महंत आनंतपुरी गोस्वामी जी के सानिध्य में साहो मंगलवार मनाया गया, राग टूटे तो टूटे पर अनुराग न टूटे, पीपल का पेड़ 24 घंटा ऑक्सीजन देता है,,सांई हंसराम

रायपुर : साओ मंगलवार श्री गुरु जीवतपूरी, श्री दुर्गा मंदिर मढ़ि लिली चौक रायपुर मैं धूमधाम के साथ मनाया गया कार्यक्रम रात्रि 8:00 बजे आरंभ हुआ 12:00 बजे समापन हुआ कार्यक्रम की शुरुआत मां दुर्गा एवं गुरु जीवतपुरी गोस्वामी जी एवम् श्री गुरु किशनपूरी जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण कर दीप प्रज्ज्वलित करके की गई कार्यक्रम में कई शहरों से 🎤 आए हुए गायको ने अपनी सुरीली आवाज से एक से बढ़कर एक मधुर भक्ति भरे भजन व गीत गाए जीसे सुनकर उपस्थित भक्तजन झूम उठे
ईस अवसर पर रीवा मध्य प्रदेश के संत सांई हंस राम जी सह परिवार विशेष रूप से आज के कार्यक्रम में शामिल हुए अपनी अमृतवाणी से सारी संगत को सत्संग के माध्यम से निहाल किया उन्होंने फरमाया संनातन धर्म का सूत्र जो है हमें नहीं भूलना चाहिए और सृष्टि के पहले भी संनातन धर्म था और सृष्टि के बाद भी संनातन धर्म रहेगा अनादि काल तक रहेगा और सबसे बड़ा धर्म जो है वह संनातन धर्म ही है और जो संनातन सूत्र है वह हमें अज्ञानता से बाहर निकाल कर ज्ञान की ओर ले जाता है हमारे जो पुराने ऋषि मुनि संत थे साधु महात्मा थे उन्होंने वेदों के माध्यम से ग्रंथ के माध्यम से आने वाले समय में के बारे में क्या घटनाएं घट सकती हैं कौन सी आपदा आ सकती है इसका वर्णन पूरा उन्होंने दे दिया था जीवन को किस हिसाब से जीना है वह दुखों का अंत कैसे होगा बीमारियों के इलाज कैसे होगा?

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इस सारी बातों को वर्णन हमारे ग्रंथ में आज भी मौजूद हैं पर दुख की बात यह है कि आज की वह पीढ़ी समय के साथ-साथ उन्हें भूल चुकी है और जो हमारे बड़े बुजुर्ग थे वह भी अब कई इस दुनिया से भगवान के पास जा चुके हैं लेकिन जो संत महात्मा आज यहां मौजूद हैं और जो सच्चे संत हैं वह संनातन धर्म के सूत्र को ही पड़कर आगे चलते हैं जितने पेड़ हैं उनमें से सबसे सर्वश्रेष्ठ 🌳पेड़ अगर है तो वह पीपल का पेड़ है बाकी पेड़ 12 घंटा ऑक्सीजन देते हैं पर पीपल का 🌳पेड़ है जो 24 घंटे ऑक्सीजन देता है आजकल लोग संनातन सूत्र को वह धर्म ग्रंथो को नहीं मानते मेडिकल साइंस को मानते हैं तो मेडिकल साइंस भी इस बात को साबित कर देगी कि जो हमने कहा है वह जो संनातन हमारे जो ग्रंथ हैं उनमें जो लिखा है वह सत्य है लेकिन हमें समझ में नहीं आता है क्योंकि हम घर की मुर्गी दाल बराबर हैं और यही बात को अगर कोई दूसरा बाहर का व्यक्ति कहता है हम उसे मान लेते हैं हमारे ग्रंथ हमारी जड़ी बूटियां को विदेशी लोग ले जाकर इसके शोध करते हैं 📚✏अध्ययन करते हैं वह इन्हीं से ही दवाइयां व अन्य आइटम बनाकर वापस हमारे देश में भेज देते हैं और जिसे हम खुशी-खुशी महंगे दामों में खरीद कर खाते हैं वह उनकी बातों पर भरोसा करते हैं संनातन धर्म में 💆योग करो व्यायाम करो बहुत पहले ही कहा गया था लेकिन हम लोगों ने उस पर विश्वास नहीं किया और अब वही घूम फिर कर योग योगा बनाकर हमारे पास आ गया है तो हम योगा करते हैं कई सारी ऐसी चीज हैं जिसे हम खाते नहीं हैं और वही चीज का नाम बदलकर अन्य कंट्री अन्य देश हमारे यहां भेजते हैं इंपोर्ट तो हम उसे खरिदते महंगे दामों में सनातन धर्म में कई सारी ऐसी बातें हैं अगर उसका आप अध्ययन करोगे वह अमल करोगे तो आपका जीवन 100 साल से ऊपर आप जी सकते हो और आपको एक गोली भी खाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और आप एक बार भी बीमार नहीं पढ़ोगे 100% गारंटी के साथ इतनी गारंटी तो डॉक्टर भी नहीं देगा

