिर्फ राजनीति का अखाड़ा बन गया है जैसे समाज में अलग ग्रुप है वैसे ही युवा विंग में भी है
हर कोई चाहता है कि कुर्सी मुझे मिले या मेरे किसी साथी को मिले और पैसे वाले का ही दबदबा है गरीबों मध्यमवर्गीय की कोई सुनवाई नहीं है और अपनी टीम में किसी दूसरे को आने देते नहीं हैं सिर्फ उनकी हां में हां मिलाएं चापलूसी करें वही शामिल हो सकते हैं भूले भटके कोई अगर अच्छा आदमी आ भी जाता है तो उनकी राजनीति का शिकार होकर बेचारा किनारे हो जाता है कोई अगर सच कहने की हिम्मत करता है उसे चुप करा दिया जाता है कोई अच्छा सुझाव देता है तो उसे एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल दिया जाता है क्या बिलासपुर के समस्त योग्य ऊर्जावान युवा विंग में शामिल हैं ? समाज के वरिष्ठ जनों ने युवाओं में फैल रही कुरीतियों को दूर करने के लिए कोई कार्यक्रम आयोजित किया है?
आज हमारे युवा शराब और नशे की लत में पड़ गए हैं या कभी उन्हें सही राह में लाने के लिए कोई कार्य योजना बनाई है या कोई कार्य किया है ?

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सिर्फ चेटीचंड का जुलूस निकालना डांडिया करवाना और क्रिकेट मैच करवाना ही काम इनके हाथ में रह गए हैं क्या इनको भी सिर्फ दुकान की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है ?
क्या युवा विंग चंदा वसूली के लिए बनी है?
डांडिया चेटीचंड क्रिकेट मैच के जो बड़े आयोजन होते हैं उसमें छोटे गरीब और मध्यम वर्ग के युवाओं की तो कोई सुनवाई नहीं होती है और बड़े-बड़े सेलिब्रिटी को बुलाया जाता है अपने साथ मंच पर बिठाया जाता है फोटो खींचा जाता है अपने साथियों से बुलाया जाता है पर जो बेचारे काम करते हैं उनको दूर ही बिठाया जाता है ताकि कार्यक्रम खत्म होने के बाद इसका फायदा सिर्फ बड़े लोगों को मिल सके पूरी टीम को ना मिले यह मंच का इस्तेमाल अपने लिए करते हैं युवा टीम का नाम लेते हैं आज तक कितने युवाओं का आपने भला किया है कोरोना काल हो या मंदी की मार हो कभी उन जरुरत मंद युवाओं से पूछा है कि आपकी तकलीफ क्या है परेशानी क्या है बताओ ?
दो पाटों के बीच में गरीब युवा पीस रहा है इसलिए अभी युवा विंग में कोई शामिल होना नहीं चाहता है जो है भी वह भी किनारे बैठ कर तमाशा देख रहे हैं उन्हें पता है कि हमारी सुनवाई नहीं होगी

युवा विंग डूबता हुआ टाइटेनिक बन गया है युवा विंग कब समुंदर की लहरों में डगमगाए और डूब जाए कह नही सकते है
इंसान हो देव हो या दानव हो उसके अंदर अहंकार जन्म लेता है तो उसका विनाश निश्चित होता है जिस घर में जिस संस्था में
मैं का जन्म होता है कुर्सी का मोह होता है वह भी टुकड़े-टुकड़े हो जाती हैं
एक समय था जब अन्य समाजों से हमारे समाज को श्रेष्ठ कहते थे हमारे समाज को प्रेरणादायक माना जाता था लोग प्रेरणा लेते थे पर आज हर जगह हमारी क्या हालत है सभी जानते हैं नेता सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल करता है बड़े लोग अपने लिए आज युवा कहां हैं क्या कर रहा है किसी को मतलब नहीं है बस अपनी कुर्सी और राजनीतिक चलनी चाहिए
बस कुर्सी में कोई भी बैठे अपना आदमी होना चाहिए पॉलिटिक्स हर जगह समा गई है और जहां पॉलिटिक्स आ जाती है महाभारत वही शुरू हो जाता है और अंत में क्या होता है सबने महाभारत देखी है सुनी है
क्या युवा विंग का उद्धार होगा
यां यह भी समय के साथ साथ अपने अंत समय में पहुंच जाएगी या सिर्फ कुछ लोगों की प्रॉपर्टी बन जाएगी? इसका फैसला तो आब खुद उस टीम में रहने वाले युवाओं को करना होगा उनका भविष्य कहां है
सच की ओर झूठ की ओर अच्छाई की ओर या बुराई की ओर?

    फैसला आप स्वयं करो?