लेकिन संनातन धर्म के ग्रंथ और संनातन सूत्र आपको देता है आप अमल करके देखिए मंदिर की घंटी में मंदिर के शंक में वह हवन में कलशपूजन के पानी में ऐसे ऐसे उपाय हैं अगर आप उसे ध्यान से समझेंगे वह अमल करेंगे तो आपके सारे दुख दर्द दूर हो जाएंगे हम अपने संनातन से दूर जा रहे हैं इसीलिए बीमारियां और दुख तकलीफें हमारे पास आ रही है इसका कारण हम खुद हैं आखिरी में हम कहते हैं कि भगवान ने यह किया उस व्यक्ति ने ऐसा किया गलत हम खुद है ओर अपने पांव में खुद ही कुल्हाड़ी मारी है अपने संनातन सूत्र को भूलकर अन्य धर्म और अन्य पंथो में बट कर हम अपने आप को ही दुख तकलीफ पहुंचा रहे हैं वह आने वाले पीढ़ी को भी तकलीफ दे रहे हैं हमारे बड़े बुजुर्ग जो बताकर गए थे अगर आप उसे ध्यान से याद करोगे और अमल करोगे तब भी आपका फायदा ही फायदा होगा अपनी संस्कृति अपने तीज त्यौहार को आप क्यों भुलते जा रहे हो आज सोशल मीडिया के माध्यम से हजारों बातें ज्ञान की आती है पर हम उसे ग्रहण नहीं करते जो बाकी बातें आज्ञान की अंधकार की उसको ग्रहण करते हैं जिसका नतीजा आप सबके सामने हैं उन्होंने एक प्रसंग सुनाया मीराबाई एक मंदिर में मीराबाई अपने प्रभु भगवान श्री कृष्ण को भजन के माध्यम से प्रसन्न कर रही थी तब एक संगीतकार वहां से गुजरा और 2 मिनट रुक कर 👂सुना तो मीरा के जो राग थे वह सही नहीं थे लेकिन वह बीच में कुछ नहीं बोल जाते-जाते दीवाल में लिखकर गया मिरा अपने राग को ठीक करो जब भजन समाप्त हुआ तब मीरा ने दीवाल में देखा और उन्होंने कहा

(राग टूटे तो टूटे पर अनुराग न टूटे )

कहने का तात्पर्य यह है कि भले ही हमारा राग ठीक ना हो हमारा राग सही ना हो पर हमारा भाव अच्छा होना चाहिए दिल से होना चाहिए और भगवान भाव को देखते हैं अगर कोई छोटा बच्चा तोतला कर बात करता है तो माता-पिता भी बहुत खुश होते हैं हंसते हैं उसी तरह भगवान भी भाव को देखते हैं भाव अगर आपका सच्चा है तो फिर भगवान आपके पास आ जाएंगे आपको ऐसे प्रसन्न हो जाएंगे और मेरे भाव मेरे कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए हैं ना की दुनिया को पसंद करने के लिए इसका मतलब यह है कि आप दिखावा न करें सच्चे मन से भाव से अपने माता-पिता की संत महात्माओं की वह प्रभु की भक्ति करें सिमरन करें सेवा करें इसमें ही आपका भला है और संनातन धर्म भी आगे बढ़ेगा इस अवसर पर मंदिर के मंहत गुरुजी अनंत पुरी गोस्वामी जी ने भी साहो मंगलवार की आए हुए सभी भक्तजनों को बधाइयां और शुभकामनाएं दी और कहा कि जैसा कि संत ने बताया है सनातन धर्म के लिए वह बिल्कुल 100% सत्य कहा है संनातन धर्म व जो हमारे सूत्र है

उसको पकड़ कर ही हम अगर चलेंगे तो हम भगवान की प्राप्ति कर सकते हैं और दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की कर सकते हैं पर आज लोग भेड़ बकरियों की तरह आगे देख रहे ना पीछे देख रहे हैं बस एक के पीछे चले जा रहे हैं कहने का मतलब है कि पंथो में बट रहे हैं जिसका कारण समाज के लोग पैसे तो कमा रहे हैं लेकिन वह पैसा कहां जा रहा है गलत कार्यों में जा रहा है कोर्ट कचहरी में जा रहा है डॉक्टर के पास जा रहा है आज के बच्चे गलत रहा पर जा रहे हैं छोटे-छोटे बच्चों को मंदिर में सत्संग में ले जाना चाहिए ताकि अपनी जड़ों से अपनी संस्कृति से अभी से जुड़ सके
मंदिर के सेवादारियों के द्वारा संत सांई हंसराम जी का फूलमाला पहनाकर शाल श्रीफल से सम्मान किया गया संत जी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए , साहो मंगलवार की महिमा क्या है उन्होंने विस्तार से जानकारी दी
कार्यक्रम के आखिर में पल्लव पाया गया अरदास की गई विश्व कल्याण के लिए प्रार्थना की गई की गई प्रसाद वितरण किया गया आए हुए सभी भक्तजनों के लिए आम भंडारा का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में भक्त जनो ने भंडारा ग्रहण किया आज के इस पूरे कार्यक्रम का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे लोगों ने आज के कार्यक्रम का आनंद लिया इस कार्यक्रम को कवर करने के लिए हमर संगवारी के प्रधान संपादक विजय दुसेजा बिलासपुर से रायपुर विशेष तौर पर पहुंचे वह कार्यक्रम को कवर किया

महामृत्युंजय मन्त्र, इसकी उत्पत्ति की कथा और महत्व के साथ , पूर्ण सुनना आवश्यक है:  https://www.youtube.com/watch?v=L0RW9wbV1fA